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धनबाद: आवास खाली कराने के लिए मां-बेटी से बदसलूकी, घर का ताला तोड़ने का भी आरोप

धनबाद जिले में मां-बेटी से बदसलूकी करने का मामला सामने आया है. साथ ही पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं करने की बात भी कही गई है. बता दें कि एक आवास को खाली नहीं करने को लेकर यह विवाद हो रहा है.

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मां-बेटी से बदसलूकी
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Published : Sep 8, 2020, 10:15 AM IST

धनबाद: जिले में आवास का ताला तोड़कर महिला और उसकी बेटियों के साथ बदसलूकी होने की बात सामने आई है. इस दौरान झरिया थाना की पुलिस मौजूद रही. यह आरोप बस्ताकोला की रहने वाले बीरेंद्र सिंह की पत्नी ने झरिया थाने की पुलिस और उसके साथ आए लोगों पर लगाया है, हालांकि पुलिस बदसलूकी की बात से इनकार कर रही है.

देखें पूरी खबर
आवास के गेट का ताला तोड़ने का आरोप बस्ताकोला इंडस्ट्री रोड पर रहने वाले बीरेंद्र सिंह की पत्नी ने झरिया थाना कि पुलिस पर आरोप लगाया है कि नागेंद सिंह और उसके दो बेटे पुलिस के साथ देर शाम आवास पर पहुंचे. उसके आवास के गेट पर ताला जड़ा था, जिसे पुलिस ने खोलने को कहा. इस पर हमने जवाब दिया कि उसके पति अभी घर में नहीं है और तीन चार घंटे बाद पति घर लौटेंगे. इसके बाद नागेंद सिंह के दोनों बेटे आक्रोशित हो गए. ताला नहीं खोलने पर दोनों ने मिलकर गेट पर लगे ताले को तोड़ दिया और आवास के अंदर घुस गए. नागेंद्र सिंह और उसके दोनों बेटों ने मिलकर मुझे और हमारे बेटियों के साथ बदसलूकी की.

पुलिस बनी रही मूक दर्शक

आरोप है कि घटना के दौरान झरिया थाने की पुलिस मूक दर्शक बनी रही. पुलिस की तरफ से धमकी दी गई कि हर हाल में आवास खाली करना पड़ेगा. वहीं बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जिस वक्त पुलिस घर पर पहुंची थी हम काम से बाहर गए थे. घर वापस लौटने पर हमें घटना की जानकारी हुई. उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति पुलिस की यह कार्यशैली बेहद ही शर्मनाक है.

क्या है मामला
बीरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने इस आवास के लिए नागेंद सिंह को दो किस्तों में 7 लाख रुपये दिए थे. उनका कहना है कि पहली बार में 4 लाख और दूसरी बार में 3 लाख रुपये नागेंद सिंह को दिए थे. अब नागेंद सिंह आवास खाली कराने की धमकी दे रहे हैं. बीरेंद्र सिंह का कहना है कि पिछले 6-7 सालों से हम और मेरा पूरा परिवार इस आवास में रह रहा है. इस आवास को छोड़कर हम कोरोना काल मे कहां जाएंगे. दूसरी ओर बीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि मेरे तरफ से दिए गए सात लाख रुपये मुझे नागेंद सिंह वापस कर दे दें तो यह आवास छोड़ देगा.

ऐसे हुई थी खरीदारी
जिस आवास को लेकर विवाद बढ़ा है उस आवास की खरीदारी के बारे में बीरेंद्र सिंह ने बताया कि नागेंद्र सिंह बीसीसीएल में कार्यरत हैं. उनके नाम पर बीसीसीएल का यह आवास आवंटित है. वह इस आवास में रह रहे थे, लेकिन एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि यह इलाका अब अग्नि प्रभावित व भू धसान क्षेत्र घोषित हो गया है. इस आवास का अब किसी को आवंटन नहीं होगा. मुझे धनबाद शहर में घर बनाना है. तुम्हें यह आवास चाहिए तो पैसे देकर ले लो. यह आवास हमेशा के लिए तुम्हारा हो जाएगा.

