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खड़गपुर के आईआईटीयन बने टुंडी से जदयू प्रत्याशी, कहा- जनता का आशीर्वाद मिला तो नीतीश मॉडल में होगा विकास

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Published : Nov 23, 2019, 5:30 PM IST

Updated : Nov 23, 2019, 5:46 PM IST

धनबाद का टुंडी विधानसभा सीट पर अभी भी कई राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. वहीं, मेकैनिकल इंजीनियर केके तिवारी को जदयू ने चुनावी मैदान में उतारा है. ईटीवी भारत की टीम ने जदयू प्रत्याशी केके तिवारी से विशेष बातचीत कर जाना कि आखिर यहां की जनता उन्हें क्यों वोट दें. सवाल के जवाब में उन्होंने विकास के कई दावे किए हैं.

जदयू प्रत्याशी के के तिवारी

धनबादः जिले की टुंडी विधानसभा सीट अभी तक हॉट सीट बनी हुई है. धनबाद में नामांकन शुरू हो गया है. 16 दिसंबर को धनबाद की सभी 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. ऐसे में आजसू और झारखंड विकास मोर्चा ने अभी तक अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी नहीं की है. इस विधानसभा सीट पर जदयू ने आईआईटी खड़गपुर से मेकैनिकल इंजीनियर केके तिवारी को मैदान में उतारा है.

टुंडी से जदयू प्रत्याशी के के तिवारी से खास बातचीत

पढ़े लिखे उम्मीदवार को दें वोट
टुंडी से जदयू प्रत्याशी केके तिवारी का कहना है कि उन्होंने 5 सालों से विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सेवा की है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि साफ छवि और पढ़े लिखे लोग भी राजनीति में आ रहे हैं, ऐसे में जनता उन्हें वोट दें. उनका कहना है कि वे टुंडी विधानसभा के मतदाता भी हैं और यहां की समस्याओं से भलीभांति अवगत हैं. जदयू प्रत्याशी का कहना है कि टुंडी विधानसभा की गिनती अत्यंत ही पिछड़े विधानसभा में होती है. यहां की सबसे बड़ी समस्या पलायन की समस्या है. इसके साथ ही यहां के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां पर सिंचाई का कोई भी साधन मौजूद नहीं है, जबकि पंजाब और हरियाणा में किसान काफी खुश हैं.

ये भी पढ़ें-रघुवर सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार में हुई अप्रत्याशित वृद्धि: आलमगीर आलम

नीतीश के विकास मॉडल से प्रभावित
टुंडी विधानसभा की बात अगर छोड़ भी दें तो भी जनता दल यूनाइटेड का पूरे झारखंड में कोई विशेष जनाधार नहीं है. केके तिवारी मेकैनिकल इंजीनियर हैं. ऐसे में जदयू को ही क्यों चुना इसके सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस समय झारखंड अलग हुआ था उसमें सारी खनिज संपदा झारखंड में आ गई थी. लोग बिहार के बारे में कहते थे कि बिहार में लालू और बालू ही बच गया है, लेकिन उसके बाद भी नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की एक नई रेखा खींच डाली है.

ये भी पढ़ें-लातेहार में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, दारोगा समेत 4 जवान शहीद

जदयू प्रत्याशी ने कहा कि भाजपा की वर्तमान सरकार झारखंड में स्कूलों को बंद कर सरकारी शराब की दुकानें खोल रही हैं. ऐसे में लोगों का भला कैसे होगा यह समझने वाली बात है. उन्होंने कहा कि अगर जनता मुझे अपना आशीर्वाद देती है तो शराबबंदी की दिशा में सार्थक प्रयास किया जाएगा.

बता दें कि भाजपा ने पूर्व सांसद रविंद्र पांडेय के बेटे विक्रम पांडे को टुंडी से टिकट दिया है. वहीं, पूर्व मंत्री मथुरा महतो को झामुमो ने अपना प्रत्याशी बनाया है. आजसू ने अपना उम्मीदवार अभी तक यहां नहीं दिया है.

धनबादः जिले की टुंडी विधानसभा सीट अभी तक हॉट सीट बनी हुई है. धनबाद में नामांकन शुरू हो गया है. 16 दिसंबर को धनबाद की सभी 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. ऐसे में आजसू और झारखंड विकास मोर्चा ने अभी तक अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी नहीं की है. इस विधानसभा सीट पर जदयू ने आईआईटी खड़गपुर से मेकैनिकल इंजीनियर केके तिवारी को मैदान में उतारा है.

टुंडी से जदयू प्रत्याशी के के तिवारी से खास बातचीत

पढ़े लिखे उम्मीदवार को दें वोट
टुंडी से जदयू प्रत्याशी केके तिवारी का कहना है कि उन्होंने 5 सालों से विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सेवा की है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि साफ छवि और पढ़े लिखे लोग भी राजनीति में आ रहे हैं, ऐसे में जनता उन्हें वोट दें. उनका कहना है कि वे टुंडी विधानसभा के मतदाता भी हैं और यहां की समस्याओं से भलीभांति अवगत हैं. जदयू प्रत्याशी का कहना है कि टुंडी विधानसभा की गिनती अत्यंत ही पिछड़े विधानसभा में होती है. यहां की सबसे बड़ी समस्या पलायन की समस्या है. इसके साथ ही यहां के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां पर सिंचाई का कोई भी साधन मौजूद नहीं है, जबकि पंजाब और हरियाणा में किसान काफी खुश हैं.

