धनबाद: राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकाने से 350 करोड़ रुपए नगदी बरामद होने के बाद सियासी तापमान बढ़ गया है. धनबाद विधायक राज सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जवाब दो प्रदर्शन किया. इसके पूर्व शहर में एक रैली निकाली गई. जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए. विभिन्न मार्गों से रैली रणधीर वर्मा चौक पहुंची, जहां भाजपाइयों ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान विधायक राज सिन्हा ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से कैश बरामदगी मामले की जांच सीबीआई या एनआईए से कराने की मांग की.
बरामद कैश उग्रवादियों का भी हो सकता है-राज सिन्हाः विधायक ने संभावना जतायी कि संभवतः सांसद के ठिकानों से बरामद कैश उग्रवादियों का हो. विधायक राज सिन्हा ने कहा कि जहां सांसद धीरज साहू रहते हैं वह इलाका पूरी तरह से उग्रवाद प्रभावित है. विधायक ने आशंका जताते हुए कहा कि ऐसे में राज्य सभा सांसद धीरज साहू की उग्रवादियों से साठगांठ से इनकार नहीं किया जा सकता है. कहीं ऐसा तो नहीं कि उग्रवादियों का पैसा उनके पास सेफ कस्टडी में रखा गया था.
राज्यसभा की सदस्यता खत्म करने की मांगः साथ ही विधायक ने आशंका जताते हुए कहा कि सांसद धीरज साहू के ठिकानों से बरामद कैश शराब घोटाला का भी हो सकता है. उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई या ईडी से जांच कराने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद की सदस्यता खत्म कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग विधायक राज सिन्हा ने की है.
भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस पर साधा निशानाः धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि जनता ने धीरज साहू को तीन-तीन बार चुनाव में हराने का काम किया. उन्होंने कहा कि ऐसा कौन का कारण रहा कि जनता ने उन्हें नाकार दिया था. इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. विधायक ने कहा कि राज्यसभा सांसद के ठिकानों से बरामद भारी मात्रा में कैश यह दर्शाता है कि इसी पैसे के दम पर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का काम किया था. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. केंद्र के नेता से राज्य के नेता प्रतिस्पर्धा कर रहें है कि भ्रष्टाचार के पैसे किसके पास ज्यादा है.
झारखंड के मुख्यमंत्री से सार्वजनिक बयान जारी करने की मांगः उन्होंने कहा कि झारखंड की प्रतिष्ठा के शर्मसार करने वाले लोगों को अपने आप ही इस्तीफा देने की जरूरत है. साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखने की जरूरत है. क्योंकि राज्य में उनकी गठबंधन की सरकार है.
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