बीरेंद्र सिंह बताया कि बीसीसीएल के अधिकारी मिश्रा से भी बीरेंद्र सिंह ने आश्वस्त कराया कि अब यह आवास किसी के नाम से आवंटन नहीं होगा. अधिकारी की बात सुनकर और नागेंद्र सिंह की बातों पर मैंने आवास खरीदने के लिए नागेंद्र सिंह को 4 लाख रुपये 6 साल पहले दिए. इसके अलावा 2018 में नागेंद्र सिंह के बेटे की शादी थी, जिसमे उन्होंने 3 लाख हमसे मांगे थे. मैंने उन्हें 3 लाख रुपये दिए थे.

इसे भी पढ़ें-धनबाद: 29 लोगों ने दी कोरोना को मात, 14 दिन रहेंगे होम क्वारेंटाइन


पुलिस बोली-आवास खाली करना होगा
झरिया थाना प्रभारी पीके सिंह ने बीरेंद्र सिंह की पत्नी की तरफ ले लगाए आरोपों से साफ इनकार किया है. उन्होंने बताया कि यह आवास बीसीसीएल का है, जिसका आवंटन बीसीसीएल में कार्यरत नागेंद्र सिंह के नाम से है. नागेंद्र सिंह इस आवास में रह रहे थे. उन्होंने बीरेंद्र सिंह को यह आवास रहने के लिए दिया था. बीरेंद्र सिंह इस आवास को अपना बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि नागेन्द्र सिंह का रिटायमेंट नजदीक है. इसलिए उन्हें यह आवास प्रबंधन को हैंड ओवर करना है. पुलिस आवास को खाली कराने गई थी. बीसीसीएल प्रबंधन की तरफ से दिए गए पत्र के आलोक में पुलिस आवास को खाली कराने पहुंची थी. बीसीसीएल के अधिकारी के साथ पुलिस गई थी. पुलिस आवास खाली न कराए, इसलिए बीरेन्द्र सिंह की पत्नी यह आरोप लगा रहीं हैं. थाना प्रभारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर आवास खाली नहीं करेंगे तो उनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

धनबाद: जिले में आवास का ताला तोड़कर महिला और उसकी बेटियों के साथ बदसलूकी होने की बात सामने आई है. इस दौरान झरिया थाना की पुलिस मौजूद रही. यह आरोप बस्ताकोला की रहने वाले बीरेंद्र सिंह की पत्नी ने झरिया थाने की पुलिस और उसके साथ आए लोगों पर लगाया है, हालांकि पुलिस बदसलूकी की बात से इनकार कर रही है.

देखें पूरी खबर
आवास के गेट का ताला तोड़ने का आरोप बस्ताकोला इंडस्ट्री रोड पर रहने वाले बीरेंद्र सिंह की पत्नी ने झरिया थाना कि पुलिस पर आरोप लगाया है कि नागेंद सिंह और उसके दो बेटे पुलिस के साथ देर शाम आवास पर पहुंचे. उसके आवास के गेट पर ताला जड़ा था, जिसे पुलिस ने खोलने को कहा. इस पर हमने जवाब दिया कि उसके पति अभी घर में नहीं है और तीन चार घंटे बाद पति घर लौटेंगे. इसके बाद नागेंद सिंह के दोनों बेटे आक्रोशित हो गए. ताला नहीं खोलने पर दोनों ने मिलकर गेट पर लगे ताले को तोड़ दिया और आवास के अंदर घुस गए. नागेंद्र सिंह और उसके दोनों बेटों ने मिलकर मुझे और हमारे बेटियों के साथ बदसलूकी की.

