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ईटीवी भारत से बोले निरसा विधायक अरूप चटर्जी- जनता का मिला आशीर्वाद तो पूरा करेंगे अधूरा काम

निरसा के वर्तमान विधायक अरूप चटर्जी पर मासस ने एक बार फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है. अरूप चटर्जी ईटीवी भारत से बात करते हुए कहते हैं कि उनके कार्यकाल में निरसा विधानसभा क्षेत्र में जितने काम अधूरे रह गए हैं उन्हें पूरा करना उनकी प्राथमिकता होगी.

अरूप चटर्जी
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Published : Nov 20, 2019, 8:29 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 9:05 PM IST

धनबाद: जिले की छह विधानसभा सीटों में से दो बीजेपी प्रत्याशियों का टिकट काटा गया है, जिसमें एक सिंदरी विधानसभा से सीटिंग विधायक फूलचंद मंडल और दूसरा निरसा विधानसभा क्षेत्र के गणेश मिश्रा का टिकट है, जो पिछली बार के चुनाव में निरसा विधानसभा क्षेत्र से दूसरे पायदान पर थे. वर्तमान में मासस के अरूप चटर्जी निरसा के विधायक हैं. वे तीन बार निरसा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार फिर से वे निरसा से मासस के प्रत्याशी बनाए गए हैं.

देखें अरुप चटर्जी से खास बातचीत


अधूरी योजनाओं को किया जाएगा पूरा
ईटीवी भारत ने निरसा विधायक अरूप चटर्जी से बात कर उनकी प्राथमिकता के बारे में सवाल किया तो उनका कहना है कि उनके कार्यकाल में जो योजनाएं अधूरी रह गई उसे पूरा करना उनकी सबसे पहली प्राथमिकता होगी. वहीं उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में कल-कारखानों की बंदी हुई है पर उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ उनके क्षेत्र की बात नहीं है यह पूरे देश की बात है. यहां तक कि रघुवर दास के क्षेत्र में भी काफी कल-कारखाने बंद हुए हैं.

देखें अरुप चटर्जी से खास बातचीत

ये भी पढ़ें: मुंडा सरकार में थे उपमुख्यमंत्री, तख्ता पलट के बाद संभाली मुख्यमंत्री की गद्दी


महागठबंधन पर कुछ भी साफ नहीं
महागठबंधन में रहने को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है. अटकलें हैं कि निरसा विधानसभा सीट से जेएमएम प्रत्याशी नहीं देगा और वहां पर मासस को जेएमएम का समर्थन मिलेगा. वही सिंदरी विधानसभा सीट पर मासस और जेएमएम दोनों ने ही अपना प्रत्याशी दे दिया है. मासस से आनंद महतो और जेएमएम के टिकट से फूलचंद मंडल का नाम घोषित हो चुका है. दूसरी तरफ विधायक अरूप चटर्जी ने निरसा विधानसभा सीट से जेएमएम के उम्मीदवार नहीं दिए जाने के मामले में कहा कि इसपर अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.


अरूप चटर्जी ने अपनी प्राथमिका, कमजोरियों को बताते हुए यह भी कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इस विधानसभा चुनाव में उन्हें जनता का भरपूर सहयोग मिलेगा. इस बार निरसा विधानसभा सीट से वे इतने वोटों से जीतेंगे कि यह रिकॉर्ड होगा.

धनबाद: जिले की छह विधानसभा सीटों में से दो बीजेपी प्रत्याशियों का टिकट काटा गया है, जिसमें एक सिंदरी विधानसभा से सीटिंग विधायक फूलचंद मंडल और दूसरा निरसा विधानसभा क्षेत्र के गणेश मिश्रा का टिकट है, जो पिछली बार के चुनाव में निरसा विधानसभा क्षेत्र से दूसरे पायदान पर थे. वर्तमान में मासस के अरूप चटर्जी निरसा के विधायक हैं. वे तीन बार निरसा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार फिर से वे निरसा से मासस के प्रत्याशी बनाए गए हैं.

देखें अरुप चटर्जी से खास बातचीत


अधूरी योजनाओं को किया जाएगा पूरा
ईटीवी भारत ने निरसा विधायक अरूप चटर्जी से बात कर उनकी प्राथमिकता के बारे में सवाल किया तो उनका कहना है कि उनके कार्यकाल में जो योजनाएं अधूरी रह गई उसे पूरा करना उनकी सबसे पहली प्राथमिकता होगी. वहीं उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में कल-कारखानों की बंदी हुई है पर उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ उनके क्षेत्र की बात नहीं है यह पूरे देश की बात है. यहां तक कि रघुवर दास के क्षेत्र में भी काफी कल-कारखाने बंद हुए हैं.

