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Dhanbad News: भगवान के आशियाने पर आफत! मंदिर को मिला जमीन खाली करने का नोटिस - झारखंड न्यूज

धनबाद के निरसा में भगवान को नोटिस देने का एक अनोखा मामला सामने आया है. पूर्व रेल मंडल आसनसोल जोन की ओर से कुमारी काली मंदिर के नाम से जमीन खाली करने का नोटिस मंदिर की दीवार पर चस्पा कर दिया गया है. यहां पढ़ें पूरी खबर.

Eastern Railway Notice to Kali Mandir in Dhanbad
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Published : Mar 17, 2023, 11:14 AM IST

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धनबादः जब भक्तों पर आफत आती है तो आम जनमानस भगवान की शरण में पहुंचते हैं, प्रार्थना करते हैं और दया की गुहार लगाते हैं. अपनी मनोकामना और अपने दुखों को हरने की विनती भगवान से करते हैं. लेकिन मानवीय और भौतिक जगत में अगर किसी कारणवश भगवान पर ही आफत आ जाए तो क्या किया जाए. धनबाद के निरसा में पूर्व रेलवे ने ग्रामीणों के साथ साथ भगवान को भी नोटिस दिया है.

इसे भी पढ़ें- रेलवे ने हनुमान जी को भेजा नोटिस! कहा- जमीन खाली करो नहीं तो होगी कार्रवाई

धनबाद में भगवान को नोटिस देने के अनोखे मामले को लेकर बताया जा रहा है कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर कारी सीतारामपुर पूर्व रेल मंडल आसनसोल जोन की ओर से गुरुवार को एग्यारकुंड प्रखंड के मेढ़ा पंचायत और शिवलीबाड़ी पूरब पंचायत ग्रामीणों नोटिस दिया गया. जिसमें साफ-साफ लिखा हुआ है कि फ्रंट कोरिडोर के काम को लेकर आगामी 23 मार्च तक अपना मकान खाली कर दें अन्यथा रेलवे सख्ती से पालन करेगी. सबसे दिलचस्प और बड़ी बात यह है कि रेलवे के अधिकारी द्वारा भगवान को भी नोटिस दिया गया है. नया नगर में बने काली मंदिर की दीवार पर भी नोटिस चस्पा किया गया है, इसको लेकर गांव वालों में काफी रोष है.

इस संदर्भ में सीनियर सेक्शन के अधिकारी शिवकुमार ने बताया कि धनबाद रेल मंडल द्वारा पूर्व में भी यहां के लोगों को नोटिस के माध्यम से रेलवे की जमीन खाली करने का जिक्र किया गया था. इसको लेकर दोबारा विभाग द्वारा रेलवे की जमीन पर बसे वैसे लोगों को नोटिस दिया जा रही है कि समय रहते वह अपना मकान खाली कर दें. नोटिस देने आई रेलवे की टीम के साथ ग्रामीणों की तीखी नोकझोंक भी हुई. ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे पहले विस्थापितों को पुनर्वासित करें उसके बाद हम सबों को यहां से खाली कराकर जमीन ले लें. लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पहले उन्हें पुनर्वासित करवाएं उसके बाद ही हम सबों का आशियाना उजाड़ें. उन्होंने कहा कि आखिर इतनी आबादी कहां जाएगी, अपने हक के लिए ग्रामीण लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं.

रेलवे के इस नोटिस को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है. इस मुद्दे को लेकर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी रेल मुख्यालय कोलकाता में भी अधिकारियों से वार्ता की. इसके अलावा निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने भी विधानसभा में इस बात को प्रमुखता से उठाया है. अब सवाल यह उठता है कि वर्षों से रह रहे लोग विस्थापित हो रहे हैं आखिरकार उन सबके पुनर्वास का कोई समाधान ना होने से ग्रामीणों में भय व्याप्त है.

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धनबादः जब भक्तों पर आफत आती है तो आम जनमानस भगवान की शरण में पहुंचते हैं, प्रार्थना करते हैं और दया की गुहार लगाते हैं. अपनी मनोकामना और अपने दुखों को हरने की विनती भगवान से करते हैं. लेकिन मानवीय और भौतिक जगत में अगर किसी कारणवश भगवान पर ही आफत आ जाए तो क्या किया जाए. धनबाद के निरसा में पूर्व रेलवे ने ग्रामीणों के साथ साथ भगवान को भी नोटिस दिया है.

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धनबाद में भगवान को नोटिस देने के अनोखे मामले को लेकर बताया जा रहा है कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर कारी सीतारामपुर पूर्व रेल मंडल आसनसोल जोन की ओर से गुरुवार को एग्यारकुंड प्रखंड के मेढ़ा पंचायत और शिवलीबाड़ी पूरब पंचायत ग्रामीणों नोटिस दिया गया. जिसमें साफ-साफ लिखा हुआ है कि फ्रंट कोरिडोर के काम को लेकर आगामी 23 मार्च तक अपना मकान खाली कर दें अन्यथा रेलवे सख्ती से पालन करेगी. सबसे दिलचस्प और बड़ी बात यह है कि रेलवे के अधिकारी द्वारा भगवान को भी नोटिस दिया गया है. नया नगर में बने काली मंदिर की दीवार पर भी नोटिस चस्पा किया गया है, इसको लेकर गांव वालों में काफी रोष है.

इस संदर्भ में सीनियर सेक्शन के अधिकारी शिवकुमार ने बताया कि धनबाद रेल मंडल द्वारा पूर्व में भी यहां के लोगों को नोटिस के माध्यम से रेलवे की जमीन खाली करने का जिक्र किया गया था. इसको लेकर दोबारा विभाग द्वारा रेलवे की जमीन पर बसे वैसे लोगों को नोटिस दिया जा रही है कि समय रहते वह अपना मकान खाली कर दें. नोटिस देने आई रेलवे की टीम के साथ ग्रामीणों की तीखी नोकझोंक भी हुई. ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे पहले विस्थापितों को पुनर्वासित करें उसके बाद हम सबों को यहां से खाली कराकर जमीन ले लें. लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पहले उन्हें पुनर्वासित करवाएं उसके बाद ही हम सबों का आशियाना उजाड़ें. उन्होंने कहा कि आखिर इतनी आबादी कहां जाएगी, अपने हक के लिए ग्रामीण लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं.

रेलवे के इस नोटिस को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है. इस मुद्दे को लेकर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी रेल मुख्यालय कोलकाता में भी अधिकारियों से वार्ता की. इसके अलावा निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने भी विधानसभा में इस बात को प्रमुखता से उठाया है. अब सवाल यह उठता है कि वर्षों से रह रहे लोग विस्थापित हो रहे हैं आखिरकार उन सबके पुनर्वास का कोई समाधान ना होने से ग्रामीणों में भय व्याप्त है.

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