धनबाद: जिले की साहियाओं ने धनबाद सिविल सर्जन कार्यालय से बुधवार को रैली निकाल कर सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. बताते चलें कि झारखंड में 42 हजार स्वास्थ्य सहिया 23 जनवरी से हड़ताल पर हैं. झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ के बैनर तले स्वास्थ्य सहियाओं की हड़ताल जारी है. स्वास्थ्य सहियाओं का कहना है कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आश्वासन के बाद भी मांगें पूरी नहीं हुई हैं.
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सहियाओं को मात्र दो हजार रुपए मिलती है प्रोत्साहन राशिः इस संबंध में झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ की नीलम देवी ने कहा कि सहियाओं को मात्र दो हजार रुपए प्रोत्साहन राशि सरकार की तरफ से मिलती है. हमलोग एक दशक से अधिक समय से अपना काम कर रहे हैं. इतनी राशि में परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. सभी सहिया आर्थिक तंगी से गुजर रही हैं और सरकार हमारी मांगों को लेकर उदासीन है. जबकि हमसे टीकाकरण अभियान, गर्भवती महिलाओं की जांच, कुपोषित बच्चों की देखभाल, जच्चा-बच्चा सुरक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बैठक कराने, फाइलेरिया और क्षय रोगियों की पहचान कर डॉट्स की दवा उपलब्ध कराने, सुरक्षित प्रसव कराने का काम लिया जाता है.
सहियाओं ने सरकार को दी आरपार की लड़ाई लड़ने के चेतावनीः नीलम देवी ने यह भी कहा कि धनबाद जिले में लगभग 2200 साहिया का सब्र बांध अब टूट गया है. झारखंड के मुख्यमंत्री अब तक कान में रूई डालकर सोए हुए हैं. जबकि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता हम सभी साहिया बहनों को आश्वासन दिए थे कि आप लोग के साथ समन्वय बनाकर आपकी जो भी मांगें हैं वह पूरी कर दी जाएगी, लेकिन आश्वासन के बावजूद भी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता हम सभी के साथ जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. इसलिए अब सभी साहिया बहनों का सब्र टूट चुका है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नीतियों और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो गए हैं.