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Mission Airport in Dhanbad: धनबाद में एयरपोर्ट नहीं होने से IIT-ISM की रैंकिंग में आ रही गिरावट, छात्रों के ऊपर भी पड़ रहा असर

धनबाद में एयरपोर्ट नहीं होने के कारण आईआईटी-आईएसएम को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. आईआईटी-आईएसएम की रैंकिग में गिरावट आ रही है, कोई गेस्ट यातायात सुविधाओं का हवाला देकर संस्थान में नहीं आना चाहते हैं.

Ranking of IIT ISM dhanbad
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 13, 2023, 4:56 PM IST

प्रो धीरज कुमार, डिप्टी डायरेक्टर, आईआईटी-आईएसएम

धनबाद: जिले में काफी अरसे से एक एयरपोर्ट की मांग हो रही है. एयरपोर्ट के ना होने से एक ओर जहां लोगों को कहीं दूर के हवाई सफर करने के लिए रांची, देवघर या कोलकात्ता जाना पड़ता है. वहीं झारखंड के गौरव के रूप में विख्यात धनबाद के आईआईटी-आईएसएम को भी इसका नुकसान उठाना पड़ता है. एयरपोर्ट नहीं होने के कारण आईआईटी-आईएसएम की रैंकिग में भी गिरावट आ रही है. इसे लेकर आईआईटी-आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो धीरज कुमार से बात की गई और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं के बारे में जाना गया.

यह भी पढ़ें: Drone Survey Training: IIT ISM में छात्र सीख रहे ड्रोन से माइनिंग क्षेत्र में आग पर रिपोर्ट तैयार करने के गुर

आईआईटी-आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो धीरज कुमार ने कहा कि एयरपोर्ट नहीं होने के कारण संस्थान के अंदर कॉस्मो पॉलिटन कल्चर की कमी आती है. इस संस्थान में पैन इंडिया छात्रों को आना चाहिए, लेकिन यहां के छात्र उस कल्चर को मिस करते हैं. जिसके कारण रैंकिंग की गिरावट आती है. इंकलुजन एंड आउटरीच इंकलुस्विटी में भी हम कमजोर पड़ते हैं. एयरपोर्ट नहीं होने के कारण कैंपस सेलेक्शन के लिए संस्थान में पहुंचने वाली कंपनियां आने में हिचकिचाहट महसूस करती हैं. कंपनियों का सबसे पहला सवाल रहता है कि हम कैसे पहुंचेंगे? यहां एयरपोर्ट की समस्या सामने आती है. रांची, दुर्गापुर एयरपोर्ट की बात कहने पर वह थोड़े असहज महसूस करते हैं.

एयरपोर्ट ना होने के कारण कोई नहीं आना चाहता: उन्होंने आगे बताया कि संस्थान के अंदर कार्यक्रम के आयोजन को लेकर मुख्य अतिथि, वैज्ञानिक या फिर अवार्डी को बुलाना चाहते हैं तो वह भी यातायात में बर्बाद होने वाले समय पर फोकस करते हैं. रोड ब्लॉक एक बड़ी समस्या खड़ी होती है. कोई भी दो दिनों का वक्त निकाल कर यहां नहीं आना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि धनबाद में एयरपोर्ट के नहीं होने से यह आईएसएम के लिए रोड ब्लॉक का काम कर रही है. शहर के साथ-साथ राज्य को भी इसका दंश झेलना पड़ रहा है. आईआईटी के टॉप 10 या टॉप फाइव में स्थान पर आने पर राज्य के लिए यह एक गौरव की बात होगी. माइनिंग में नंबर वन पोजीशन पर आईआईटी-आईएसएम है. क्यूएस में 25वां रैंक है. करीब करीब हर मामलों में आईआईटी-आईएसएम की रैंकिंग काफी अच्छी है. यदि धनबाद में एयरपोर्ट होता तो हमारी रैंकिंग और भी अच्छी हो सकती है.

इनोवेशन सिस्टम के लिए भी एयरपोर्ट की जरूरत: उन्होंने आगे कहा कि माइनिंग स्टार्टअप इकोसिस्टम कि हम बात करते हैं तो गवर्मेंट ऑफ इंडिया का स्टार्ट अप सिस्टम को स्टैंडिंग करने के लिए एक बहुत ही बडी मुहिम चल रही है. इसलिए गवर्मेंट ऑफ इंडिया द्वारा स्टार्ट अप हब इनोवेशन संस्थान में खोला गया है. इनोवेशन सिस्टम को प्रमोट करने के लिए भी धनबाद में एयरपोर्ट की आवश्यकता है.

