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Dhanbad Court Verdict: रेलवे ठेकेदार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड में गैंगस्टर फहीम खान सहित दो आरोपी बरी, धनबाद कोर्ट ने सुनाया फैसला - Dhanbad Court Acquitted Gangster Faheem Khan

बहुचर्चित रेलवे ठेकेदार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड में धनबाद कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने गैंगस्टर फहीम खान सहित दो आरोपियों को बरी कर दिया है.

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Dhanbad Court Acquitted Two Accused
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 5, 2023, 9:31 PM IST

धनबादः गैंग्स ऑफ वासेपुर के गैंगस्टर फहीम खान को धनबाद कोर्ट ने बड़ी राहत मिली है. बहुचर्चित रेलवे ठेकेदार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड मामले में गैंगस्टर फहीम खान को अदालत ने बरी कर दिया है. इसके साथ ही फहीम खान के अलावे एक अन्य आरोपी मंसूर खान को भी अदालत में बरी किया है. धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्वयंभू की अदालत ने मंगलवार को या फैसला सुनाया है. सुनवाई के दौरान रांची के होटवार जेल से गैंगस्टर फहीम खान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुआ था. वहीं मंसूर खान अदालत में सशरीर हाजिर हुआ था.

ये भी पढ़ें-Crime News Dhanbad: शिकंजे में गैंगस्टर प्रिंस खान के पांच गुर्गे, दो दुकानों पर की थी फायरिंग

रेलवे ठेकेदार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाया फैसलाः इस संबंध में फहीम खान के अधिवक्ता शाहबाज सलीम ने ईटीवी भारत को बताया कि ठेकेदार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड मामले की चार्जशीट 2015 को सौंपी गई थी. 28 जनवरी 2013 को दिनदहाड़े बरटांड़ सूर्य विहार कॉलोनी के रहने वाले रेलवे ठेकेदार धीरेंद्र प्रताप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाइक पर सवार दो हमलावरों ने उसके घर के समीप उसे सिर पर गोली मारकर हत्या की गई थी. धीरेंद्र की पत्नी चंद्रलेखा सिंह के बयान पर अज्ञात के खिलाफ हत्या की प्राथमिक की दर्ज की गई थी. जिसमें पुलिस ने आशंका जताते हुए रेलवे ठेकेदार मुकेश सिंह, हिमांशु प्रसाद, सतीश रजक, संजीव कुमार उर्फ चैनी और छोटू पांडेय को गिरफ्तार किया था. पुलिस के द्वारा ठेकेदार संजीव कुमार सिंह उर्फ चैनी को दो फरवरी 2013 को 161 का बयान अदालत में दर्ज कराया था. 161 के बयान में संजीव ने कुल आठ लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था. जिसमें फहीम खान, मंसूर खान, सतीश रजक, राजेश रजक, छोटू पांडे समते आठ लोगों नाम शामिल थे.

नौ लोगों ने कोर्ट में दी थी गवाहीः टेंडर मैनेज करने के लिए छोटू पांडे के द्वारा गोली चलाने की बात कही गई थी. मामले में कुल नौ गवाहों की गवाही अदालत में करायी गई. अधिवक्ता शाहबाज सलीम ने बताया कि अदालत के द्वारा इसमें तीन अलग-अलग रिकॉर्ड बनाए गए थे. पहला रिकॉर्ड 371/ 13 बनाया गया. जिसमें सात आरोपियों के नाम थे. दूसरा रिकॉर्ड 279/15 बनाया गया. जिसमें फहीम खान और मंसूर आलम का नाम शामिल था. वहीं तीसरे रिकॉर्ड में छोटू पांडे का नाम शामिल है. आज दूसरे रिकॉर्ड 289/15 की सुनवाई अदालत में हुई. जिसमें फहीम और मंसूर का नाम शामिल था. अदालत ने फहीम खान और मंसूर आलम को बरी कर दिया है. वहीं दूसरे और तीसरे रिकॉर्ड का मामला अभी न्यायालय में लंबित है. फिलहाल फहीम खान रांची के होटवार जेल में बंद है. सागिर हत्याकांड में वह उम्र कैद की सजा काट रहा है.

धनबादः गैंग्स ऑफ वासेपुर के गैंगस्टर फहीम खान को धनबाद कोर्ट ने बड़ी राहत मिली है. बहुचर्चित रेलवे ठेकेदार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड मामले में गैंगस्टर फहीम खान को अदालत ने बरी कर दिया है. इसके साथ ही फहीम खान के अलावे एक अन्य आरोपी मंसूर खान को भी अदालत में बरी किया है. धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्वयंभू की अदालत ने मंगलवार को या फैसला सुनाया है. सुनवाई के दौरान रांची के होटवार जेल से गैंगस्टर फहीम खान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुआ था. वहीं मंसूर खान अदालत में सशरीर हाजिर हुआ था.

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रेलवे ठेकेदार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाया फैसलाः इस संबंध में फहीम खान के अधिवक्ता शाहबाज सलीम ने ईटीवी भारत को बताया कि ठेकेदार धीरेंद्र सिंह हत्याकांड मामले की चार्जशीट 2015 को सौंपी गई थी. 28 जनवरी 2013 को दिनदहाड़े बरटांड़ सूर्य विहार कॉलोनी के रहने वाले रेलवे ठेकेदार धीरेंद्र प्रताप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाइक पर सवार दो हमलावरों ने उसके घर के समीप उसे सिर पर गोली मारकर हत्या की गई थी. धीरेंद्र की पत्नी चंद्रलेखा सिंह के बयान पर अज्ञात के खिलाफ हत्या की प्राथमिक की दर्ज की गई थी. जिसमें पुलिस ने आशंका जताते हुए रेलवे ठेकेदार मुकेश सिंह, हिमांशु प्रसाद, सतीश रजक, संजीव कुमार उर्फ चैनी और छोटू पांडेय को गिरफ्तार किया था. पुलिस के द्वारा ठेकेदार संजीव कुमार सिंह उर्फ चैनी को दो फरवरी 2013 को 161 का बयान अदालत में दर्ज कराया था. 161 के बयान में संजीव ने कुल आठ लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था. जिसमें फहीम खान, मंसूर खान, सतीश रजक, राजेश रजक, छोटू पांडे समते आठ लोगों नाम शामिल थे.

नौ लोगों ने कोर्ट में दी थी गवाहीः टेंडर मैनेज करने के लिए छोटू पांडे के द्वारा गोली चलाने की बात कही गई थी. मामले में कुल नौ गवाहों की गवाही अदालत में करायी गई. अधिवक्ता शाहबाज सलीम ने बताया कि अदालत के द्वारा इसमें तीन अलग-अलग रिकॉर्ड बनाए गए थे. पहला रिकॉर्ड 371/ 13 बनाया गया. जिसमें सात आरोपियों के नाम थे. दूसरा रिकॉर्ड 279/15 बनाया गया. जिसमें फहीम खान और मंसूर आलम का नाम शामिल था. वहीं तीसरे रिकॉर्ड में छोटू पांडे का नाम शामिल है. आज दूसरे रिकॉर्ड 289/15 की सुनवाई अदालत में हुई. जिसमें फहीम और मंसूर का नाम शामिल था. अदालत ने फहीम खान और मंसूर आलम को बरी कर दिया है. वहीं दूसरे और तीसरे रिकॉर्ड का मामला अभी न्यायालय में लंबित है. फिलहाल फहीम खान रांची के होटवार जेल में बंद है. सागिर हत्याकांड में वह उम्र कैद की सजा काट रहा है.

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