धनबाद: जिले में बीसीसीएल के पूर्व तकनीकी निदेशक की बेटी ने बादल गौतम के ऊपर साथी संकेत कृष्णानी और खुद के अपहरण करने का आरोप लगाया है. संकेत की मृत्यु का भय दिखाकर दुष्कर्म करने का आरोप भी युवती बादल गौतम पर लगाया है. यही नहीं 10 लाख के सोने का आभूषण रख लेने और 25 लाख की फिरौती मांगने का भी आरोप युवती ने लगाया है. इन आरोपों को लेकर युवती ने जिले बैंक मोड़ थाना में लिखित शिकायत की है. पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुटी है.
क्या है शिकायत
युवती ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह अपने पति के साथ कोलकाता के संजीवा गार्डन स्थित एक वाटिका में रह रही थी. युवती ने कहा है कि मैं अपने विवाह से खुश नहीं थी और अपने पति से तलाक लेना चाहती थी. इसी बीच मेरी मित्रता संकेत कृष्णानी से हुई और मुझे उनसे भावनात्मक सहयोग मिला. युवती ने कहा हम लोग फोन पर बातचीत करते थे और कभी-कभी संकेत से कोलकाता में हमारी मुलाकात होती थी. एक दिन मैंने संकेत को से कहा कि मैं अपने दांपत्य जीवन त्याग कर उनके साथ विवाह करना चाहती हूं और इसके लिए हमेशा के लिए संकेत के साथ रहने को इच्छुक थी. युवती ने बताया है की संकेत बादल गौतम को पिछले 15 सालों से जानता है. बादल गौतम धनबाद के तेतुलतला का रहने वाला है. संकेत बादल पर भरोसा भी करते थे और उसे इस बात की कोई आशंका नहीं थी कि बादल गौतम इतना खतरनाक और शातिर अपराधी है. हम दोनों की मित्रता का फायदा उठाकर इतना घृणित कार्य करने वाला है. 11 जुलाई को संकेत कृष्णन ने 2 लाख रु एवं पुश्तैनी गहना लेकर बादल गौतम के साथ कोलकाता गए. युवती ने कहा है कि मैं अपनी गाड़ी से कोलकाता गई. बादल ने संकेत को अपना मोबाइल ले जाने से मना किया और कहा कि अगर मोबाइल रखेंगे तो जहां भी युवती के साथ रहोगे, तो पुलिस तुम्हें ट्रेस कर लेगी क्योंकि संकेत बादल गौतम पर भरोसा करता था. इसलिए उसने अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया. बादल गौतम संकेत को लेकर zone by The Park Hotel Mein ले गया. इसके बाद बादल ने मुझे बुलवाने के लिए फोन करने को कहा और साथ ही घर में जितने भी गहने हैं उसे भी अपने साथ लाने को कहा. युवती सूचना पाकर होटल पहुंची, जहां बादल और संकेत थे. 11 जुलाई को युवती बादल और बादल के ड्राइवर के साथ सफेद रंग की मारुति सियाज में बैठ गई. बादल ने एक ड्राइवर को बुलाया जिसका नाम सतपाल यादव था. गाड़ी में संकेत और संकेत का बावर्ची बैजू साहू था. युवती अपने घर से सारे जेवरात लेकर आई थी. कोलकाता से निकलने से पहले बादल गौतम और मेरे और संकेत की ओर से लाए गए गहने और पैसा अपने कब्जे में ले लिया. यह कहते हुए कि अगर पुलिस के हत्थे चढ़ गया, तो सारे गहने और पैसा ले लेगी. साथ ही युवती का फोन भी अपने कब्जे में लेकर सिम तोड़ दिया. बादल गौतम की बातों पर भरोसा करते हुए युवती ने संकेत को सारा गहना और पैसा बादल गौतम को सुपुर्द कर दिया. कोलकाता से गाड़ी निकल कर लगभग 3-4 घंटे में झारखंड सीमा में प्रवेश की.
