धनबादः निरसा में हुई चाल धंसने की घटना में शवों का मिलने का सिलसिला जारी है. अब तक कुल 6 शवों को निकाला गया है जबकी एक महिला जीवित निकली है, आनन फानन में उसे धनबाद रेफर किया हैं. यहां मौके पर जिला प्रशासन स्थानीय पुलिस एवं इस रियल के सुरक्षाकर्मी मौजूद हैं. धनबाद में खदान हादसा को लेकर ग्रामीण खौफ में हैं और प्रशासन सकते में है.
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धनबाद के निरसा थाना क्षेत्र गोपीनाथपुर ओसीपी में सुबह-सुबह अवैध उत्खनन में चाल धंस गया. जिसमें कई ग्रामीण दब गए, सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें अब तक 6 शव निकाला जा चुका है. ओसीपी के आसपास बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं. वहीं घटना की गंभीरता को देखते हुए मुगमा एरिया प्रबंधन द्वारा जेसीबी लगा कर मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है. ओसीपी में जलजमाव के कारण जेसीबी को मलबा हटाने में काफी परेशानी हो रही है.
घटनास्थल पर पहुंचीं निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने हेमंत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस सरकार का जबसे गठन हुया है, क्षेत्र में अवैध उत्खनन लूट धड़ल्ले से जारी है. माफिया बेखौफ होकर घटना को अंजाम दे रहे हैं और इसमें प्रशासन चुप्पी साधे हुई है. आगे उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं हेमंत सरकार के इशारे पर ये सारी घटनाएं हो रही हैं. गरीब लोग अपनी दो वक्त की रोटी के लिए अवैध उत्खनन के मुहाने में घुसते जा रहे हैं और मौत की नींद सो रहे हैं, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
वहीं घटना के संबंध में निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि क्षेत्र में कोयला चोरी, तस्करी, लूट, हत्या आम बात हो गयी है. कहीं ना कहीं प्रशासन की भी इसमें मिलीभगत है. उन्होंने कहा कि निरसा विधानसभा क्षेत्र में कोयले का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है, वो झारखंड सरकार से मांग करेंगे कि इसपर अविलंब रोक लगाई जाए नहीं तो आज दर्जनों जान गयी है, आने वाले समय में इससे भी भयंकर स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
इन दिनों निरसा क्षेत्र में अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है परंतु प्रशासन इस पर रोक लगाने में असफल है. जिसके कारण धनबाद में चाल धंसने से 6 की मौत हो गयी. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एक शव बुरी तरह से चाल धंसने से क्षत-विक्षत हो गया है. उसी अवस्था में ग्रामीण शव को लेकर भाग खड़ा हुए हैं. अगर कोलियरी प्रबंधक और प्रशासन अब भी सक्रिय नहीं होते हैं तो ऐसी कई बड़ी घटना के होने से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि निरसा क्षेत्र में दर्जनों जगह कोयले का अवैध उत्खनन अब भी जारी है.