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मदद की दरकारः रायफल के अभाव में अधूरा है शूटर कोनिका लायक का सपना

कोयलांचल के धनसार की रहने वाली कोनिका लायक एक बेहतरीन राइफल शूटिंग खिलाड़ी है. लेकिन एक अदद रायफल के अभाव में उसका सपना पूरा नहीं हो रहा है. शूटर कोनिका लायक को मदद की जरूरत है, ताकि वो ओलंपिक गेम्स में अपने हुनर का प्रदर्शन कर सके.

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Published : Mar 9, 2021, 6:39 AM IST

Updated : Mar 9, 2021, 4:23 PM IST

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शूटर कोनिका लायक

धनबाद: कोयलांचल के धनसार इलाके की रहने वाली कोनिका लायक एक बेहतरीन राइफल शूटिंग खिलाड़ियों में से एक है. कई प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर उसने यह साबित भी किया है. कोनिका इंडियन टीम की तरफ से ओलंपिक गेम्स में खेल कर पूरे देश का नाम रोशन करना चाहती है. एक राइफल के अभाव में उसका सपना बार-बार चकनाचूर हो रहा है. कोनिका को लोगों से मदद की दरकार है ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सके.

देखें स्पेशल स्टोरी

इसे भी पढ़ें- कोयलांचल का रचित मुंबई में मचा रहा धमाल, सिंगिंग रियलिटी शो में टॉप 6 में बनाई जगह


धनबाद की बेटी कोनिका लायक, जो बेहतरीन राइफल शूटिंग खिलाड़ी है. कई बार वह पदक जीतकर इस बात को साबित भी कर चुकी है. नेशनल के लिए 2016-17 और 18 में क्वालिफाई भी कर चुकी है. कुछ प्वाइंट्स की कमी की वजह से इंडियन टीम में शामिल होने का मौका उसे नहीं मिल पाया. इसका एक मात्र कारण अपना राइफल का नहीं होना बताती हैं.

कोनिका अपनी प्रैक्टिस धनबाद स्थित आईआईटी आईएसएम कैंपस में करती हैं. जहां पर उन्हें उनके ट्रेनर और साथियों का भरपूर सहयोग मिलता है. उन्होंने बताया कि हर संडे को सप्ताह में 1 दिन प्रैक्टिस करने का मौका मिलता है. अगर उसके पास भी राइफल होती तो प्रैक्टिस लगातार जारी रहती लेकिन राइफल की कीमत ज्यादा होने के कारण वह उसे नहीं खरीद पा रही है.

कोनिका चार बहनों में तीसरी नंबर पर है. कोनिका का कोई भाई भी नहीं है, मां आंगनबाड़ी सेविका है और पिता प्राइवेट जॉब करते हैं. धनसार में सांसद पशुपति नाथ सिंह के आवास से कुछ ही दूरी पर यह भी किराए के मकान में रहती है. कई बार सांसद और विधायक से भी मदद की गुहार लगाई गई लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. कोनिका ने कहा कि सांसद से मदद मांगने के बाद उन्होंने लेटर पैड पर लिखकर खेल मंत्री के पास जाने को कहा. जबकि वह पूर्व में ही खेल मंत्री से मिलकर मदद की गुहार लगा चुकी थी और उससे कोई फायदा नहीं हुआ था. जिस कारण वह दोबारा तत्कालीन खेल मंत्री अमर बाउरी के पास नहीं गई.

कोनिका की मां ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया की राइफल की कीमत 2 लाख 66 हजार है और वह इतना महंगा राइफल नहीं खरीद सकती. उन्होंने बताया कि चार बहनों में दो की शादी हो चुकी है बेटा भी नहीं है पति प्राइवेट जॉब करते हैं और खुद आंगनबाड़ी सेविका हूं. मुझे मालूम नहीं था कि यह खेल इतना महंगा है वरना कभी भी अपनी बेटी को इस खेल के लिए प्रोत्साहित नहीं करते. उन्होंने लोगों से मदद की गुहार लगाई है ताकि उनकी बेटी का सपना पूरा हो सके.

इसे भी पढ़ें- धनबाद में तीन दिवसीय राज्यस्तरीय जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता का होगा आयोजन, सूबे के खेल मंत्री करेंगे शिरकत


कोनिका देवघर में स्टेट के लिए खेल चुकी है और अब आसनसोल में ईस्ट जोन की शूटिंग 11 मार्च से लेकर 14 मार्च तक चलने वाली है. जिसमें कोनिका को जाना है. अगर इसमें वह क्वालीफाई करती हैं तो फिर नेशनल खेलेगी. नेशनल गेम्स में क्वालीफाई कर जाने पर वह इंडियन टीम के लिए खेल सकती हैं और उसके बाद फिर ओलंपिक खेलों में भी खेलने का सपना पूरा हो सकेगा. इसके पूर्व में 2016-2017 और दो 2018 तीन बार कोनिका नेशनल के लिए खेल चुकी है. अगर नेशनल गेम्स में फर्स्ट, सेकंड और थर्ड पोजिशन पर कोई खिलाड़ी आता है तो उसका चयन सीधे नेशनल टीम में हो जाता है. इन तीन पोजीशन के बाद प्वाइंट्स के आधार पर खिलाड़ियों का चयन होता है. कोनिका हर बार कुछ ही प्वाइंट्स की कमी के कारण इंडियन टीम में शामिल होने से चूक गई.

