धनबाद: कोयलांचल में कोरोना कहर के बाद जनता दरबार बंद कर दिया गया. जिसके बाद धनबाद उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने e-samadhan पोर्टल की शुरुआत की. इस पोर्टल की शुरूआत के बाद से ही लगातार आम लोगों की समस्या का समाधान किया जा रहा है. आज इस पोर्टल के जरिये बेहतर कार्य करने वाले पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया गया.
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ई-समाधान का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए उपायुक्त ने कहा कि ई-समाधान पोर्टल पर अब तक 85.19% शिकायतों का निष्पादन किया गया है. डीएमएफटी-पीएमयू टीम की ओर से विकसित इस पोर्टल को विगत 10 नवंबर 2020 से शुरू किया गया था. शुरुआत के बाद आमजनों की सुविधा के लिए इसमें नया होमपेज विकसित किया गया है. इसके माध्यम से शिकायतों के निष्पादन की रियल टाइम स्थिति का अवलोकन कोई भी व्यक्ति बिना लॉग-इन किए कर सकते है. यहां आम लोगों की विभिन्न शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी एवं समयबद्ध तरीके से निवारण किया जा रहा है.
ई-समाधान पोर्टल का रिपोर्ट कार्ड पेश
उन्होंने बताया कि ई-समाधान पोर्टल पर 10 नवंबर 2020 से 18 मार्च 2021 तक कुल 3277 शिकायतें दर्ज की गई है. जिसमें 85.19% (2792) शिकायतों का निष्पादन कर दिया गया है.
डीसी खुद करते हैं समीक्षा
इसमें दर्ज होने वाली शिकायतों की समीक्षा खुद उपायुक्त हर 15 दिन पर वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से करते हैं. उपायुक्त के अधीन एक स्पेशल टीम नियमित रूप से सभी शिकायतों की समीक्षा करती है. हर शिकायत के निष्पादन के लिए एक समय सीमा और प्राथमिकता तय करती है. शिकायत की गंभीरता के आधार पर विस्तार से चर्चा करने के लिए शिकायतकर्ता को सीधे जनता दरबार में आमंत्रित कर सकती है.
सम्मानित हुए पोर्टल के पदाधिकारी
निर्धारित मापदंडों के अनुरूप बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए उपायुक्त ने पुलिस विभाग के नोडल पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक सीसीआर जगदीश प्रसाद, धनबाद नगर निगम के नोडल पदाधिकारी कार्यपालक पदाधिकारी मो० अनीस, अंचलाधिकारी गोविंदपुर वंदना भारती, प्रखंड विकास पदाधिकारी गोविंदपुर संतोष कुमार और प्रखंड विकास पदाधिकारी तोपचांची केके बेसरा को प्रशस्ति-पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया. सभी के उत्तम स्वास्थ्य की कामनाओं सहित उन्हें उपहारस्वरूप रक्तचाप और मधुमेह जांच करने की मशीन और पल्स ऑक्सिमीटर दिया गया.
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पता चलता है कौन अधिकारी कितना सक्रिय है
उपायुक्त ने कहा कि इस पोर्टल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पता चल जाता है कि कौन अधिकारी कितनी देर के लिए और कितने दिनों तक पोर्टल पर लगातार सक्रिय रहे हैं. उन्होंने बताया कि कुल प्राप्त शिकायतों का 60% से अधिक अनुपालन करने वाले विभाग या कार्यालय, निर्धारित समय सीमा में शिकायतों का निष्पादन, समय सीमा से पूर्व शिकायतों का निष्पादन तथा ई समाधान पोर्टल पर सक्रिय रहने वाले पदाधिकारियों को हर माह सम्मानित किया जाएगा.
उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 के फैलाव से बचाव के लिए सभी स्तरों पर सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली या जनता दरबार पर रोक लगाई गई थी. सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोगों को अपनी शिकायतों को लेकर जिला मुख्यालय तक आना पड़ता था. जिससे उन्हें शारीरिक और आर्थिक परेशानी भी होती थी, मजदूर वर्ग को अपने एक दिन की मजदूरी खोनी पड़ती थी. अधिकारियों के लिए व्यावहारिक रूप से कई बार आमजनों की शिकायतों के निवारण और ट्रैकिंग में परेशानी होती थी. नागरिकों के लिए भी शिकायतों के निवारण और उसकी वास्तविक स्थिति को जान पाना मुश्किल होता था. इन्हीं सब कारणों से ई-समाधान पोर्टल को विकसित किया गया है.