धनबाद: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. साथ ही एक अन्य आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता के माता पिता और दादी ने घटना का समर्थन नहीं किया था. बावजूद इसके पीड़िता कोर्ट में डटी रही और न्याय पाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है.
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धनबाद में दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास: (Life imprisonment for rape accused in Dhanbad) वरीय लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि धनबाद पोक्सो कोर्ट (Dhanbad POCSO Court) के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर कुमार सिंह की अदालत में फैसला सुनाया गया है. आरोपी को दोषी करार देते हुए अदालत ने उम्र कैद और 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से कुल 9 गवाह पेश किए गए थे. जिसमें से छह गवाहों ने घटना का समर्थन नहीं किया. घटना का समर्थन नहीं करने वालों में पीड़िता की माता पिता और दादी भी शामिल थे. लेकिन पीड़िता ने आरोपी को सजा दिलाने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता का सामना किया. बचाव पक्ष के अधिवक्ता के तीखे सवालों का जवाब भी पीड़ित ने दिया. वारदात की पूरी कहानी पीड़िता ने कोर्ट में सुनाइ. पीड़िता का इलाज करने वाले डॉक्टर ने भी अदालत में गवाही दी थी. साथ ही पुलिस ने भी घटना के अनुसंधान में कड़ी मशक्कत की थी. पोक्सो कोर्ट ने धनबाद में दुष्कर्म के आरोपी को सजा दी है.
ये है पूरा मामला: 25 अक्टूबर 2019 की सुबह पीड़िता घर से स्कूल जा रही थी. इस दौरान आरोपी उसे रास्ते में मिल गया. उसने पीड़िता को कहा कि उसकी मां का सिर फट गया है और वह अस्पताल में भर्ती है. इसके बाद वह पीड़िता को वाहन पर बैठा कर महुदा लेकर चला गया. महुदा में उसके साथ आरोपी ने दुष्कर्म किया. घटना को लेकर गांव वालों में पंचायती भी हुई थी. इस पंचायत के निर्णय को आरोपी ने मानने से इनकार कर दिया था. 28 अक्टूबर 2019 को आरोपी ने पीड़िता के चचेरे दादा को मारपीट कर जख्मी कर दिया था. पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल के बाद 27 फरवरी 2019 को इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था.