धनबाद: जिले के एक निजी अस्पताल प्रगति नर्सिंग होम में 85 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी. इसे लेकर जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि कोरोना महामारी जैसे समय में प्रगति नर्सिंग होम जैसे निजी अस्पताल पैसे कमाने की भूख में मरीजों को केवल ठगने का काम कर रही है.
पैसे कमाने की लालच में गलत इलाज
कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष ने कहा कि महिला कोरोना की मरीज थी. उसकी मौत के बाद उसके स्वाब जांच से इसका खुलासा भी हो चुका है. अस्पताल प्रबंधन भी यह बेहतर समझ रही थी. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन मरीज को पीएमसीएच रेफर करने के बजाय अपने यहां रखकर पैसे कमाने की लालच में गलत मर्ज का इलाज करती रही. उनके परिजन इस घटना से आहत है और अस्पताल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं. ऐसे में अस्पताल को सील किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उपायुक्त को इस मामले से अवगत कराया गया है. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मामले की लिखित शिकायत कर जांच के बाद कार्रवाई की मांग करेंगे.
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अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को किया खारिज
इधर, अस्पताल प्रबंधन जय प्रकाश खेतान अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बता रहे हैं. उनका कहना है कि मरीज जब अस्पताल में भर्ती हुई थी, उस वक्त बेहद खराब स्थिति में थी. मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. चिकित्सकों ने मरीज को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच ले जाने की सलाह भी दी थी. परिजन नहीं मानें और यही रखकर इलाज करने की जिद की. उन्होंने इलाज के बदले परिजनों से लिए गए पैसे को जायज ठहराया और कहा कि मरीज की कई तरह की जांच और उसे चढ़ाया गया ऑक्सीजन का बिल ही परिजनों को दिया गया था. अस्पताल ने कही से भी ज्यादा रकम की मांग नहीं की थी.
अस्पताल प्रबंधन पर पैसे ऐंठने का आरोप
बता दें कि सरायढेला स्थित प्रगति नर्सिंग होम में पिछले दिनों सांस की तकलीफ होने पर एक 85 वर्षीय महिला को भर्ती कराया गया था, लेकिन तीन दिन बाद करीब 32 हजार का बिल लेकर डिस्चार्ज कर दिया गया, जिसके बाद पीएमसीएच में उस महिला की मौत हो गई. महिला कोरोना संक्रमित पाई गई थी. मृत महिला के परिजनों ने प्रगति नर्सिंग होम पर अंधकार में रख कर पैसे ऐंठने का आरोप लगाया था. अब यह मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा है.