धनबाद: महामारी कोरोना के कारण व्यापार पर पड़े असर से कोयलांचल धनबाद में खाद्यान्न के थोक व्यापारी बेहाल हो गए हैं. लॉकडाउन की शुरुआत में लगभग 15 दिनों तक लोगों के खाद्यान्न का स्टाक करने से कारोबार में उछाल आ गया था. नतीजतन तमाम व्यापारियों ने स्टाक बढ़ा लिया पर जल्द ही खरीदार बाजार से दूर हो गए और आज बाजारों में ज्यादातर सन्नाटा पसरा रहता है. अक्सर बोहनी तक नहीं होती, इससे अब तो उनके गोदामों में पड़ी सामग्री खराब होने के कगार पर पहुंच गई हैं.
कोरोना की मार से देश-दुनिया का हर तबका बेहाल है. धनबाद के थोक खाद्यान्न व्यवसायी भी इससे अछूते नहीं हैं. धनबाद के बरवाअड्डा स्थित कृषि बाजार प्रांगण में खाद्य सामग्री की करीब 429 दुकानें हैं. यहां के व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन की शुरुआत में अचानक से दुकानों में ग्राहकों भीड़ बढ़ गई थी. इसके मद्देनजर स्टॉक भी कुछ ज्यादा मंगा लिया था. लगभग 15-20 दिनों तक कारोबार में तेजी रही पर अब स्थिति गंभीर हो गई है. अब तो ग्राहकों के न आने से उनके स्टॉक के खराब होने की नौबत आ गई है.
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कभी-कभी बोहनी तक नहीं होती
चावल का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों का कहना है कि पहले रोजाना 2000 बोरी चावल की बिक्री हो जाती थी पर अब इसमें करीब 50 प्रतिशत की गिरावट आ गई है. आटा, सरसों तेल, चना, गुड़, नमक, दाल आदि का व्यवसाय करने वाले कारोबारियों का भी यही कहना है. कुछ कारोबारियों ने बताया कि उनका व्यापार 75% तक प्रभावित हुआ है, कभी-कभी तो बोहनी तक नहीं होती.
शादी-विवाह बंद होने का भी असर
व्यापारियों का कहना है कि कोरोना के कारण शादी-विवाह, सांस्कृतिक कार्यक्रम सभी लगभग बंद है और सभी में लोगों शामिल होन वाले लोगों की संख्या सीमित कर दी गई है. वहीं लोग ज्यादा जरूरी न होने पर शादी ब्याह को भी टाल दे रहे हैं ऐसे में खाद्य सामग्रियों के कारोबार पर इसका असर पड़ा है.
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गरीबों को अनाज की जगह कैश दे दें तो कारोबार भी चले
कुछ व्यवसायियों ने कहा कि सरकार की ओर से गरीबों को फ्री में अनाज दिया जा रहा है. इसका भी कारोबार पर असर पड़ रहा है, उनका कहना था कि इससे अच्छा सरकार अगर गरीबों के अकाउंट में नगद पैसे डाल दे तो पैसे का रोटेशन होता और कारोबार चलता रहता. कुछ व्यापारियों का कहना है कि सरकार की ओर से फ्री में चावल और दाल दिए जाने से मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं.
होटल बंद होने से भी दिक्कत
व्यापारियों का कहना है कि होटल का व्यवसाय बंद होने के कारण भी उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि तमाम होटल रेस्टोरेंट, चाट, पकौड़े और गुपचुप की दुकानें बंद हैं. इसका खाद्यान्न के कारोबार पर खराब असर पड़ा है. व्यापारियों ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लोग घरों से कम ही बाहर निकल रहे हैं. लोग बाहर नहीं निकलेंगे तो कारोबार तो प्रभावित ही होगा.
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बड़ी कंपनी के मैदान में आने से बिगड़ी बात
बरवाअड्डा कृषि बाजार स्थित होलसेल चावल की दुकान चलाने वाले एक व्यापारी ने बताया कि लॉकडाउन की शुरुआत में किराना और मेडिकल की ही दुकान खुली थी. इस कारण बड़ी कंपनियों की नजर किराना और खाद्यान्न कारोबार पर भी पड़ी. खाद्यान्न कारोबार में चिकित्सा क्षेत्र की तुलना में कम औपचारिकता की जरूरत थी. इससे कई बड़ी कंपनी इस क्षेत्र में आईं. इसका भी कारोबार पर असर पड़ा.
नियम बनाकर होटल खोलने की जरूरत
बाजार समिति चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता का कहना है कि कुछ नियम बनाकर होटल के व्यवसाय को अगर खोल दिया जाए तो इससे थोड़ी बहुत राहत मिल सकती है. उन्होंने कहा की कोरोना के कारण जो नुकसान होना है, वह होकर ही रहेगा पर होटल आदि का संचालन शुरू करने की जरूरत है.