धनबादः अमर शहीद अशोक चक्र विजेता रणधीर प्रसाद वर्मा की पुण्यतिथि (Randhir Prasad Verma Death Anniversary) मंगलवार को मनाई गई. इस दौरान रणधीर वर्मा चौक पर स्थित रणधीर प्रसाद वर्मा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस दौरान दिवंगत रणधीर वर्मा की पत्नी पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो डॉ रीता वर्मा, डीसी संदीप सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार, ग्रामीण एसपी रेशमा रमेशन, भाजपा विधायक राज सिन्हा, निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, कांग्रेस के संतोष सिंह समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे. इस दौरान लोगों ने शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा को याद किया और उनकी वीरता की गाथा की जानकारी लोगों को दी.
शहीद रणधीर वर्मा का नाम स्टेडियम से हटायाः मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रीता वर्मा ने बताया कि कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए एहतियातन श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम रद्द कर श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया है. रणधीर वर्मा को लेकर एक अच्छा और एक गलत काम किया गया है. उन्होंने कहा कि हैदराबाद में आईपीएस सेक्रेटेरिएट की गैलरी में उनकी तस्वीर लगाई गई है. यह एक अच्छी बात है. वहीं दूसरी ओर धनबाद में ही शहीद रणधीर वर्मा का नाम स्टेडियम से हटा दिया गया (Martyr Randhir Verma Name Removed From Stadium) है, जो गलत है. उन्होंने कहा कि अशोक चक्र विजेता रणधीर वर्मा के नाम पर गोल्फ मैदान का नामकरण रणधीर प्रसाद वर्मा स्टेडियम रखा गया था. जिसे नजरअंदाज करते हुए धनबाद नगर निगम ने मिटा दिया. वहीं डीसी संदीप सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी हुई है कि रणधीर प्रसाद वर्मा स्टेडियम का नाम बदल दिया गया है. इस संबंध में नगर आयुक्त से बात कर उचित प्रक्रिया की जाएगी.
रणधीर प्रसाद वर्मा के हिम्मत और शौर्य को किया सलामः इस मौके पर वरीय पुलिस अधीक्षक संदीप संजीव कुमार ने बताया कि हम लोगों के लिए रणधीर प्रसाद वर्मा एक उदाहरण और आदर्श (Randhir Prasad Verma An Example And Role Model) हैं. रणधीर प्रसाद वर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके हिम्मत और शौर्य को सलाम करते हैं. धनबाद के एसपी रहे रणधीर वर्मा की शहादत के बाद से प्रतिवर्ष रणधीर वर्मा चौक पर शहीद की आदमकद प्रतिमा के समक्ष संगीतमय श्रद्धांजलि दी जाती है.
तीन जनवरी 1991 को शहीद हुए थे रणधीर प्रसाद वर्माः अमर शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा के 32वां शहादत दिवस के रूप में इस बार सादे समारोह में तब्दील किया गया है. बता दें कि तीन जनवरी 1991 में बैंक लूटने पहुंचे आतंकियों से लोहा लेते हुए धनबाद के पूर्व एसपी शहीद हो गए थे.