धनबाद: करीब नौ महीने बाद धनबाद में लगी आग ने एक बार फिर से लोगों का दिल दहला दिया है. केंदुआ बाजार के ज्वेलरी पट्टी में एसके जनरल श्रृंगाल स्टोर में लगे इस आग में चार साल की बच्ची समेत तीन लोगों की मौत हो गई है. वहीं तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं जिनका सदर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. आग पर काबू पाने और रेस्क्यू करने में स्थानीय लोगों की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है. कुछ लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आग में फंसे जान बचाई. हालांकि स्थानीय लोगों ने सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा किया है. लोगों के मुताबिक सूचना देने के बाद भी फायर ब्रिगेड की टीम घंटों लेट से पहुंची. सरकारी 108 एंबुलेंस की सेवा पर भी सवालिया निशान लगा है.
ये भी पढ़ें: धनबाद में आग लगने के बाद लोगों ने फायर ब्रिगेड पर लगाए गंभीर आरोप, जानिए दमकल विभाग के अधिकारी ने क्या दिया जवाब
आग के बीच लोगों को बचाने में लगे स्थानीय लोगों का कहना है कि फोन करने के बावजूद फायर ब्रिगेड की टीम समय से नहीं पहुंची. उन्हें मौके पर पहुंचने में करीब दो घंटे लग गए. दो घंटे बीतने के बाद फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची. फायर ब्रिगेड की टीम भी उस वक्त पहुंची जब पूरी आग बुझ चुकी थी. यहां पहुंचने के बाद भी इनका एक्शन काफी धीमा रहा.
108 एंबुलेंस की कहानी भी उसी तरह से रही. समय से एम्बुलेंस नही पहुंचने से काफी नुकसान हुए. एक एम्बुलेंस पहुंची भी तो बिना घायल को लिए ही चली गई. जो एंबुलेंस बाद में आई वह बच्चे को SNMMCH ले गई और फिर वापस नहीं आई. लोगों ने कहा कि सरकार ने जो भी व्यवस्था दी है उसका लाभ आम लोगों को सही से नहीं मिल पा रहा है. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोगों की जान बचाई जा सकी है. लोगों का कहना है कि सरकारी सिस्टम सही रहती तो सभी की जान बच सकती थी.
फिलहाल आग लगने की सही सही कारणों का पता नहीं चल सका है. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि दुकान के अंदर जलता हुआ दीया छोड़ दिया गया था. जिसकी वजह से आग लगी है. वहीं, कुछ लोगों ने हादसे की वजह शॉट सर्किट बताया है.