धनबादः भारत सरकार(Indian government) के नवरत्न कंपनी में एक कोल इंडिया ने नीति आयोग(NITI Aayog) के सुझाव पर कोयला खदानों में अनुसंधान करेगा. इसे लेकर धनबाद के IIT-ISM और कोल इंडिया(Coal India) के बीच एकरारनामा किया जाएगा. इस एकरारनामा के आधार पर कोल इंडिया के बीसीसीएल, सीसीएल और एनसीएल जैसे कोयला कंपनियों में खनिज अनुसंधान और इनोवेशन की तकनीक आईआईटी-आईएसएम उपलब्ध कराएगी.
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आईआईटी-आईएसएम ने एक प्रस्ताव कोल इंडिया को भेजा था, जिसपर कोल इंडिया ने मंजूरी दे दी है. संभावना है कि 13 जुलाई को कोल इंडिया के निदेशक और धनबाद आईआईटी-आईएसएम निदेशक के बीच एकरारनामा पर हस्ताक्षर हो जाए. इसके बाद आईआईटी-आईएसएम परिसर में सीआईएल इनोवेशन एंड मोटिवेशन सेंटर स्थापित की जाएगी. इसकी पूरी खर्च कोल इंडिया करेगी.
कोल इंडिया करेगी फंडिंग
कोल इंडिया के डिजिटल माइनिंग, सस्टेनेबल माइनिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, सेफ एंड स्मार्ट माइनिंग को बढ़ावा देने के लिए कई स्टार्टअप कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा, जिसकी पूरी फंडिंग कोल इंडिया करेगी.
सेफ्टी माइनिंग पर विशेष फोकस
वर्तमान में कोयले की माइनिंग की जा रही है, उससे हटकर माइनिंग की बेहतर तरीके पर इनोवेशन किया जाएगा. इसमें डिजिटल माइनिंग काफी अहम है. सेफ्टी माइनिंग पर विशेष फोकस किया जाएगा. इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार का सृजन हो, इसका भी ख्याल रखा जाएगा.
पांच साल का होगा एकरारनामा
आईटीआई-आईएसएम के प्रोफेसर धीरज कुमार कहते हैं कि कोल इंडिया और आईआईटी-आईएसएम के बीच 5 साल का एकरारनामा किया जा रहा है. इसके तहत दोनों संयुक्त रूप से अनुसंधान में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि सीआईएल और आईआईटी-आईएसएम की एक संयुक्त गवर्निंग बॉडी बनेगी, जो संचालन व प्रबंधन करेंगी.
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
धीरज कुमार ने कहा कि आईआईटी-आईएसएम कोल इंडिया के खनन क्षेत्र के विस्तार से लेकर कोयला खनन में तकनीकी मदद करेगी. इसके साथ ही अनुसंधान के क्षेत्र में भी एक प्रमुख भूमिका निभाएगी. इससे दोनों संस्था को लाभ पहुंचेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.