धनबाद: जिले के भगतडीह भूधसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्र दोबारी रजवार बस्ती के लोगों के विस्थापन और मुआवजा को लेकर टुंडी विधायक मथुरा महतो, बीसीसीएल प्रबंधन और रैयतों के बीच बस्ताकोला क्षेत्रीय कार्यालय में गहमागहमी के बीच वार्ता हुई. रैयतों ने वार्ता में जमीन के बदले नियोजन, मुआवजा और विस्थापन का मुद्दा उठाया.
विधायक ने महाप्रबंधक को दी चेतावनी
रैयतों का कहना था कि एक तो हमलोगों की जमीन में बीसीसीएल ने आग लगा दी, अब विस्थापन भी नहीं कर रहा है, परिणामस्वरूप जलती शोलों के उपर भय के साए में रहना पड़ रहा है. उनकी बातों को सुनने के बाद बस्ताकोला महाप्रबंधक सोमेन चटर्जी ने उन्हें यथाशीघ्र अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर बसाने की बात कही है, साथ ही जमीन के कागजात की जांच करने के बाद मुआवजा देने की मांग की है. विधायक मथुरा महतो ने महाप्रबंधक पर भड़कते हुए कहा कि जब इनलोगों को जमीन के बदले 1996 में नियोजन देने पर सहमति बनी थी, तो कागजात जमा करने के बाद भी नियोजन क्यों नहीं मिला. मथुरा महतो ने चेतावनी देते हुए महाप्रबंधक को कहा कि अगर इनलोगों को शीध्र विस्थापन नहीं किया गया तो अंजाम बुरा होगा. वहीं महाप्रबंधक ने भी इस क्षेत्र को अत्यंत खतरनाक बताते हुए जल्द ही विस्थापन करने की बात कही. वार्ता में रैयतों के ओर से झामुमो नेता पवन महतो, मदन महतो, बसंत, संतोष रजवार, बलराम महतो, ईश्वर मरांडी, निर्मल रजवार सहित अन्य लोग थे.
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जमीन के दावेदारी की जांच
दोबारी रजवार बस्ती में रहनेवाले इस जमीन को अपनी जमीन बता रहे हैं, जबकि महाप्रबंधक ने बताया कि इस जमीन के दो दावेदार सामने आ गए हैं. फिलहाल रह रहे इन रैयतों का कहना है कि जमीन उनके पूर्वज उमाचरण रजवार की है, जबकि एक अन्य दावेदार राम गोबिंद सिंह के पूर्वज भी इस जमीन को अपना बता रहे हैं. इनके पूर्वजों का कहना है कि उमाचरण के पूर्वजों ने मेरे पूर्वजों को जमीन बेच दिया था. हालांकि बीसीसीएल प्रबंधन दोनों के दावेदारी की जांच कर रही है.