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नीतीश के विकास मॉडल से प्रभावित
टुंडी विधानसभा की बात अगर छोड़ भी दें तो भी जनता दल यूनाइटेड का पूरे झारखंड में कोई विशेष जनाधार नहीं है. केके तिवारी मेकैनिकल इंजीनियर हैं. ऐसे में जदयू को ही क्यों चुना इसके सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस समय झारखंड अलग हुआ था उसमें सारी खनिज संपदा झारखंड में आ गई थी. लोग बिहार के बारे में कहते थे कि बिहार में लालू और बालू ही बच गया है, लेकिन उसके बाद भी नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की एक नई रेखा खींच डाली है.

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जदयू प्रत्याशी ने कहा कि भाजपा की वर्तमान सरकार झारखंड में स्कूलों को बंद कर सरकारी शराब की दुकानें खोल रही हैं. ऐसे में लोगों का भला कैसे होगा यह समझने वाली बात है. उन्होंने कहा कि अगर जनता मुझे अपना आशीर्वाद देती है तो शराबबंदी की दिशा में सार्थक प्रयास किया जाएगा.

बता दें कि भाजपा ने पूर्व सांसद रविंद्र पांडेय के बेटे विक्रम पांडे को टुंडी से टिकट दिया है. वहीं, पूर्व मंत्री मथुरा महतो को झामुमो ने अपना प्रत्याशी बनाया है. आजसू ने अपना उम्मीदवार अभी तक यहां नहीं दिया है.

Intro:धनबाद धनबाद की टुंडी विधानसभा सीट अभी तक हॉट सीट बनी हुई है. एक तरफ जहां धनबाद में नामांकन भी प्रारंभ हो गया है. 16 दिसंबर को धनबाद की सभी 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है ऐसे में आजसू और झारखंड विकास मोर्चा ने अभी तक अपना अपना प्रत्याशी भी नहीं दिया है. ओए इस विधानसभा सीट पर जदयू ने आईआईटी खड़कपुर से मैकेनिकल इंजीनियर केके तिवारी को मैदान में उतारा है.


Body:टुंडी से जदयू प्रत्याशी के के तिवारी का कहना है कि मैंने 5 सालों से विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सेवा की है ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ चुनाव में ही लोगों के बीच आया हूं. लोगों से अपील करता हूं कि साफ छवि और पढ़े लिखे लोग भी राजनीति में आएं. उनका कहना है कि टुंडी विधानसभा का मैं मतदाता भी हूं और यहां की समस्याओं से भलीभांति अवगत भी हूं, उम्मीद है यहां की जनता अपना आशीर्वाद देकर मुझे विधानसभा भेजने का काम करेगी.

जदयू प्रत्याशी का कहना है कि टुंडी विधानसभा की गिनती अत्यंत ही पिछड़े विधानसभा में होती है और मैं यहां का मतदाता होने के नाते इस समस्या से भलीभांति अवगत हूं. टुंडी विधानसभा की सबसे बड़ी समस्या पलायन की समस्या है साथ ही साथ यहां के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां पर सिंचाई का कोई भी साधन मौजूद नहीं है जबकि पंजाब और हरियाणा में किसान काफी खुश है इन सारी समस्याओं को मैं यहां से दूर करने का भरसक प्रयास करूंगा.

आपको बता दें की टुंडी विधानसभा की बात अगर छोड़ भी दें तो भी जनता दल यूनाइटेड का पूरे झारखंड में कोई विशेष जनाधार नहीं है.ऐसे में के के तिवारी मेकेनिकल इंजीनियर होते हुए इस पार्टी को चुनने के बारे में कहते हैं कि जिस समय झारखंड अलग हुआ था उसमें सारी खनिज संपदा झारखंड में आ गई थी और लोग बिहार के बारे में कहते थे कि बिहार में लालू और बालू ही बच गया है लेकिन उसके बाद भी नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की एक नई रेखा खींच डाली है. अगर जनता आशीर्वाद देती है तो नीतीश मॉडल के रूप में टुंडी का विकास होगा.

जदयू प्रत्याशी ने कहा कि भाजपा की वर्तमान सरकार झारखंड में स्कूलों को बंद कर सरकारी शराब की दुकानें खोल रही है. ऐसे में झारखंडीयों का भला कैसे होगा यह समझने वाली बात है. उन्होंने कहा कि अगर जनता मुझे अपना आशीर्वाद देती है तो शराबबंदी की दिशा में सार्थक प्रयास किया जाएगा.


Conclusion:चुनाव के समय में सभी नेता अपनी-अपनी जीत के दावे करते ही हैं.ऐसे में जनता जनार्दन ही नेताओं के भविष्य का फैसला करते हैं.जदयू का कोई विशेष जनाधार नहीं है लेकिन एक इंजीनियर होने के बावजूद भी अगर लोग चुनाव मैदान में आते हैं तो जनता उनके बातों पर कितना भरोसा करती है या नहीं करती है यह देखने वाली बात है.

फिलहाल भाजपा ने पूर्व सांसद रविंद्र पांडेय के पुत्र विक्रम पांडे को टुंडी से टिकट दिया है,वही पूर्व मंत्री मथुरा महतो को झामुमो ने अपना प्रत्याशी बनाया है. झामुमो और आजसू ने अपना उम्मीदवार भी अभी तक यहां नहीं दिया है. ऐसे में टुंडी की जनता अभी भी यह समझ नहीं पा रही है कि आने वाले दिन में किसका चुनाव करना होगा क्योंकि नामांकन शुरू होने के बावजूद भी अभी तक यहां सभी पार्टी के उम्मीदवार भी घोषित नहीं किए गए हैं.
Last Updated : Nov 23, 2019, 5:46 PM IST
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