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धनबाद में धूमधाम से निकली भगवान जगन्नाथ की यात्रा, विशेष रथ पर हैं सवार - धनबाद न्यूज

धनबाद में धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई है. जिसमें हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए हैं. देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है.

Rath Yatra of Lord Jagannath started with pomp in Dhanbad
Rath Yatra of Lord Jagannath started with pomp in Dhanbad
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Published : Jun 20, 2023, 12:58 PM IST

Updated : Jun 20, 2023, 1:55 PM IST

देखें वीडियो

धनबादः इस्कॉन संस्था धनबाद की ओर से जिले में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली गई. भगवान जगन्नाथ को ऑटोमेटिक रथ पर सवार किया गया. जिसे आईआईटी आईएसएम के छात्रों के द्वारा कड़ी मेहनत के बाद बनाया गया है. सरायढेला स्थित शिव मंदिर प्रांगण से रथ यात्रा की शुरुआत की गई. विधायक राज सिन्हा समेत हजारों भक्तों की भीड़ रथ यात्रा के दौरान उमड़ पड़ी. आईआईटी के छात्र और महिलाएं रथ के आगे ढोल झाल और मृदंग के साथ नृत्य करते नजर आए. रथ की रस्सी को खींचने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

ये भी पढ़ेंः विशेष रथ पर सवार होंगे भगवान जगन्नाथ, आईआईटियन की टीम ने किया है तैयार

वहीं इस्कॉन संस्था के प्रेमदास ने बताया कि आईआईटी आआईएसएम के इलेक्ट्रिकल और इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों के द्वारा इस विशेष रथ को तैयार किया गया है. 30 फुट के गुंबद वाले रथ पर भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं. रास्ते में तार या फिर किसी तरह के आने वाले अवरुद्ध के दौरान इसे बटन के जरिए 30 फीट से नीचे किया जा सकता है.

सरायढेला से शुरू हुई रथ यात्रा शहर हीरापुर हटिया, रणधीर वर्मा चौक और एसएसएलएनटी होते हुए गोल्फ ग्राउंड पहुंचेगी. रथ यात्रा के दौरान 5 स्थानों पर ठहराव है. जहां भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा. शाम के करीब 4 से 5 बजे के बीच रथ यात्रा गोल्फ ग्राउंड पहुंचेगी. शाम 5 बजे के बाद गोल्फ ग्राउंड में एक वृहद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है. कार्यक्रम में करीब 20 से 25 हजार भक्तों के शामिल होने का अनुमान है.

उन्होंने बताया कि इस भीषण गर्मी में भगवान को भी काफी गर्मी लगती है. श्रद्धालुओं के द्वारा स्नान पूर्णिमा के तहत उन्हें जल से स्नान कराया जाता है. आज से 10 दिन पहले भगवान को स्नान पूर्णिमा के तहत ठंडे पानी से स्नान कराने के कारण सर्दी लग जाती है. पिछले 15 दिन वह बीमार रहते हैं. किसी को भी दर्शन नहीं देते हैं. जब वह स्वस्थ होकर दर्शन देते हैं तो नेत्र उत्सव मनाया जाता है. नेत्र उत्सव वाले दिन भगवान भक्तों को दर्शन देते हैं. लेकिन भगवान अपने भक्तों से मिलकर संतुष्ट नहीं होते हैं. कई सारे भक्त दर्शन के लिए नहीं पहुंच पाते हैं. इसलिए भगवान कहते हैं कि मुझे रथ पर बैठा कर बाहर ले चलो. जो भक्त मेरा दर्शन करने नहीं पहुंचे हैं मैं उनके समक्ष जाऊंगा.

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धनबादः इस्कॉन संस्था धनबाद की ओर से जिले में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली गई. भगवान जगन्नाथ को ऑटोमेटिक रथ पर सवार किया गया. जिसे आईआईटी आईएसएम के छात्रों के द्वारा कड़ी मेहनत के बाद बनाया गया है. सरायढेला स्थित शिव मंदिर प्रांगण से रथ यात्रा की शुरुआत की गई. विधायक राज सिन्हा समेत हजारों भक्तों की भीड़ रथ यात्रा के दौरान उमड़ पड़ी. आईआईटी के छात्र और महिलाएं रथ के आगे ढोल झाल और मृदंग के साथ नृत्य करते नजर आए. रथ की रस्सी को खींचने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.

ये भी पढ़ेंः विशेष रथ पर सवार होंगे भगवान जगन्नाथ, आईआईटियन की टीम ने किया है तैयार

वहीं इस्कॉन संस्था के प्रेमदास ने बताया कि आईआईटी आआईएसएम के इलेक्ट्रिकल और इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों के द्वारा इस विशेष रथ को तैयार किया गया है. 30 फुट के गुंबद वाले रथ पर भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं. रास्ते में तार या फिर किसी तरह के आने वाले अवरुद्ध के दौरान इसे बटन के जरिए 30 फीट से नीचे किया जा सकता है.

सरायढेला से शुरू हुई रथ यात्रा शहर हीरापुर हटिया, रणधीर वर्मा चौक और एसएसएलएनटी होते हुए गोल्फ ग्राउंड पहुंचेगी. रथ यात्रा के दौरान 5 स्थानों पर ठहराव है. जहां भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा. शाम के करीब 4 से 5 बजे के बीच रथ यात्रा गोल्फ ग्राउंड पहुंचेगी. शाम 5 बजे के बाद गोल्फ ग्राउंड में एक वृहद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है. कार्यक्रम में करीब 20 से 25 हजार भक्तों के शामिल होने का अनुमान है.

उन्होंने बताया कि इस भीषण गर्मी में भगवान को भी काफी गर्मी लगती है. श्रद्धालुओं के द्वारा स्नान पूर्णिमा के तहत उन्हें जल से स्नान कराया जाता है. आज से 10 दिन पहले भगवान को स्नान पूर्णिमा के तहत ठंडे पानी से स्नान कराने के कारण सर्दी लग जाती है. पिछले 15 दिन वह बीमार रहते हैं. किसी को भी दर्शन नहीं देते हैं. जब वह स्वस्थ होकर दर्शन देते हैं तो नेत्र उत्सव मनाया जाता है. नेत्र उत्सव वाले दिन भगवान भक्तों को दर्शन देते हैं. लेकिन भगवान अपने भक्तों से मिलकर संतुष्ट नहीं होते हैं. कई सारे भक्त दर्शन के लिए नहीं पहुंच पाते हैं. इसलिए भगवान कहते हैं कि मुझे रथ पर बैठा कर बाहर ले चलो. जो भक्त मेरा दर्शन करने नहीं पहुंचे हैं मैं उनके समक्ष जाऊंगा.

Last Updated : Jun 20, 2023, 1:55 PM IST
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