धनबाद: जिले का बार एसोसिएशन इन दिनों काफी चर्चा में है. बार एसोसिएशन का चुनाव हुए महज दो महीने हुए हैं. लेकिन इन दो महीने में ही एसोसिएशन अल्पमत में आ गया है. चुनाव में जीत कर आए पदाधिकारियों का इस्तीफा देने का सिलसिला लगातार जारी है. अब तक कुल 9 पदाधिकारी अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. इस्तीफा दे चुके पदाधिकारियों ने एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव के ऊपर तानाशाही रूप से काम करने का आरोप लगाया है. यही नहीं इस्तीफा दे चुके पदाधिकारी विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की बात भी कर रहे हैं. पदाधिकारियों ने एसोसिएशन का अकाउंट बंद करने की भी अपील की है.
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इस्तीफा दे चुके पदाधिकारियों के बारे में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय ने कहा कि उन्हें इस्तीफे की जानकारी नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने अन्य पदाधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोपों को भी निराधार बताया है.
बार एसोसिएशन में पदाधिकारियों के इस्तीफे को लेकर अन्य वकीलों ने इसकी सराहन की है. वकीलों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए यह शुभ संकेत है. पदाधिकारियों ने जो वादा किया था, उस वादे को पूरा करने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है. वकीलों ने कहा कि इस कदम से निश्चित तौर पर एसोसिएशन में भ्रष्टाचार करने वाले पर अंकुश लग सकेगा. वहीं कुछ वकीलों का मानना है कि इससे विकास के कार्य अवरुद्ध हो जाएंगे.
इन्होंने सौंपा इस्तीफा: कोषाध्यक्ष मेघनाथ रवानी, उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो, संयुक्त सचिव केदारनाथ महतो, सहायक कोषाध्यक्ष दीपक शाह और कार्यकारिणी के पांच सदस्य अनिल त्रिवेदी, ललन गुप्ता भारती श्रीवास्तव, राजन पाल और विजय पांडे ने इस्तीफा दिया है. इनके द्वारा स्टेट बार को इस्तीफा सौंपा गया है. इनके इस्तीफे के बाद एसोसिएशन अल्पमत में आ गई है. इस्तीफा दे चुके पदाधिकारियों ने एसोसिएशन के अकाउंट पर रोक लगाने की अर्जी भी बैंक को दे रखी है.