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पारंपरिक हथियारों से लैस रैयतों ने बंद कराई BCCL की आउटसोर्सिंग, पुलिस के साथ भी की नोकझोंक - रैयतों ने बंद कराई BCCL की आउटसोर्सिंग

धनबाद के बीसीसीएल एरिया वन के मुराईडीह स्थित माइनोप आउटसोर्सिंग (minoop outsourcing) में पारंपरिक हथियार के साथ पहुंचे आदिवासी महिलाओं और पुरुषों ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उनकी ओर से पुलिस की नोकझोंक भी हुई.

ryots protest in minoop outsourcing in dhanbad
रैयतों ने बंद कराई BCCL की आउटसोर्सिंग
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Published : Jun 1, 2021, 5:09 PM IST

धनबादः बीसीसीएल एरिया वन के मुराईडीह स्थित माइनूप आउटसोर्सिंग (minoop outsourcing) में मानो देवी और मनसा टुडू के नेतृत्व में कई आदिवासी महिला और पुरुष पारंपरिक हथियार के साथ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कंपनी के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी और वे धरने पर बैठ गए. आरोप है कि कंपनीकर्मियों से भी रैयतों (ryots) की ओर से मारपीट की गई. आक्रोशित लोगों ने बीसीसीएल, आउटसोर्सिंग प्रबंधन और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- BCCL की बेरुखी से अस्पताल बदहाल, देखरेख के अभाव में बेकार हो रहे संसाधन

पुलिस और रैयत की तीखी नोकझोंक
सूचना पर बाघमारा डीएसपी निशा मुर्मू, बरोरा थाना प्रभारी बंधन तिर्की, बाघमारा थाना प्रभारी सूबेदार यादव, एसआई उपेंद्र यादव, शरत कुमार, नीरज कुमार सहित अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा और रैयत को समझाने का प्रयास किया. लेकिन आंदोलनकारियों ने धरना स्थल से हटने से इनकार कर दिया. पुलिस के साथ रैयत की तीखी नोकझोंक भी हुई. आंदोलनकरियों को अपना पारंपरिक हथियार अलग करने को पुलिस ने कहा, लेकिन अपने पारंपरिक हथियार हटाने से रैयत ने मना कर दिया.

जमीन को खाली कराने की मांग
वहीं रैयत का कहना है कि झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री है, लेकिन गरीब आदिवासी की जमीन जबरन बीसीसीएल, आउटसोर्सिंग कंपनी हथिया रही हैं. जमीन पर उत्खनन के साथ कॉलोनी का निर्माण कराया जा रहा. आंदोलन करने पर जेल भिजवा दिया जाता है. 2015 से लगातार आंदोलन कर रहे. आंदोलनकारियों ने जमीन को खाली कराने की मांग की है.

धनबादः बीसीसीएल एरिया वन के मुराईडीह स्थित माइनूप आउटसोर्सिंग (minoop outsourcing) में मानो देवी और मनसा टुडू के नेतृत्व में कई आदिवासी महिला और पुरुष पारंपरिक हथियार के साथ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कंपनी के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी और वे धरने पर बैठ गए. आरोप है कि कंपनीकर्मियों से भी रैयतों (ryots) की ओर से मारपीट की गई. आक्रोशित लोगों ने बीसीसीएल, आउटसोर्सिंग प्रबंधन और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया.

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पुलिस और रैयत की तीखी नोकझोंक
सूचना पर बाघमारा डीएसपी निशा मुर्मू, बरोरा थाना प्रभारी बंधन तिर्की, बाघमारा थाना प्रभारी सूबेदार यादव, एसआई उपेंद्र यादव, शरत कुमार, नीरज कुमार सहित अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा और रैयत को समझाने का प्रयास किया. लेकिन आंदोलनकारियों ने धरना स्थल से हटने से इनकार कर दिया. पुलिस के साथ रैयत की तीखी नोकझोंक भी हुई. आंदोलनकरियों को अपना पारंपरिक हथियार अलग करने को पुलिस ने कहा, लेकिन अपने पारंपरिक हथियार हटाने से रैयत ने मना कर दिया.

जमीन को खाली कराने की मांग
वहीं रैयत का कहना है कि झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री है, लेकिन गरीब आदिवासी की जमीन जबरन बीसीसीएल, आउटसोर्सिंग कंपनी हथिया रही हैं. जमीन पर उत्खनन के साथ कॉलोनी का निर्माण कराया जा रहा. आंदोलन करने पर जेल भिजवा दिया जाता है. 2015 से लगातार आंदोलन कर रहे. आंदोलनकारियों ने जमीन को खाली कराने की मांग की है.

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