प्रो धीरज कुमार, डिप्टी डायरेक्टर, आईआईटी-आईएसएम

धनबाद: जिले में काफी अरसे से एक एयरपोर्ट की मांग हो रही है. एयरपोर्ट के ना होने से एक ओर जहां लोगों को कहीं दूर के हवाई सफर करने के लिए रांची, देवघर या कोलकात्ता जाना पड़ता है. वहीं झारखंड के गौरव के रूप में विख्यात धनबाद के आईआईटी-आईएसएम को भी इसका नुकसान उठाना पड़ता है. एयरपोर्ट नहीं होने के कारण आईआईटी-आईएसएम की रैंकिग में भी गिरावट आ रही है. इसे लेकर आईआईटी-आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो धीरज कुमार से बात की गई और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं के बारे में जाना गया.

यह भी पढ़ें: Drone Survey Training: IIT ISM में छात्र सीख रहे ड्रोन से माइनिंग क्षेत्र में आग पर रिपोर्ट तैयार करने के गुर

आईआईटी-आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो धीरज कुमार ने कहा कि एयरपोर्ट नहीं होने के कारण संस्थान के अंदर कॉस्मो पॉलिटन कल्चर की कमी आती है. इस संस्थान में पैन इंडिया छात्रों को आना चाहिए, लेकिन यहां के छात्र उस कल्चर को मिस करते हैं. जिसके कारण रैंकिंग की गिरावट आती है. इंकलुजन एंड आउटरीच इंकलुस्विटी में भी हम कमजोर पड़ते हैं. एयरपोर्ट नहीं होने के कारण कैंपस सेलेक्शन के लिए संस्थान में पहुंचने वाली कंपनियां आने में हिचकिचाहट महसूस करती हैं. कंपनियों का सबसे पहला सवाल रहता है कि हम कैसे पहुंचेंगे? यहां एयरपोर्ट की समस्या सामने आती है. रांची, दुर्गापुर एयरपोर्ट की बात कहने पर वह थोड़े असहज महसूस करते हैं.

एयरपोर्ट ना होने के कारण कोई नहीं आना चाहता: उन्होंने आगे बताया कि संस्थान के अंदर कार्यक्रम के आयोजन को लेकर मुख्य अतिथि, वैज्ञानिक या फिर अवार्डी को बुलाना चाहते हैं तो वह भी यातायात में बर्बाद होने वाले समय पर फोकस करते हैं. रोड ब्लॉक एक बड़ी समस्या खड़ी होती है. कोई भी दो दिनों का वक्त निकाल कर यहां नहीं आना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि धनबाद में एयरपोर्ट के नहीं होने से यह आईएसएम के लिए रोड ब्लॉक का काम कर रही है. शहर के साथ-साथ राज्य को भी इसका दंश झेलना पड़ रहा है. आईआईटी के टॉप 10 या टॉप फाइव में स्थान पर आने पर राज्य के लिए यह एक गौरव की बात होगी. माइनिंग में नंबर वन पोजीशन पर आईआईटी-आईएसएम है. क्यूएस में 25वां रैंक है. करीब करीब हर मामलों में आईआईटी-आईएसएम की रैंकिंग काफी अच्छी है. यदि धनबाद में एयरपोर्ट होता तो हमारी रैंकिंग और भी अच्छी हो सकती है.

इनोवेशन सिस्टम के लिए भी एयरपोर्ट की जरूरत: उन्होंने आगे कहा कि माइनिंग स्टार्टअप इकोसिस्टम कि हम बात करते हैं तो गवर्मेंट ऑफ इंडिया का स्टार्ट अप सिस्टम को स्टैंडिंग करने के लिए एक बहुत ही बडी मुहिम चल रही है. इसलिए गवर्मेंट ऑफ इंडिया द्वारा स्टार्ट अप हब इनोवेशन संस्थान में खोला गया है. इनोवेशन सिस्टम को प्रमोट करने के लिए भी धनबाद में एयरपोर्ट की आवश्यकता है.

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