धनबाद: चर्चित रंजय हत्याकांड में बुधवार को चश्मदीद की एडीजे 16 अखिलेश कुमार की अदालत में गवाही हुई. चश्मदीद के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद एक आरोपी का प्रति परीक्षण भी किया गया. अब रंजय हत्याकांड मामले में महज तीन से चार गवाहों की गवाही कोर्ट में होनी है. गवाही के दौरान पूरे कोर्ट कैंपस को सील कर दिया गया था. चश्मदीद गवाह की सुरक्षा पहले से कहीं ज्यादा चाक-चौबंद नजर आई. गवाहों को धमकाने की शिकायत रंजय सिंह की पत्नी रूमी सिंह ने अदालत में पूर्व की थी. जिसके बाद अदालत ने जिले के एसएसपी को पूरे परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया था.
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वहीं, अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कांड के मुख्य सूचक व चश्मदीद गवाह राजा यादव आज अदालत में गवाही के लिए पेश हुए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से अभियुक्त कोर्ट में हाजिर किया गया. जिसमें राजा यादव ने उसकी पहचान हत्याकांड में शामिल होने की की है. अधिवक्ता ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नंदकुमार उर्फ मामा को राजा यादव ने इस कांड में शामिल होने की पहचान की है. राजा यादव ने बताया कि नंदकुमार को कई बार हर्ष सिंह के साथ उसकी गाड़ियों में देखा था. जिस दिन यह घटना घटी नंद कुमार उर्फ मामा और हर्ष सिंह रघुकुल के पास बातचीत कर रहे थे. अदालत में रंजय सिंह की पत्नी रूमी सिंह भी मौजूद रहीं. अदालत के द्वारा इस कांड की गुरुवार को भी गवाही होनी है. राजा यादव को कल फिर से पुख्ता सुरक्षा के बीच अदालत में गवाही के लिए लाया जाएगा. अधिवक्ता ने बताया कि अब फैसले की घड़ी में ज्यादा समय नहीं है. महज तीन से चार गवाहों की गवाही और बाकी है. इन चारों गवाहों की गवाही के बाद अदालत अपना फैसला सुनाएगी.
बता दें कि 29 जनवरी 2017 को सरायढ़ेला थाना क्षेत्र के नीलांचल कॉलनी के समीप सड़क पर झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रंजय स्कूटी पर सवार था, स्कूटी पर रंजय के साथ राजा यादव भी था. राजा सिंह मेंशन में काम करता है. राजा इस केस का चश्मदीद गवाह भी है.
घटना के बाद पुलिस ने हमलावरों का राजा के माध्यम से स्केच भी बनवाया था. पुलिस ने जेल में भी परेड कराई थी. जिसमें राजा यादव ने 12 कैदियों के बीच नंन्द कुमार उर्फ मामा की पहचान की थी. नंदकुमार अभी जेल में है, लेकिन दूसरे स्केच जिसकी पहचान चंदन शर्मा के रूप में हुई थी. पुलिस 6 सालों में चंदन शर्मा को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पुलिस का अनुसंधान उसमें अब भी जारी है.