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धनबाद सिविल कोर्टः हत्या के आरोपी पति-पत्नी बरी, पुलिस ने रची थी झूठी कहानी

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Published : Feb 5, 2022, 5:17 PM IST

धनबाद में हत्या के आरोप में जेल में बंद पति-पत्नी को धनबाद सिविल कोर्ट ने बरी कर दिया है. अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पुख्या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका और नहीं शव की पहनान का पुख्ता आधार बताया गया. इससे अदालत ने दोनों आरोपी को बरी कर दिया है.

Dhanbad civil court
धनबाद सिविल कोर्ट

धनबादः जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम राज कुमार मिश्रा की अदालत ने मनीषा हत्याकांड के आरोपी सौरभ गांधी और सुष्मिता कुमारी को बरी कर दिया है. सौरभ और सुष्मिता दोनों पति-पत्नी है और मनीषा आरोपी सौरभ की सगी बहन है. मनीषा की हत्या के आरोप में दोनों जेल में बंद थे. हालांकि, झारखंड हाई कोर्ट ने सौरभ को जमानत दी थी, जिस वजह से सौरभ जेल से बाहर है.

यह भी पढ़ेंःधनबाद सिविल कोर्टः नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

मनीषा लापता हुई थी तो सौरभ ने निरसा थाने (Nirsa Police Station) में गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 23 दिसंबर 2018 को तेतुलमारी थाना क्षेत्र के खेपचाटांड जोड़ियां के समीप कुछ लोगों द्वारा शव जलाई जा रही थी. लेकिन भट्ठा मजदूरों को देख शव जलाने वाले सभी लोग भाग खड़े हुए थे. स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और अधजला शव बरामद किया. पुलिस ने शव के समीप से एक अंगूठी बरामद किया, जिसके आधार पर शव की पहचान मनीषा के रूप में की गई थी. निरसा थाने की पुलिस ने सौरभ गांधी और उनकी पत्नी सुष्मिता गांधी को थाना बुलाया और दोनों पर हत्या का आरोप लगाकर जेल भेज दिया था. पुलिस ने संपत्ति विवाद में बहन की हत्या करने की कहानी बनाई थी.

जानकारी देते अधिवक्ता


अधिवक्ता अवध किशोर ने बताया कि पुलिस की ओर से पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका. इसके साथ ही शव की पहचान का पुख्ता आधार नहीं बताया जा सका. उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक अंगुठी के आधार पर शव की पहुंचान की, जिसका सत्यापन पुलिस अदालन में नहीं कर सका. इससे अदालन ने साक्ष्य के अभाव में सौरभ और सुष्मिता को बरी कर दिया है.

धनबादः जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम राज कुमार मिश्रा की अदालत ने मनीषा हत्याकांड के आरोपी सौरभ गांधी और सुष्मिता कुमारी को बरी कर दिया है. सौरभ और सुष्मिता दोनों पति-पत्नी है और मनीषा आरोपी सौरभ की सगी बहन है. मनीषा की हत्या के आरोप में दोनों जेल में बंद थे. हालांकि, झारखंड हाई कोर्ट ने सौरभ को जमानत दी थी, जिस वजह से सौरभ जेल से बाहर है.

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मनीषा लापता हुई थी तो सौरभ ने निरसा थाने (Nirsa Police Station) में गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 23 दिसंबर 2018 को तेतुलमारी थाना क्षेत्र के खेपचाटांड जोड़ियां के समीप कुछ लोगों द्वारा शव जलाई जा रही थी. लेकिन भट्ठा मजदूरों को देख शव जलाने वाले सभी लोग भाग खड़े हुए थे. स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और अधजला शव बरामद किया. पुलिस ने शव के समीप से एक अंगूठी बरामद किया, जिसके आधार पर शव की पहचान मनीषा के रूप में की गई थी. निरसा थाने की पुलिस ने सौरभ गांधी और उनकी पत्नी सुष्मिता गांधी को थाना बुलाया और दोनों पर हत्या का आरोप लगाकर जेल भेज दिया था. पुलिस ने संपत्ति विवाद में बहन की हत्या करने की कहानी बनाई थी.

जानकारी देते अधिवक्ता


अधिवक्ता अवध किशोर ने बताया कि पुलिस की ओर से पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया जा सका. इसके साथ ही शव की पहचान का पुख्ता आधार नहीं बताया जा सका. उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक अंगुठी के आधार पर शव की पहुंचान की, जिसका सत्यापन पुलिस अदालन में नहीं कर सका. इससे अदालन ने साक्ष्य के अभाव में सौरभ और सुष्मिता को बरी कर दिया है.

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