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कौमी एकता की मिसाल: मुसलमान ने हिंदू की अर्थी को दिया कंधा, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करवाया अंतिम संस्कार - धनबाद में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल

धनबाद में एक हिंदू व्यक्ति की मौत के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अर्थी को कंधा दिया. हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कराया और समाज में कौमी एकता की मिसाल पेश की.

Muslims perform last rites of Hindu in Dhanbad
धनबाद में मुस्लिमों ने हिंदू का किया अंतिम संस्कार
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Published : Jul 27, 2021, 9:40 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 10:57 PM IST

धनबाद: तोपचांची प्रखंड के गोमो में एक हिंदू व्यक्ति की मौत हो गई. घर में लोग थे लेकिन अंतिम संस्कार के लिए और भी लोगों की जरूरत थी. पड़ोस में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं. जब मुस्लिम समुदाय के लोगों को यह बात पता चली कि कुछ लोग उनके घर पहुंचे और हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कराया.

यह भी पढ़ें: शुक्र है इंसानियत तेरी कौम नहीं होती...हिंदू रीति से कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार कर रहे तीन मुस्लिम युवक

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पेश की एकता की मिसाल

मिली जानकारी के मुताबिक 60 वर्षीय रंजन दास की मृत्यु मंगलवार दोपहर को हो गई. इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अर्थी सजाई और शव को जमुनिया नदी के विशुनपुर घाट ले गए. मुस्लिम समाज के लोगों ने कंधा भी दिया. विशुनपुर घाट पर हिंदू रीति के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. रंजन दास गोमो में अपनी पत्नी के साथ रहकर किसी तरह जीवन यापन करता था. रंजन के बेटे जम्मू में रहते हैं. अंतिम संस्कार में मृतक की बेटी और दामाद भी शामिल हुए.

जब कोई तैयार नहीं हुआ तब आगे आए मुस्लिम समुदाय के लोग

स्थानीय निवासी शमशेर ने बताया कि रंजन दास की मृत्यु के बाद आसपास के कुछ हिंदू परिवार के लोगों को बुलाया लेकिन वे आने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद यह निर्णय लिया गया मुस्लिम समुदाय के सभी लोग मिलकर रंजन का अंतिम संस्कार करेंगे. परिवार के लोगों की मदद से अंतिम संस्कार किया गया. समाज में ऐसी तस्वीरें देखकर किसी की लिखी दो पंक्ति याद आती है-"कायम है दुनिया इतने फसादों के बावजूद...शुक्र है इंसानियत तेरी कोई कौम नहीं होती".

धनबाद: तोपचांची प्रखंड के गोमो में एक हिंदू व्यक्ति की मौत हो गई. घर में लोग थे लेकिन अंतिम संस्कार के लिए और भी लोगों की जरूरत थी. पड़ोस में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं. जब मुस्लिम समुदाय के लोगों को यह बात पता चली कि कुछ लोग उनके घर पहुंचे और हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कराया.

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मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पेश की एकता की मिसाल

मिली जानकारी के मुताबिक 60 वर्षीय रंजन दास की मृत्यु मंगलवार दोपहर को हो गई. इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अर्थी सजाई और शव को जमुनिया नदी के विशुनपुर घाट ले गए. मुस्लिम समाज के लोगों ने कंधा भी दिया. विशुनपुर घाट पर हिंदू रीति के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. रंजन दास गोमो में अपनी पत्नी के साथ रहकर किसी तरह जीवन यापन करता था. रंजन के बेटे जम्मू में रहते हैं. अंतिम संस्कार में मृतक की बेटी और दामाद भी शामिल हुए.

जब कोई तैयार नहीं हुआ तब आगे आए मुस्लिम समुदाय के लोग

स्थानीय निवासी शमशेर ने बताया कि रंजन दास की मृत्यु के बाद आसपास के कुछ हिंदू परिवार के लोगों को बुलाया लेकिन वे आने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद यह निर्णय लिया गया मुस्लिम समुदाय के सभी लोग मिलकर रंजन का अंतिम संस्कार करेंगे. परिवार के लोगों की मदद से अंतिम संस्कार किया गया. समाज में ऐसी तस्वीरें देखकर किसी की लिखी दो पंक्ति याद आती है-"कायम है दुनिया इतने फसादों के बावजूद...शुक्र है इंसानियत तेरी कोई कौम नहीं होती".

Last Updated : Jul 27, 2021, 10:57 PM IST
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