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बॉर्डर पर देश के दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए सिंफर बना रही जवानों को दक्ष! पत्थर हो या पहाड़ चीर कर इंडियन आर्मी पहुंचेगी शत्रु तक - 40 Member Indian Army in CIMFER Dhanbad

सिंफर सुरंग बनाने की ट्रेनिंग इंडियन आर्मी को 13 मार्च से दे रही है. जवानों की 40 सदस्यीय टीम 28 मार्च तक इसमें भाग लेगी. टनल बनाने में ट्रेन होने के बाद दुश्मनों के ठिकानों पर आसानी से पहुंच पाएगी.

Indian Army Training in CIMFER
इंडियन आर्मी टनेल ट्रेनिंग
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Published : Mar 16, 2023, 5:45 PM IST

Updated : Mar 17, 2023, 6:13 AM IST

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धनबादः सिंफर ने शोध कार्यों की वजह से पूरे देश में एक अलग पहचान बनाई है. इस बार सिंफर को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह रिसर्च से इतर है. इसे देश की हिफाजत में तैनात इंडियन आर्मी को सशक्त करने का कार्य दिया गया है. जवानों को सिंफर अंडरग्राउंड सुरंग (टनल) बनाने के लिए सिखा रही है. इसके लिए आर्मी के जवान 13 मार्च से सिंफर वैज्ञानिकों से ट्रेनिंग ले रहे हैं. यह ट्रेनिंग 28 मार्च तक चलेगी. इंडियन आर्मी के लिए पहाड़ी बॉर्डर इलाके में सुगम रास्ता बनाने का काम सिंफर पहले भी कर चुकी है.

यह भी पढ़ें: Railway Parcel Facility in Dhanbad: अब घर बैठे मिलेगा रेलवे पार्सल की सुविधा का लाभ, डोर-टू-डोर डिलीवरी योजना की हुई शुरुआत

इंडियन आर्मी के 40 जवान ले रहें व्यावहारिक ज्ञान: पिछले किए गए कार्यों से विश्वास बढ़ा है. यही वजह है कि सिंफर को फिर से यह नया प्रोजेक्ट मिला है. मंशा सुरंग के जरिए देश के दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने की है. इंडियन आर्मी के 40 अधिकारी और जवान इसकी ट्रेनिंग ले रहे हैं. ट्रेनिंग के बाद जवान ब्लास्टिंग के जरिए कहीं भी टनल बनाने में दक्ष हो पाएंगे. ट्रेनिंग में व्यावहारिक ज्ञान और इसकी समक्ष विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है.

पत्थर हो या पहाड़ हर जोखिम में टनल की ट्रेनिंग: इंडियन आर्मी को सुदढ़ और मजबूत बनाने में सिंफर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. ट्रेनिंग में दक्षता के बाद इंडियन आर्मी दुश्मन के घर में घुसकर मारने में कामयाब होगी. समतल जमीन हो, पत्थर हो या पहाड़ हर जोखिम भरे क्षेत्र में सुरंग बनाने की ट्रेनिंग जवानों को दी जा रही है. पहाड़ी व बॉडर सीमा क्षेत्र में सुरंग की रणनीति काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. दुश्मन से लोहा लेने के साथ ही आपातकाल में सैनिकों की सुरक्षा के लिहाज से सुरंग की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. टीम को आदित्य राना और डॉक्टर सीसोम इलियाना लीड कर रहे है. दिलीप कुमार को प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है.

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धनबादः सिंफर ने शोध कार्यों की वजह से पूरे देश में एक अलग पहचान बनाई है. इस बार सिंफर को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह रिसर्च से इतर है. इसे देश की हिफाजत में तैनात इंडियन आर्मी को सशक्त करने का कार्य दिया गया है. जवानों को सिंफर अंडरग्राउंड सुरंग (टनल) बनाने के लिए सिखा रही है. इसके लिए आर्मी के जवान 13 मार्च से सिंफर वैज्ञानिकों से ट्रेनिंग ले रहे हैं. यह ट्रेनिंग 28 मार्च तक चलेगी. इंडियन आर्मी के लिए पहाड़ी बॉर्डर इलाके में सुगम रास्ता बनाने का काम सिंफर पहले भी कर चुकी है.

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इंडियन आर्मी के 40 जवान ले रहें व्यावहारिक ज्ञान: पिछले किए गए कार्यों से विश्वास बढ़ा है. यही वजह है कि सिंफर को फिर से यह नया प्रोजेक्ट मिला है. मंशा सुरंग के जरिए देश के दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने की है. इंडियन आर्मी के 40 अधिकारी और जवान इसकी ट्रेनिंग ले रहे हैं. ट्रेनिंग के बाद जवान ब्लास्टिंग के जरिए कहीं भी टनल बनाने में दक्ष हो पाएंगे. ट्रेनिंग में व्यावहारिक ज्ञान और इसकी समक्ष विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है.

पत्थर हो या पहाड़ हर जोखिम में टनल की ट्रेनिंग: इंडियन आर्मी को सुदढ़ और मजबूत बनाने में सिंफर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. ट्रेनिंग में दक्षता के बाद इंडियन आर्मी दुश्मन के घर में घुसकर मारने में कामयाब होगी. समतल जमीन हो, पत्थर हो या पहाड़ हर जोखिम भरे क्षेत्र में सुरंग बनाने की ट्रेनिंग जवानों को दी जा रही है. पहाड़ी व बॉडर सीमा क्षेत्र में सुरंग की रणनीति काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. दुश्मन से लोहा लेने के साथ ही आपातकाल में सैनिकों की सुरक्षा के लिहाज से सुरंग की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. टीम को आदित्य राना और डॉक्टर सीसोम इलियाना लीड कर रहे है. दिलीप कुमार को प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है.

Last Updated : Mar 17, 2023, 6:13 AM IST
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