धनबाद: तोपचांची प्रखंड स्थित लक्ष्मीपुर में तोपचांची प्रखंड विकास पदाधिकारी किष्टो कुमार बेसरा अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी आशा कुमारी के घर पहुंचे और हरसंभव सरकारी मदद दिलाने की बात कही. साथ ही उन्होंने आशा को जल्द ही एक आवास देने की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने पांच हजार रुपये नकद और 50 किलो अनाज आशा को दिया. मौके पर विधायक प्रतिनिधि जगदीश चौधरी, विशुनपुर पंचायत प्रधान लोकनाथ राम मौजूद थे.
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ऐसा रहा है उनका करियर
बता दें कि आशा ने 8 राष्ट्रीय मैच और कई घरेलू टूर्नामेंट में भाग लिया है. इतना ही नहीं आशा भूटान में पांच अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट में अपना परचम लहरा चुकी हैं. आशा ने अब तक वर्ष 2013 में सरायकेला-खरसावां में जिलास्तरीय स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, 2013 में ही पांचवी नेशनल लेवल रूरल टूर्नामेंट भुबनेश्वर, 2015 में रांची में आयोजित ऑल इंडिया नेशनल साईं रीजनल फुटबॉल टूर्नामेंट, गोवा में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन, रांची में राज्यस्तरीय स्पोर्ट्स ऑथरिटी ऑफ इंडिया अंडर-17, धनबाद में जिलास्तरीय अंतर प्रखंड सुब्रतो मुखर्जी कप विद्यालय फुटबॉल प्रतियोगिता, 2016 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन कटक, दिल्ली में आयोजित सुब्रतो कप इंटरनेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट, वर्ष 2017 में कटक में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन जबकि रांची में सीआरपीएफ अंडर-19 फुटबॉल टैलेंट हंट टूर्नामेंट और सीनियर में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन पंजाब, रांची में रांची यूनिवर्सिटी इंटर कॉलेज वीमेंस फुटबॉल टूर्नामेंट, वर्ष 2018 में भूटान के थिम्फू में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन, वर्ष 2019 में अमृतसर में आयोजित एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज और पूर्वी जॉन में वाराणसी में अपना जलवा दिखा चुकी हैं.
खेतों में काम करती हैं आशा
बावजूद सरकार की उदासीनता के कारण आज आशा खेतों में काम करने के लिए मजबूर हैं, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. आशा एक खपरैल घर में रहने को मजबूर है, जबकि उसका भाई विनोद मजदूरी कर अपने परिवार को पाल रहा है लेकिन इस कोरोना काल मे उस पर भी ग्रहण लग गया है. मां पुटकी देवी के साथ-साथ आशा और उसकी बहन ललिता वह भी एक राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी है खेतों में हाथ बंटाती है और सब्जी की खेती करती है जबकि मां गोमो के मार्केट में सब्जी लेकर जाती है और सभी का पेट पालती है.
आशा को नहीं मिली सीधी नियुक्ति
जहां एक ओर झारखंड सरकार खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति देने की बात कहती है लेकिन आशा को नहीं मिली. उसने सीधी नियुक्ति के लिए आवेदन किया और नौकरी के लिए इंडियन टीम के अंडर-18 का सर्टिफिकेट भी दिया लेकिन सर्टिफिकेट में विजेता और उपविजेता में टिक मार्क न होने के कारण सीधी नियुक्ति नहीं मिली.
आशा के हालातों को ध्यान में रखते हुए पाठशाला एजुकेशनल ट्रस्ट और टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने आशा को राशन दिया है, जबकि बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने भी खेल मंत्री किरण रिजिजू से ट्वीट कर मदद की गुहार लगाई है. वहीं अभिनेता सोनू सूद फाउंडेशन भी आशा के संपर्क में है. उम्मीद है कि जल्द ही आशा को और मदद मिलेगी.