धनबादः आईआईटी आईएसएम की कार्रवाई ने करीब 214 छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है. आईएसएम ने इन छात्रों को बर्खास्त कर दिया है. आईएसएम की ओर से अब तक की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. दरअसल आईएसएम की ओर से दिए गए नोटिस के आलोक में छात्रों ने कोई जवाब नहीं दिया. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
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वहीं, इस पूरे मामले पर धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने कहा है वो आईआईटी आईएसएम के डायरेक्टर से बात करेंगे और इस मामले में समाधान करेंगे. उन्होंने कहा कि ये 214 छात्रों के भविष्य का सवाल है इसलिय इस मामले में समाधान होना चाहिए.
इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण में छात्रों को शुल्क जमा नहीं करने के कारण बर्खास्त किया जाना कहीं से भी उचित नहीं है. इस पर कानूनी दृष्टि से देखना अलग होगा कि कॉलेज प्रबंधन ने क्या नोटिस दिया है? छात्रों के तरफ से क्या कमी हुई है ? उन्होंने किस परिस्थिति में शुल्क जमा नहीं किया ? इन तमाम बातों को तो अलग से समझना होगा, लेकिन जहां तक यह देखा जा रहा है कि शुल्क जमा नहीं किए जाने के कारण जो इस तरह की कार्रवाई की गई है, वह गलत है.
जूनियर रिसर्च फेलोशिप के छात्र भी शामिल
डीन एकेडमिक ने कार्यालय आदेश के साथ शैक्षणिक विषय में बर्खास्त किए गए विद्यार्थियो की लिस्ट निकाली है. इनमें 129 छात्र-छात्राएं शामिल हैं. इन छात्रों की ओर से प्री- रजिस्ट्रेशन कराया गया, लेकिन उन्होंने शुल्क जमा नहीं किया. इसके साथ ही 85 छात्रों ने मानसून सत्र 2020-21 में प्री-रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. बीटेक के छात्र छात्राओं के अलावा इसमें जूनियर रिसर्च फेलोशिप के छात्र भी शामिल हैं. 16 दिसंबर तक का समय डीन एकेडमिक ने छात्रों को दिया है. वेबसाइट पर इन्हें फॉर्म ए-5 भरने का आदेश दिया गया है. इसके बाद ही सीनेट उनकी बर्खास्तगी वापस लेने पर विचार करेगी.
यहां देखिए पूरी लिस्ट