धनबाद: जिले का बराकर ब्रिज, झारखंड और बंगाल को जोड़ने वाली लाइफ लाइन है. प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का आवागमन इस पथ से होता है. दिन के उजाले में तो यह जगमगाते रहता है. शाम ढलते ही अंधेरे के आगोश में चला जाता है. ऐसी स्थिति में राहगीरों के लिए अंधेरे में ब्रिज पार करना, बड़ा ही भयावह लगता है. लोगों ने यहां लाइट लगाने की मांग की है.
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ब्रिज पर लाइट लगाने की मांग: ब्रिज पर आवागमन करने वाले यात्रियों में भय बना रहता है. उन्हें इस बात का भय सताता रहता है कि उनके साथ कोई अप्रिय घटना ना घटित हो जाए. गैरतलब है कि चिरकुंडा नगर परिषद के अधीन यह बराकर ब्रिज है. जिसकी समुचित देखरेख की व्यवस्था नगर परिषद की है. लोगों ने आरोप लागाया है कि नगर की सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती. इसी वजह से अब तक लाइट नहीं लग सका है. ब्रिज के दोनों छोर पर दर्जनों स्ट्रीट लाइट लगी हुई है, परंतु शोभा की वस्तु बनी हुई है. यहां के लोगों ने शहर की सरकार से लाइट लगाने की मांग की है.
पूर्व में हो चुके हैं कई वारदात: पूर्व में कई वारदात हो चुके हैं. इस ब्रिज के ऊपर अंधेरे का लाभ उठाकर बदमाशों द्वारा कई घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है. इससे लोग भयभीत रहते हैं. लोगों का कहना है कि सामने कई त्योहार आ रहे हैं. जिसे लेकर झारखंड और बंगाल के लोग खरीदारी के लिए इसी ब्रिज का उपयोग करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद टैक्स लेती है, उसके बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.
कार्यपालक पदाधिकारी ने क्या कहा: वहीं इस संदर्भ में कार्यपालक पदाधिकारी संदीप पासवान ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही कार्यभार संभाला है. कहा कि वे नगर परिषद की समस्याओं से अवगत हो रहे हैं. ब्रिज पर लाइट लगाने की जिम्मेदारी नगर परिषद की है. कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि नवरात्र के पूर्व सभी लाइट को दुरुस्त कर लिया जाएगा. चिरकुंडा के सभी 21 वार्डों में खराब पड़े लाइटों को भी ठीक करने की कवायद तेज कर दी गई है.