धनबादः अवैध उत्खनन के दौरान धनबाद खदान हादसा में हुई 12 लोगों की मौत को लेकर भाकपा माले ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. प्रेस वार्ता कर भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मृतक के आश्रितों को नियोजन देने की मांग है. साथ ही अवैध उत्खनन को वैध करने और कोल सेक्टर के तहत कार्य कराए जाने की मांग की है.
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भाकपा माले ने धनबाद खदान हादसा में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी देने की मांग की है. धनबाद में निरसा खदान हादसा को लेकर उन्होंने कहा कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि सरकार के मंत्रियों की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा था. अवैध उत्खनन के दौरान होने वाली घटनाएं लगातार छिटपुट घटती रह रही हैं. लेकिन इस बार हादसे में कई लोगों की जान गयी है. 15 से अधिक लोगों की मौत इसमें हुई है. उन्होंने प्रशासन को निशाने पर लेते हुए कहा कि हालांकि प्रशासन के द्वारा पुष्टि को लेकर लीपापोती की गयी है. दिन में जिस समय शव निकाले गए उस समय शवों को निकलना संभव नहीं था.
माले महासचिव ने कहा कि खदान हादसे में मारे गए लोगों को कोयला चोर नहीं कह सकते हैं, इन्हें वो मजदूर कहेंगे. सरकार की परिभाषा इलीगल माइनिंग की है. लेकिन इसमें गयी जान, यहां के ग्रामीण नवजवानों की है, यह ग्रामीण मजदूर हैं, जिन्हें सरकार की ओर से मुआवजा मिलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इलीगल माइनिंग काफी फल-फूल रहा है, साथ ही इसका विस्तार भी हो रहा है, इतनी बड़ी घटनाएं घट रही हैं. इसे अपवाद में नहीं लिया जा सकता है. आगे उन्होंने कहा कि प्रशासन, सरकार और कारोबारी सभी की मिलीभगत से यह अवैध खनन चल रहा है. केंद्र सरकार की यह मंशा है कि कोयला को आउटसोर्सिंग और निजीकरण करने की, इससे अवैध उत्खनन को और ज्यादा बल मिला है. उन्होंने कहा कि जो भी अवैध उत्खनन चल रहा है उसे कोल सेक्टर के माध्यम से लाया जाए, इसका राष्ट्रीयकरण किया जाए, सरकार को इससे मुंह नहीं चुराना चाहिए. इस कार्य का सरकारी तौर पर नियमतिकरण किया जाना चाहिए.