धनबाद: ईटीवी भारत की टीम इस लॉकडाउन में लगातार यह मुहिम चला रही कि किसी को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े. विशेषकर गरीब तबके के लोगों को खाने- पीने में कठिनाईयों का सामना ना करना पड़े. इसी क्रम में ईटीवी भारत की टीम ने पहल करते हुए सिंदरी गुरुद्वारा के पास की बस्ती में बसे करीब 40 परिवारों को खाद्य सामाग्री उपलब्ध कराया.
नहीं मिली कोई मदद
बता दें कि सिंदरी के गुरुद्वारा के पास की बस्ती में करीब 40 परिवार रहते हैं. यहां कि महिलाएं दूसरों के घरों में कामकाज कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. लॉकडाउन के बाद अबतक किसी जनप्रतिनिधि, संगठन या फिर किसी नेता ने इनकी सुध नहीं ली है. जिसके कारण यहां अनाज के एक दाने को मोहताज हो गए है. पास के ही एक अधिवक्ता दिनेश कुमार ने सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से समाजिक संगठन और राजनीतिक नेताओं को इन लोगों की व्यथा सुनाई लेकिन कोई सफलता हांथ नही लगी.
ईटीवी भारत की टीम मदद के लिए पहुंची गांव
ईटीवी भारत संवाददाता ने एक दिन सिंदरी के एक व्हाट्सएप ग्रुप अधिवक्ता दिनेश कुमार का पोस्ट को पढा. जिसके बाद संवाददाता ने दिनेश कुमार से फोन पर संपर्क कर बस्ती के लोगों का हालचाल लिया. वहीं, दूसरे दिन ईटीवी भारत की टीम ने तीन छात्रों की एक टोली लेकर यहां पहुंची. जैसे ही यहां के लोगों को जानकारी मिली कि उनकी मदद के लिए पहुंचे हैं, उनकी खुशी देखते ही बन रही थी. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए प्रतीक, रोहित और जाहिदा ने इन लोगों के बीच खाद्य सामाग्री का वितरण किया.
ईटीवी भारत की टीम को दिया धन्यवाद
यहां की महिलाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि लॉकडाउन के बाद खाने-पीने की बड़ी दिक्कत हो गई थी. अबतक यहां किसी ने भी सुध नहीं ली थी. इस कार्य के लिए महिलाओं ने ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया है. वहीं, स्थानीय अधिवक्ता दिनेश कुमार ने भी इस कार्य के लिए ईटीवी भारत की टीम को धन्यवाद दिया है.
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खाद्य सामाग्री का किया वितरण
खाद्य सामाग्री वितरण कर रहे छात्र प्रतीक ने कहा कि ईटीवी भारत के लगातार ऐसे जगहों को बताया जा रहा है. जहां अब तक किसी ने भी पहल नहीं की है. वैसे स्थानों पर पहुंचकर खाद्य सामाग्री का वितरण कर रहें हैं. यहां बसे लोगों के बारे में भी ईटीवी भारत के माध्यम से सूचना मिली. जिसके बाद यहां मदद के लिए पहुंचे हैं. वहीं जाहिदा ने कहा कि ऐसी विकट घड़ी मे जनप्रतिनिधियों को मदद के लिए आगे आना चाहिए लेकिन उनका ऐसे समय मे नही पहुंचना बड़ी ही दुख की बात है.