धनबाद: 1 फरवरी 2020 को देश का बजट पेश होना है, जिसको लेकर धनबाद के विभिन्न वर्गों के लोगों ने अपनी राय रखी है. खासकर लोगों ने महंगाई पर विशेष रुप से कमी करने की बात कही. गृहिणियों ने विशेष रूप से कहा कि महंगाई काफी अधिक बढ़ गई है. दूसरे चीजों का दाम सरकार भले ही बढ़ा दे पर खाद्य वस्तुएं की दाम को सरकार को घटानी चाहिए.
वहीं, व्यापारी वर्ग के लोगों ने कहा कि जब GST शुरू में आया था, तो लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. 2017-18 का बहुत व्यापारियों ने जीएसटी रिटर्न गलत भर दिया था, जिसकी वजह से प्रॉब्लम हो रही है. उस समय के पोर्टल को एक बार फिर से खोला जाए और व्यापारियों को राहत दी जाए. साथ ही साथ उन्होंने वेट पर भी कई तरह की समस्याओं से सरकार को निजात दिलाने की बात कही है.
घरेलू महिलाओं का कहना है कि खाद्य सामग्री की वस्तुएं का दाम बहुत अधिक बढ़ चुका है. सरसों तेल, दाल, आलू और प्याज किचन का बजट बिगाड़ रहे हैं. चुकी एक महिला बजट पेश करेंगी इसलिए महिलाओं का ध्यान इस बजट में होना चाहिए, भले ही कॉस्मेटिक चीजों का दाम बढ़ा दिया जाए, यह जरूरी चीजें नहीं है लेकिन खाना लोगों को चाहिए और इससे मिडिल क्लास और नीचे तबके के लोग प्रभावित होते हैं, इसलिए खाद्य सामग्रियों का दाम घटना चाहिए.
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धनबाद के छात्रों का कहना है कि छात्रहितों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा लोन को सुलभ किया जाए, नए-नए कॉलेज खोले जाएं. स्कॉलरशिप में छात्रों को सहूलियत दी जाए और धनबाद जैसे जगह में मैनेजमेंट कॉलेज की कमी है, इस कमी को पूरा किया जाए. छात्रों ने कहा कि सरकारी स्कूलों के स्तर को दिल्ली सरकार की तर्ज पर सुधारने का प्रयास किया जाना चाहिए. सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता ठीक नहीं है.
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वहीं, धनबाद के यात्रियों का कहना है कि धनबाद पूरे देश में राजस्व देने के मामले में दूसरा स्थान पाता है, लेकिन उसके बावजूद भी धनबाद के साथ हमेशा ही सोतेला व्यवहार हुआ है. इसलिए इस आम बजट में धनबाद के यात्रियों के हितों का ख्याल रखना चाहिए और यहां से बीकानेर, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु आदि के लिए सीधी ट्रेन दिया जाना चाहिए.
धनबाद के किसानों का कहना है कि इस बार बेमौसम बरसात ने किसानों की कमर तोड़ दी है. आलू की फसल पर पाला मार दिया है और गेहूं की फसल को भी नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. किसानों का कहना है कि जो केसीसी लोन लिया गया है, उस लोन को माफ कर दिया जाना चाहिए क्योंकि इस बार बेमौसम बरसात के कारण फसल अच्छी नहीं हुई है.
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किसान केसीसी लोन को चुका पाने में असमर्थ है. साथ ही साथ उन्होंने सरकार के दी जा रही राशि के बारे में कहा कि कुछ गिने-चुने किसानों को ही इसका वास्तविक लाभ मिल पा रहा है, जो वास्तविक में किसान हैं, उन तक यह लाभ पहुंच भी नहीं पा रहा है. दलाल इसमें हावी हो चुके हैं क्योंकि किसान ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं, ऐसे में इसकी मॉनिटरिंग भी होनी चाहिए ताकि किसानों को लाभ मिल सके.
बजट में सभी लोगों की अपनी-अपनी आकांक्षाएं होती है, लेकिन सभी की आकांक्षाओं को पूरा किया जाना संभव नहीं होता. हालांकि, धनबाद के लोगों की आकांक्षाओं को यह बजट कितना पूरा कर पाएगा यह आने वाले बजट में ही पता चल पाएगा.