धनबादः प्रचार प्रसार के माध्यम से लोक लुभावना वादा कर अपने सामानों की बिक्री बढ़ाने वाली कंपनियां होशियार हो जाएं, क्योंकि उनकी यह ठगी काम नहीं आने वाली है. धनबाद में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें एक चिप्स की कंपनी ने प्रत्येक पैकेट पर 10 रुपए कैशबैक की गारंटी दी थी, लेकिन पैकेट फाड़ने के बाद ग्राहक को कैशबैक नहीं मिला. इसके बाद ग्राहक ने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम में की. उपभोक्ता फोरम ने नौ महीने के अंदर की गई सुनवाई में चिप्स कंपनी के ऊपर जुर्माना लगाया है.
दरअसल महुदा के रहने वाले सुरेश कुमार ने 10 रुपए की कीमत के 5 चिप्स के पैकेट खरीदे थे. प्रत्येक पैकेट पर 10 रुपए के कैशबैक की गारंटी थी, लेकिन सभी पैकेट पर एक ही कोड अंकित था, जिस कारण उन्हें कैशबैक नहीं मिल सका. पेटीएम के माध्यम से कैशबैक की राशि का भुगतान किया जाना था, कैशबैक गारंटी के लिए चिप्स कंपनी और पेटीएम ने अपनी दलीलें देकर कैशबैक के भुगतान देने से इनकार कर दिया. जिसके बाद सुरेश ने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम में की. उपभोक्ता फोरम ने सुनवाई करने के बाद चिप्स कंपनी पर पच्चीस सौ रुपए का जुर्माना लगाया है. राशि का भुगतान नहीं करने पर करने पर 8 फीसदी ब्याज दर के साथ जुर्माने की राशि कंपनी को देने का निर्देश दिया गया है.
वहीं मामले को लेकर उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष ने कहा कि मामला भले ही कम रुपए का था, लेकिन कंपनी ने ग्राहक को आहत पहुंचाया है. कंपनी के द्वारा जो वादे किए गए, उसे पूरा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता फोरम में कोई भी व्यक्ति बिना किसी वकील के पहुंचकर अपनी शिकायत कर सकता है. मामले की सुनवाई के लिए उपभोक्ता फोरम सदैव तत्पर है.