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धनबाद: लंबित मांगों को लेकर मजदूरों का प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

धनबाद में लंबित मांगों को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा मजदूर यूनियन ने प्रदर्शन किया. इसके साथ ही ग्रामीणों को नियोजन नहीं दिए जाने पर जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है.

jharkhand mukti morcha mazdoor union
झारखंड मुक्ति मोर्चा मजदूर यूनियन का आंदोलन
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Published : Nov 10, 2020, 8:40 AM IST

धनबाद: झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन ने 11 सूत्री मांगों को लेकर बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी में विशाल धरना प्रदर्शन किया. मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

ग्रामीणों को नहीं दिया गया नियोजन
इस दौरान ग्रामीण पारंपरिक हथियारों से सभी लैस थे. पतलाबाड़ी झामुमो कार्यालय से चला जुलूस दहीबाड़ी में धरना प्रदर्शन के रूप में परिवर्तित हो गया. इस दौरान बोदी हांसदा ने कहा कि बहुत बड़ी परेशानी है कि जिसकी जमीन गई, वही रोजगार के लिए तरस रहे हैं. पहले ग्रामीण ट्रकों में कोयला लोड कर अपना पेट पालते थे, लेकिन रोड सेल के लिए कोयला आवंटन धीरे-धीरे प्रबंधन ने खत्म कर दिया है. यहां के कोयला से कोल वाशरी चल रही है, लेकिन इधर के एक भी ग्रामीण को नियोजन नहीं दिया गया है. पार्टी एक माह का समय देती है. अगर रोजगार नहीं मिला तो वाशरी को एक छटाक कोयला नहीं जाएगा. वही कल्याण चक, जामदही, पतलाबाड़ी, दहीबाड़ी और पलासिया के करीब सैकड़ों घरों को उजाड़ा गया लेकिन एक दशक से मुआवजा लंबित है.

इसे भी पढ़ें-धनबाद: पुलिस से बचकर भागने में कार डिवाइडर से टकराई, 19 किलो चांदी की ईंट बरामद, तीन गिरफ्तार


किया जाएगा आंदोलन
पलासिया-आगर चैनपुर के 6 विस्थापितों का नियोजन भूमि अधिग्रहण के दो दशक बाद भी लंबित है. कई लोगों का अभी तक नियमितीकरण नहीं किया गया. अगर कोई गलती थी तो प्रबंधन ने नियोजन कैसे दिया इसका प्रबंधन की तरफ से जवाब दिया जाए. वहीं विस्थापित को दूसरे जगह बसाने के लिए पट्टा और एनओसी दे नहीं तो भविष्य में परेशानी होगी. धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि अगर प्रबंधन होश में नहीं आती है तो आगे आने वाले दिनों में और भी जोरदार आंदोलन देखने को मिलेगा.

धनबाद: झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन ने 11 सूत्री मांगों को लेकर बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी में विशाल धरना प्रदर्शन किया. मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

ग्रामीणों को नहीं दिया गया नियोजन
इस दौरान ग्रामीण पारंपरिक हथियारों से सभी लैस थे. पतलाबाड़ी झामुमो कार्यालय से चला जुलूस दहीबाड़ी में धरना प्रदर्शन के रूप में परिवर्तित हो गया. इस दौरान बोदी हांसदा ने कहा कि बहुत बड़ी परेशानी है कि जिसकी जमीन गई, वही रोजगार के लिए तरस रहे हैं. पहले ग्रामीण ट्रकों में कोयला लोड कर अपना पेट पालते थे, लेकिन रोड सेल के लिए कोयला आवंटन धीरे-धीरे प्रबंधन ने खत्म कर दिया है. यहां के कोयला से कोल वाशरी चल रही है, लेकिन इधर के एक भी ग्रामीण को नियोजन नहीं दिया गया है. पार्टी एक माह का समय देती है. अगर रोजगार नहीं मिला तो वाशरी को एक छटाक कोयला नहीं जाएगा. वही कल्याण चक, जामदही, पतलाबाड़ी, दहीबाड़ी और पलासिया के करीब सैकड़ों घरों को उजाड़ा गया लेकिन एक दशक से मुआवजा लंबित है.

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किया जाएगा आंदोलन
पलासिया-आगर चैनपुर के 6 विस्थापितों का नियोजन भूमि अधिग्रहण के दो दशक बाद भी लंबित है. कई लोगों का अभी तक नियमितीकरण नहीं किया गया. अगर कोई गलती थी तो प्रबंधन ने नियोजन कैसे दिया इसका प्रबंधन की तरफ से जवाब दिया जाए. वहीं विस्थापित को दूसरे जगह बसाने के लिए पट्टा और एनओसी दे नहीं तो भविष्य में परेशानी होगी. धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि अगर प्रबंधन होश में नहीं आती है तो आगे आने वाले दिनों में और भी जोरदार आंदोलन देखने को मिलेगा.

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