देखें अरुप चटर्जी से खास बातचीत

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महागठबंधन पर कुछ भी साफ नहीं
महागठबंधन में रहने को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है. अटकलें हैं कि निरसा विधानसभा सीट से जेएमएम प्रत्याशी नहीं देगा और वहां पर मासस को जेएमएम का समर्थन मिलेगा. वही सिंदरी विधानसभा सीट पर मासस और जेएमएम दोनों ने ही अपना प्रत्याशी दे दिया है. मासस से आनंद महतो और जेएमएम के टिकट से फूलचंद मंडल का नाम घोषित हो चुका है. दूसरी तरफ विधायक अरूप चटर्जी ने निरसा विधानसभा सीट से जेएमएम के उम्मीदवार नहीं दिए जाने के मामले में कहा कि इसपर अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.


अरूप चटर्जी ने अपनी प्राथमिका, कमजोरियों को बताते हुए यह भी कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इस विधानसभा चुनाव में उन्हें जनता का भरपूर सहयोग मिलेगा. इस बार निरसा विधानसभा सीट से वे इतने वोटों से जीतेंगे कि यह रिकॉर्ड होगा.

Intro:धनबाद: धनबाद की छह विधानसभा सीटों में से दो भाजपा प्रत्याशियों का टिकट काटा गया है.जिसमें एक सिंदरी विधानसभा से सीटिंग विधायक फूलचंद मंडल और दूसरा निरसा विधानसभा क्षेत्र के गणेश मिश्रा का टिकट है,जिन्होंने पहली बार निरसा विधानसभा क्षेत्र में दूसरे पायदान पर भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में लाकर दिखाया था. इन दोनों का टिकट कटा है.निरसा से पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता को भाजपा ने इस बार टिकट दिया है. निरसा विधानसभा में इस बार भाजपा और मासस में टककर दिख रही है


Body:आपको बता दें कि वर्तमान निरसा विधायक अरूप चटर्जी तीन बार निरसा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं उन्हें यह सीट उपचुनाव में विरासत के दौरान मिली थी. लेकिन वामपंथी पार्टी होने के कारण जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं उनके साथ थे और यह तीन बार चुनाव जीतने में सफल रहे,हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गणेश मिश्रा ने इन्हें कांटे की टक्कर दी थी और लगभग हजार वोटों से चुनाव हार गए लेकिन भाजपा को दूसरे पायदान पर पहुंचाने में कामयाब हुए. 2005 के विधानसभा चुनाव में अपर्णा सेनगुप्ता ने फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर अरूप चटर्जी को विधानसभा में हराया था और झारखंड में मंत्री भी बनी थी और उस समय क्षेत्र के लिए उन्होंने काफी कुछ काम किया है. वहां की जनता भी इस बात को स्वीकार करती है.अपर्णा सेनगुप्ता का आरोप है कि लगभग 30 वर्षों तक एक परिवार में यहां राज किया है और उनके राज में सिर्फ क्षेत्र की जनता को लूटने का ही काम किया गया है.यहां के जितने कल कारखाने थे उन्हें सिर्फ और सिर्फ बंद कराने का काम किया गया है. अरूप चटर्जी ने स्वीकार किया की अपर्णा सेनगुप्ता ने क्षेत्र की जनता के लिए काम किया है. उन्होंने कहा बरबेंदीया पुल का निर्माण अपर्णा ने जरूर लेकिन उन्हीं के कार्यकाल में गिर गया. जो आज तक अधूरा पड़ा है. निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने स्वीकार किया कि मेरे कार्यकाल में कल कारखानों की बंदी हुई है. पर उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ मेरे क्षेत्र की बात नहीं पूरे देश की बात है. यहां तक कि रघुवर दास के क्षेत्र में भी काफी कल कारखाने बंद हुए हैं. अरूप चटर्जी ने कहा यह सिर्फ मेरे विधानसभा क्षेत्र की ही बात नहीं है सभी जगह ऐसा हुआ है. वंही महागठबंधन में झामुमो के रहने को लेकर अभी भी कुछ स्पष्ट नहीं है.अटकलें हैं कि निरसा विधानसभा सीट से झामुमो प्रत्याशी नहीं देगा और वहां पर मासस को झामुमो समर्थन करेगी. वही सिंदरी विधानसभा सीट पर मासस और झामुमो दोनों ने ही अपना प्रत्याशी दे दिया है. मासस से आनंद महतो और झामुमो के टिकट से फूलचंद मंडल का नाम घोषित हो चुका है. दूसरी तरफ विधायक अरूप चटर्जी ने निरसा विधानसभा सीट से झामुमो के द्वारा उम्मीदवार नहीं दिए जाने के मामले में कहा कि उन्हें अब इस मामले में अभी तक कोई जानकारी नहीं है.


Conclusion:चुनाव में नेता चुनाव जीतने के सारे हथकंडे अपनाते हैं और अपने विपक्षी नेताओं पर जमकर प्रहार करते हैं.आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता है. ऐसे में जनता जनार्दन ही हार और जीत का फैसला करते हैं और जनप्रतिनिधि को चुनकर विधानसभा भेजने का काम करती है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है और विधानसभा भेजने का काम करती है.
Last Updated : Nov 20, 2019, 9:05 PM IST
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