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धनबाद में कमर्शियल माइनिंग के विरोध में नुक्कड़ सभा, जोरदार आंदोलन करने की दी चेतावनी - धनबाद में ट्रेड यूनियनों ने आंदोलन की चेतावनी दी

पूरे देश भर में कमर्शियल माइनिंग के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है. हड़ताल को सफल बनाने के लिए सोमवार को सुदामडीह वासरी पीओ कार्यालय के समक्ष संयुक्त मोर्चा के द्वारा एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया.

Nukkad Sabha organized against commercial mining in Dhanbad
धनबाद में कमर्शियल माइनिंग के विरोध में नुक्कड़ सभा का आयोजन
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Published : Jun 29, 2020, 7:01 PM IST

धनबाद: जिले में कमर्शियल माइनिंग के विरोध में पूरे देश भर में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 2 जुलाई से तीन दिवसीय घोषित आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए आज झरिया इलाके के सुदामडीह में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. कमर्शियल माइनिंग का विरोध और संयुक्त मोर्चा के द्वारा आहूत तीन दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने के लिए सुदामडीह वासरी पीओ कार्यालय के समक्ष संयुक्त मोर्चा के द्वारा एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष एसके बख्शी उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें: झारखंड में BJP की नई टीम का होना है गठन, शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करने दिल्ली पहुंचे दीपक प्रकाश

सभा की अध्यक्षता संतोष रवानी ने की, जबकि संचालन कृष्ण बल्लब पासवान ने किया. नुक्कड़ सभा को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से संजीव राय, उमेश यादव, अमित कुमार सिंह ,धोलटु महतो, हरी लाल यादव, संजीव सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया और कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों का शोषण कर रही है. सभी कोलियरियों को निजीकरण की ओर धकेल रही है. यह मजदूर विरोधी सरकार है. इसके खिलाफ वह लोग जोरदार लड़ाई लड़ेंगे तभी उन्हें सफलता मिलेगी. नुक्कड़ सभा में आए हुए सभी ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने एक सुर में कहा कि 3 दिवसीय हड़ताल को किसी भी कीमत पर सफल बनाया जाएगा और केंद्र सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. लोगों ने बतलाया कि सरकार को हर हाल में कमर्शियल माइनिंग के फैसले को वापस लेना होगा नहीं तो आगे भी जोरदार आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

18 जून को शुरू हुई थी प्रक्रिया

कॉमर्शियल माइनिंग को मंजूरी समेत केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, बीएमएस, एचएमएस, इंटक और सीटू ने कोयला उद्योग में दो से चार जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है. असरदार हड़ताल हुई तो कोल इंडिया को अरबों रुपये का नुकसान होगा. 36 से 40 लाख टन उत्पादन और 40 से 45 लाख टन डिस्पैच प्रभावित होगा. सीसीएल को तीन लाख टन उत्पादन और चार लाख टन डिस्पैच प्रभावित होगा. मालूम हो कि फिलहाल लॉकडाउन के कारण कोल इंडिया का उत्पादन ग्राफ गिरा है. वर्तमान में कोल इंडिया रोजाना लगभग 12 लाख टन उत्पादन और 13-14 लाख टन कोयला डिस्पैच कर रही है. लॉकडाउन में पावर प्लांटों से डिमांड कम हो जाने के कारण कोल इंडिया के पास काफी मात्रा में स्टॉक जमा हो गया है. कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में 10-11 जून को पूरे कोयला उद्योग में मजदूर संगठनों‍ ने विरोध दिवस मनाया था. 18 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुल 41 कोल ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गयी थी.

धनबाद: जिले में कमर्शियल माइनिंग के विरोध में पूरे देश भर में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 2 जुलाई से तीन दिवसीय घोषित आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए आज झरिया इलाके के सुदामडीह में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. कमर्शियल माइनिंग का विरोध और संयुक्त मोर्चा के द्वारा आहूत तीन दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने के लिए सुदामडीह वासरी पीओ कार्यालय के समक्ष संयुक्त मोर्चा के द्वारा एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष एसके बख्शी उपस्थित थे.

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सभा की अध्यक्षता संतोष रवानी ने की, जबकि संचालन कृष्ण बल्लब पासवान ने किया. नुक्कड़ सभा को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से संजीव राय, उमेश यादव, अमित कुमार सिंह ,धोलटु महतो, हरी लाल यादव, संजीव सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया और कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों का शोषण कर रही है. सभी कोलियरियों को निजीकरण की ओर धकेल रही है. यह मजदूर विरोधी सरकार है. इसके खिलाफ वह लोग जोरदार लड़ाई लड़ेंगे तभी उन्हें सफलता मिलेगी. नुक्कड़ सभा में आए हुए सभी ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने एक सुर में कहा कि 3 दिवसीय हड़ताल को किसी भी कीमत पर सफल बनाया जाएगा और केंद्र सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. लोगों ने बतलाया कि सरकार को हर हाल में कमर्शियल माइनिंग के फैसले को वापस लेना होगा नहीं तो आगे भी जोरदार आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

18 जून को शुरू हुई थी प्रक्रिया

कॉमर्शियल माइनिंग को मंजूरी समेत केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, बीएमएस, एचएमएस, इंटक और सीटू ने कोयला उद्योग में दो से चार जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है. असरदार हड़ताल हुई तो कोल इंडिया को अरबों रुपये का नुकसान होगा. 36 से 40 लाख टन उत्पादन और 40 से 45 लाख टन डिस्पैच प्रभावित होगा. सीसीएल को तीन लाख टन उत्पादन और चार लाख टन डिस्पैच प्रभावित होगा. मालूम हो कि फिलहाल लॉकडाउन के कारण कोल इंडिया का उत्पादन ग्राफ गिरा है. वर्तमान में कोल इंडिया रोजाना लगभग 12 लाख टन उत्पादन और 13-14 लाख टन कोयला डिस्पैच कर रही है. लॉकडाउन में पावर प्लांटों से डिमांड कम हो जाने के कारण कोल इंडिया के पास काफी मात्रा में स्टॉक जमा हो गया है. कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में 10-11 जून को पूरे कोयला उद्योग में मजदूर संगठनों‍ ने विरोध दिवस मनाया था. 18 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुल 41 कोल ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गयी थी.

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