कोनिका को परेशानियों से जूझते देखकर कई समाजसेवियों ने उसे मदद भी पहुंचाई है जो नाकाफी साबित हो रहा है. समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने झारखंड के खेल मंत्री और केंद्रीय खेल मंत्री के साथ साथ जरूरतमंद लोगों की मदद करने वाले सोनू सूद तक से मदद की गुहार लगाई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि वास्तव में कोनिका को मदद मिल पाती है या नहीं. अगर कोनिका को मदद मिलती है तो उसका सपना जरूर पूरा होगा.

धनबाद: कोयलांचल के धनसार इलाके की रहने वाली कोनिका लायक एक बेहतरीन राइफल शूटिंग खिलाड़ियों में से एक है. कई प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर उसने यह साबित भी किया है. कोनिका इंडियन टीम की तरफ से ओलंपिक गेम्स में खेल कर पूरे देश का नाम रोशन करना चाहती है. एक राइफल के अभाव में उसका सपना बार-बार चकनाचूर हो रहा है. कोनिका को लोगों से मदद की दरकार है ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सके.

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धनबाद की बेटी कोनिका लायक, जो बेहतरीन राइफल शूटिंग खिलाड़ी है. कई बार वह पदक जीतकर इस बात को साबित भी कर चुकी है. नेशनल के लिए 2016-17 और 18 में क्वालिफाई भी कर चुकी है. कुछ प्वाइंट्स की कमी की वजह से इंडियन टीम में शामिल होने का मौका उसे नहीं मिल पाया. इसका एक मात्र कारण अपना राइफल का नहीं होना बताती हैं.

कोनिका अपनी प्रैक्टिस धनबाद स्थित आईआईटी आईएसएम कैंपस में करती हैं. जहां पर उन्हें उनके ट्रेनर और साथियों का भरपूर सहयोग मिलता है. उन्होंने बताया कि हर संडे को सप्ताह में 1 दिन प्रैक्टिस करने का मौका मिलता है. अगर उसके पास भी राइफल होती तो प्रैक्टिस लगातार जारी रहती लेकिन राइफल की कीमत ज्यादा होने के कारण वह उसे नहीं खरीद पा रही है.

कोनिका चार बहनों में तीसरी नंबर पर है. कोनिका का कोई भाई भी नहीं है, मां आंगनबाड़ी सेविका है और पिता प्राइवेट जॉब करते हैं. धनसार में सांसद पशुपति नाथ सिंह के आवास से कुछ ही दूरी पर यह भी किराए के मकान में रहती है. कई बार सांसद और विधायक से भी मदद की गुहार लगाई गई लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. कोनिका ने कहा कि सांसद से मदद मांगने के बाद उन्होंने लेटर पैड पर लिखकर खेल मंत्री के पास जाने को कहा. जबकि वह पूर्व में ही खेल मंत्री से मिलकर मदद की गुहार लगा चुकी थी और उससे कोई फायदा नहीं हुआ था. जिस कारण वह दोबारा तत्कालीन खेल मंत्री अमर बाउरी के पास नहीं गई.

कोनिका की मां ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया की राइफल की कीमत 2 लाख 66 हजार है और वह इतना महंगा राइफल नहीं खरीद सकती. उन्होंने बताया कि चार बहनों में दो की शादी हो चुकी है बेटा भी नहीं है पति प्राइवेट जॉब करते हैं और खुद आंगनबाड़ी सेविका हूं. मुझे मालूम नहीं था कि यह खेल इतना महंगा है वरना कभी भी अपनी बेटी को इस खेल के लिए प्रोत्साहित नहीं करते. उन्होंने लोगों से मदद की गुहार लगाई है ताकि उनकी बेटी का सपना पूरा हो सके.

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कोनिका देवघर में स्टेट के लिए खेल चुकी है और अब आसनसोल में ईस्ट जोन की शूटिंग 11 मार्च से लेकर 14 मार्च तक चलने वाली है. जिसमें कोनिका को जाना है. अगर इसमें वह क्वालीफाई करती हैं तो फिर नेशनल खेलेगी. नेशनल गेम्स में क्वालीफाई कर जाने पर वह इंडियन टीम के लिए खेल सकती हैं और उसके बाद फिर ओलंपिक खेलों में भी खेलने का सपना पूरा हो सकेगा. इसके पूर्व में 2016-2017 और दो 2018 तीन बार कोनिका नेशनल के लिए खेल चुकी है. अगर नेशनल गेम्स में फर्स्ट, सेकंड और थर्ड पोजिशन पर कोई खिलाड़ी आता है तो उसका चयन सीधे नेशनल टीम में हो जाता है. इन तीन पोजीशन के बाद प्वाइंट्स के आधार पर खिलाड़ियों का चयन होता है. कोनिका हर बार कुछ ही प्वाइंट्स की कमी के कारण इंडियन टीम में शामिल होने से चूक गई.

कोनिका को परेशानियों से जूझते देखकर कई समाजसेवियों ने उसे मदद भी पहुंचाई है जो नाकाफी साबित हो रहा है. समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने झारखंड के खेल मंत्री और केंद्रीय खेल मंत्री के साथ साथ जरूरतमंद लोगों की मदद करने वाले सोनू सूद तक से मदद की गुहार लगाई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि वास्तव में कोनिका को मदद मिल पाती है या नहीं. अगर कोनिका को मदद मिलती है तो उसका सपना जरूर पूरा होगा.

Last Updated : Mar 9, 2021, 4:23 PM IST
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