युवती को धोखे में रखा
बादल ने मुझे और संकेत को धोखे से अपने कब्जे में ले लिया था और हम लोगों को इसकी भनक भी नहीं लगी. रास्ते में हम लोगों को सतपाल यादव के घर में जामताड़ा में ठहराया और वही पर अपनी गाड़ी छोड़ दी. वहां से अगले दिन हम लोग फिर एक ही गाड़ी किया और जामताड़ा से औरंगाबाद होते हुए बनारस पहुंचे. उस समय गाड़ी में युवती और बावर्ची बैजू साहू पिछली सीट पर बैठे और संकेत गाड़ी चला रहे थे. बादल उसके बगल में बैठा था. इसी प्रकार युवती 14 जुलाई को कार लेकर दिल्ली पहुंचे. वहां बादल ने बैजू साहू को जाने को कहा और बाद में पता चला कि उन्हें भगा दिया था. दिल्ली में बादल अपने मित्र अभिषेक राय के घर आदर्श नगर ले गया था. युवती की गाड़ी को अभिषेक राय के घर पर खड़ा कर उसकी चाबी अभिषेक राय को दे दी थी.
बाजार में सामान लाने के लिए भेजा
अभिषेक राय के मकान में बादल संकेत और अभिषेक को दो-तीन सामान लाने के लिए बाजार भेज दिया और युवती को अकेला पाकर बादल उसके करीब आया और कहा कि ए लड़की तुम अब फंस चुकी हो. अपने पति को छोड़कर किसी गैर मर्द के साथ दिल्ली से कोलकाता से दिल्ली आ गई. अब अगर संकेत छोड़ दिया तो क्या करोगी. बादल अब तक छल के सहारे हमारे साथ अपहरण कर चुका था. लेकिन पहली बार उसे लगा कि वह फंस गई है. बादल ने उसके साथ दुष्कर्म किया. बादल इतना हिंसक हो चुका था कि उसने युवती को धमकाया और रेड लाइट एरिया में बेच देने की बात तक कह डाली.
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मकान मालकिन से कराई मुलाकात
जालंधर से मोहाली और टैक्सी लेकर मोहाली अमृतसर इत्यादि टैक्सी में बादल युवती से यह कह रहा था कि संकेत के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दाखिल हो चुका है और तुम्हारे पिता जी के लोग तुम्हें और संकेत को मारने के लिए पीछे पड़े हैं. संकेत भी काफी डरा हुआ था और बादल हमारे डर का फायदा उठाकर टैक्सी बदल बदल कर 17 जुलाई को कानपुर पहुंचे. इसी बीच बादल ने बताया कि उसके आईपीएस मित्र ने सूचना दी है कि हम लोगों के खिलाफ कोलकाता में अपहरण का मुकदमा दर्ज हो चुका है. कानपुर में बादल ने तीन कमरे बुक कराए और कहा कि तुम्हारे पिताजी के शूटर और पुलिस दोनों से खतरा है. इसलिए अलग अलग कमरा में रहना सही है. युवती को बादल की किसी बात पर भरोसा नहीं रहा था. लेकिन युवती कर भी क्या सकती थी. अपने पति को युवती छोड़ चुकी थी और संकेत को खोना नहीं चाहती थी.
19 जुलाई को सुबह 10:00 से 11:00 बजे बादल युवती को लेकर खेल गांव पहुंचा, जहां एक पेट्रोल पंप के एक सौ मीटर आगे दाहिने और मकान ले गया. वहां से पहले मौजूद शूटरों से मिलवाया और कहा कि अब तुम्हें यही रहना होगा और संकेत को पहली बार धक्का देकर गाली देते हुए कहा कि आप अपने बाप को बोलो कि 25 लाख रु लाकर दे दें. संकेत यह सुनकर भौचक्का रह गया क्योंकि उसे इस बात की खबर नहीं थी कि वो लोग पहले से अपहृत हो चुके हैं. उसके बाद बादल युवती को लालपुर के एक मकान में ले गया और वहां एक मकान जिसका पता वल्लभ सदन ए ब्लॉक फ्लैट संख्या 204 टी सी रोड रांची है. इस दरमियान युवती की भेंट फ्लैट के मकान मालकिन उषा मिश्रा से एक बार करवाई गई, जिसे देखकर युवती पहचान सकती है.
