धनबादः एएमपी परियोजना के पास रह रहे एक दर्जन परिवार को बीसीसीएल हटाने में जुटी है. बीसीसीएल 20 हजार रुपये देने को तैयार है. लेकिन लोगों ने उचित मुआवजा और सुरक्षित विस्थापन के बिना हटने से इनकार किया दिया है. इसको लेकर थाना में वार्ता भी हुई पर सहमति नहीं बन पायी.
धनबाद बीसीसीएल परियोजना का विस्तार करना चाह रही है. लेकिन परियोजना के पास रहने वाले लोग बिना उचित मुआवजा और सुरक्षित विस्थापन के हटने को तैयार नहीं हैं. बरोरा एरिया 1 अंतर्गत एएमपी परियोजना के मंडल केंदुआडीह में एक दर्जन परिवार ब्लास्टिंग स्थल से महज 10 से 20 मीटर दूरी पर बीसीसीएल जमीन पर तीन पीढ़ियों से रह रहे हैं. बीसीसीएल इन परिवारों को परियोजना विस्तार को लेकर हटाना चाहती है. सभी परिवार को 20 हजार रुपये कंपनी नियामानुसार देने को तैयार है. लेकिन इन लोगों ने हटने से इनकार कर दिए है.
इसे लेकर परियोजना पदाधिकारी के साथ बरोरा थाना परिसर में त्रिपक्षीय वार्ता हुई. बीसीसीएल कंपनी अनुसार 20 हजार रुपये देने की बात कही. साथ ही बीसीसीएल के बेकार पड़े क्वाटर देने की बात कही लेकिन लोगों ने इससे इनकार कर दिया है. मंडल केंदुआडीह के लोगों ने कहा कि वे तीन पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं. महज 10 से 20 मीटर में बीसीसीएल ब्लास्टिंग करती है, ब्लास्टिंग के पत्थर घरों में आ जाते हैं, कई बार वे लोग चोटिल भी हुए हैं. बीसीसीएल उन लोगों को उचित मुआवजा और बेहतर स्थान पर रहने की व्यवस्था कर दे. यही मांग उनलोगों की है. लेकिन बीसीसीएल केवल 20 हजार रुपया देकर जाने को कह रही है. जब तक उचित मुआवजा और रहने का बेहतर स्थान नहीं दिया जाता तब तक वो जमीन खाली नहीं करेंगे.
इस बाबत परियोजना पदाधिकारी काजल सरकार ने कहा मंडल केंदुआडीह बीसीसीएल की जमीन में 1 दर्जन परिवार रह रहे हैं. इन सभी को बीसीसीएल के विस्थापन नियम अनुसार 20 हजार रुपया दिया जा रहा है लेकिन ये हटने को तैयार नहीं हैं. फिलहाल सभी लोगों से बात की जा रही है, परियोजना विस्तार के लिये सभी वहां से को हटाना जरूरी है.
इसे भी पढ़ें- Deoghar News: पुनासी जलाशय योजना की डीसी ने की समीक्षा, विस्थापितों की समस्या शीघ्र समाधान करने का निर्देश
इसे भी पढ़ें- गोड्डा में तीन दशक से पुनर्वास का इंतजार कर रहे लोग, ईसीएल ललमटिया खदान से विस्थापित आज भी सड़क पर
इसे भी पढ़ें- Bokaro News: मुआवजा-नियोजन के लिए कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश विस्थापित परिवार