धनबादः आइआइटी-आइएसएम स्टेडियम में हाईमास्ट लाइट लगाने के दौरान एक इंजीनियर रात भर करीब 100 फीट ऊंची बिजली के पोल पर फंसा हुआ रहा. जिस हाइड्रोलिक गाड़ी के माध्यम से इंजीनियर को लाइट लगाने के लिए बिजली पोल के ऊपरी छोर पर भेजा गया था. इसी दौरान हाइड्रोलिक वाहन अचानक खराब हो गया. अब इंजीनियर पोल की ऊपर अंतिम छोर पर फंसकर रहा गया.
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धनबाद में हाईमास्ट लाइट लगाने के दौरान पोल पर इंजीनियर रातभर फंसा रहा. इसके बाद स्टेडियम में लाइट लगाने वाले ठेकेदार और उनके लोगों द्वारा इंजीनियर को उतारने का काफी कोशिश की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. अंततः धनबाद के अग्निशमन विभाग से संपर्क किया गया, फायर विभाग की टीम देर रात पहुंची. लेकिन उसने साधन नहीं होने की बात कह हाथ खड़े कर दिए. इसके बाद इंजीनियर की जान बचाने के लिए रांची फायर विभाग के संपर्क किया गया. सुबह पांच बजे रांची से हाइड्रोलिक प्लेटफार्म धनबाद पहुंचा. इसके बाद इंजीनियर का रेस्क्यू कर नीचे उतारा गया.
जानकारी देते जिला अग्निशमन प्रभारी इंजीनियर के बिजली के पोल पर फंस जाने के बाद देर रात धनबाद फायर विभाग की टीम आइएसएम स्टेडियम पहुंची. अधिक ऊंचाई होने के कारण टीम ने इंजीनियर को सुरक्षित उतारने से हाथ खड़े कर दिए. इसके बाद फायर विभाग ने धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार को मामले की जानकारी दी, एसएसपी ने स्टेट फायर अधिकारी से संपर्क किया. रांची से तत्काल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की मांग की गयी. रात तकरीबन 1:00 बजे रांची से हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की गाड़ी धनबाद के लिए चली तकरीबन 4 घंटे बाद करीब पांच बजे सुबह 100 फीट ऊंची हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की गाड़ी आई. इसके बाद पोल पर फंसे इंजीनियर को सुरक्षित नीचे उतारा गया. शहर में 10 मंजिला से अधिक की इमारत खड़ी है. आइएसएम परिसर में तो 15-15 मंजिला हॉस्टल है. लेकिन धनबाद फायर विभाग के पास एक भी हाइड्रोलिक प्लेटफार्म नहीं है. झारखंड में सिर्फ राजधानी रांची में ही फायर विभाग के पास हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है. पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक ने मंत्री रहते धनबाद के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मांग की थी.