पुलिस बनी रही मूक दर्शक

आरोप है कि घटना के दौरान झरिया थाने की पुलिस मूक दर्शक बनी रही. पुलिस की तरफ से धमकी दी गई कि हर हाल में आवास खाली करना पड़ेगा. वहीं बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जिस वक्त पुलिस घर पर पहुंची थी हम काम से बाहर गए थे. घर वापस लौटने पर हमें घटना की जानकारी हुई. उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति पुलिस की यह कार्यशैली बेहद ही शर्मनाक है.

क्या है मामला
बीरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने इस आवास के लिए नागेंद सिंह को दो किस्तों में 7 लाख रुपये दिए थे. उनका कहना है कि पहली बार में 4 लाख और दूसरी बार में 3 लाख रुपये नागेंद सिंह को दिए थे. अब नागेंद सिंह आवास खाली कराने की धमकी दे रहे हैं. बीरेंद्र सिंह का कहना है कि पिछले 6-7 सालों से हम और मेरा पूरा परिवार इस आवास में रह रहा है. इस आवास को छोड़कर हम कोरोना काल मे कहां जाएंगे. दूसरी ओर बीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि मेरे तरफ से दिए गए सात लाख रुपये मुझे नागेंद सिंह वापस कर दे दें तो यह आवास छोड़ देगा.

ऐसे हुई थी खरीदारी
जिस आवास को लेकर विवाद बढ़ा है उस आवास की खरीदारी के बारे में बीरेंद्र सिंह ने बताया कि नागेंद्र सिंह बीसीसीएल में कार्यरत हैं. उनके नाम पर बीसीसीएल का यह आवास आवंटित है. वह इस आवास में रह रहे थे, लेकिन एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि यह इलाका अब अग्नि प्रभावित व भू धसान क्षेत्र घोषित हो गया है. इस आवास का अब किसी को आवंटन नहीं होगा. मुझे धनबाद शहर में घर बनाना है. तुम्हें यह आवास चाहिए तो पैसे देकर ले लो. यह आवास हमेशा के लिए तुम्हारा हो जाएगा.

बीरेंद्र सिंह बताया कि बीसीसीएल के अधिकारी मिश्रा से भी बीरेंद्र सिंह ने आश्वस्त कराया कि अब यह आवास किसी के नाम से आवंटन नहीं होगा. अधिकारी की बात सुनकर और नागेंद्र सिंह की बातों पर मैंने आवास खरीदने के लिए नागेंद्र सिंह को 4 लाख रुपये 6 साल पहले दिए. इसके अलावा 2018 में नागेंद्र सिंह के बेटे की शादी थी, जिसमे उन्होंने 3 लाख हमसे मांगे थे. मैंने उन्हें 3 लाख रुपये दिए थे.

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पुलिस बोली-आवास खाली करना होगा
झरिया थाना प्रभारी पीके सिंह ने बीरेंद्र सिंह की पत्नी की तरफ ले लगाए आरोपों से साफ इनकार किया है. उन्होंने बताया कि यह आवास बीसीसीएल का है, जिसका आवंटन बीसीसीएल में कार्यरत नागेंद्र सिंह के नाम से है. नागेंद्र सिंह इस आवास में रह रहे थे. उन्होंने बीरेंद्र सिंह को यह आवास रहने के लिए दिया था. बीरेंद्र सिंह इस आवास को अपना बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि नागेन्द्र सिंह का रिटायमेंट नजदीक है. इसलिए उन्हें यह आवास प्रबंधन को हैंड ओवर करना है. पुलिस आवास को खाली कराने गई थी. बीसीसीएल प्रबंधन की तरफ से दिए गए पत्र के आलोक में पुलिस आवास को खाली कराने पहुंची थी. बीसीसीएल के अधिकारी के साथ पुलिस गई थी. पुलिस आवास खाली न कराए, इसलिए बीरेन्द्र सिंह की पत्नी यह आरोप लगा रहीं हैं. थाना प्रभारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर आवास खाली नहीं करेंगे तो उनकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

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