धनबादः मई दिवस पर श्रमिक चौक के पास बीमा कर्मचारी संघ ने श्रम कानूनों में बदलाव का जबरदस्त विरोध किया है. संघ ने कहा कि सरकार इस कोरोना काल में भी मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है. राहत पैकेज के नाम पर कर्ज बांट रही है लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.
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धनबाद में मई दिवस पर श्रम कानूनों का विरोध बीमा कर्मचारी संघ धनबाद द्वारा किया गया है. उन्होंने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया है. जिसमें यह बताया गया कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस की आड़ में मजदूरों के काम करने के घंटे में बढ़ोतरी कर रही है. समन्वय के उपाध्यक्ष असिम हलधर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विरोधी हैं.
उन्होंने कहा कि पूरे देश में बेरोजगार की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ गया है. सभी बैंकों को मर्ज कर कमर तोड़ दी है. प्रधानमंत्री आज एलआईसी को तोड़ने के लिए कमर कसे हुए हैं. इसलिए आज सभी कर्मचारी डटे हुए है और लड़ाई जारी रखे हुए हैं. इससे भी बड़ी लड़ाई करने के लिए पूरे देश में बीमा कर्मचारी तेज कर धारदार लड़ाई के लिए बाध्य होंगे. ऐसे में मजदूर के सभी संगठन केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.
इस मई दिवस के उपलक्ष्य पर सभी मजदूर शपथ ले रहे हैं. सरकार की इस नीति के खिलाफ सभी संगठन एकजुट है और इसका जमकर विरोध किया जाएगा. संघ के समन्वय उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार जानबूझकर सभी सेक्टर को निजीकरण की ओर धकेल रही है. सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के बारे में सोच रही है, मजदूरों की तरफ सरकार का किसी प्रकार का ध्यान नहीं है. सरकार को अपने नीति बदलनी होगी और मजदूरों के हक की भी बात सोचनी होगी.