पुलिस के सामने स्वीकारा आवेदन
इस मुलाकात में उषा मिश्रा ने बताया कि यह फ्लैट बादल गौतम ने भाई मोहित तिवारी के नाम पर किरायानामा बनाया है. इस मकान में 28 जुलाई से लेकर 25 अगस्त तक मुझे और संकेत को रखा. इस बीच युवती और संकेत को बादल स्वयं और अपने शूटरों से जान मारने की धमकी देता था और कहता था कि मेरा उद्देश्य तुम लोगों को का अपहरण कर धनबाद के कुछ लोगों को फसाना चाहता हूं. पैसा कमाना और मजे करना है. मुंह खोलने पर गंभीर परिणाम की धमकी देता था. बादल डरा धमकाकर पिस्तौल दिखाकर मुझसे कई आवेदन लिखवाया और मुझे थाना और पुलिस अधिकारी के सामने भेजकर आवेदन स्वीकार करवाया.
जांच में जुटी पुलिस
बादल जब उसे धनबाद लाया तो संकेत उसके शूटरों के कब्जे में था. इसी बीच उसे बादल और बड़े वकील के घर ले गया और उसे इससे कोई रिट भी दाखिल करवाया. 22 जुलाई को संकेत को शूटरों के पास रखकर बादल स्वयं अपने भाई मोहित तिवारी के साथ मुझे रांची से मैरून रंग की स्विफ्ट डिजायर कार में लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक धनबाद के कार्यालय में ले गया और मुझसे आवेदन लिखवा कर समर्पित करवाया. बादल इस डर से कि पुलिस अधिकारी को कुछ बता न दे संकेत को अपने शूटरों के पास रख छोड़ा था. जो संकेत के साथ मारपीट करते थे. इसी प्रकार उसे डीआईजी बोकारो एडीजी क्राइम और अन्य पुलिस अधिकारियों को भी आवेदन लिखवा कर समर्पित करवाया. संकेत के प्राणों की रक्षा के लिए बादल के अनुसार उसके इशारों पर कार्य करती गई. लेकिन उसे लगा कि कोई पुलिस व्यवस्था की जानकारी रखने वाला व्यक्ति है जिससे बादल हमेशा व्हाट्सएप कॉल पर बात करता है और उसी के कथन अनुसार कार्य करता है. उसे महसूस हुआ कि बादल किसी से अपनी कोई रंजिश का बदला लेना चाहता है या फिर वह आम आदमी बादल के जरिए कोई भी षडयंत्र रच रहा है. सारे आवेदन जमा होने के बाद अब बादल अपने अंतिम लक्ष्य पर आ गया. उसने जहां संकेत के साथ मारपीट की गाली गलौज कह कर जान मार कर फेंक देना ड्रग्स केस में फंसा देने की धमकी देता था. वह उसे गाली गलौज करते हुए बाजार में बेच देने की धमकी देता अगर हम लोग उसे 25 लाख रू रुपए नहीं दिए. बादल विभिन्न मोबाइल पर संकेत के बड़े भाई पुनीत कृष्णानी के व्हाट्सएप कॉल पर 25लाख रुपए मांग की. पुनीत ने लॉकडाउन का हवाला देकर असमर्थता जाहिर करते हुए 8 लाख नगद पहुंचाया, जिसे लेने बादल ने अपनी प्रेमिका पूर्वी को पुनीत से पैसे लेने भेजा. पुनीत संकेत का बड़ा भाई है. अभी भी पैसा वह पैसा वह गहना बादल गौतम के कब्जे में है. इस पूरे मामले पर युवती ने कार्र्वाई की मांग की है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है.