धनबाद: जिले की एक लड़की को अगवा कर दुष्कर्म की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में महिला थाना की तत्कालीन प्रभारी मारिसटेला गुड़िया के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस मामले में बैंक मोड़ थाना के तत्कालीन प्रभारी सुरेंद्र कुमार और आमोद प्रसाद के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसकी पुष्टि एसएसपी असीम विक्रांत मिंज ने की है.
इसे भी पढे़ं: महिला थाना परिसर स्थित शिव मंदिर में प्रेमी जोड़े ने रचाई शादी, लगाई सुरक्षा की गुहार
साल 2019 के अक्टूबर का है मामला
जानकारी के अनुसार पुराना बाजार की लड़की 10 अक्टूबर 2019 को घर से एक बर्थडे में शामिल होने के लिए निकली और लापता हो गई थी, जिसके बाद वह 10 दिनों बाद घर वापस लौटी, तो शरीर पर जलने के निशान थे. आरोप के मुताबिक लड़की को उसकी दोस्त अपने घर जन्मदिन मनाने ले गई थी, जहां अमित दत्ता ने दो तीन बार उससे ज्यादती की. इस दौरान उसकी दोस्त उसे बेहोशी की दवा देती रही. इतना ही नहीं लड़की की दोस्त उससे वेश्यावृत्ति कराना चाहती थी, मना करने पर उसे इलेक्ट्रिक से दागा जाता था. इसी दौरान पीड़िता ने किसी तरह अपने पिता को फोन किया, जिसके बाद उसके पिता मौके पर पहुंचे और उसे घर वापस लेकर आए. इसके बाद जब पीड़िता ने बैंक मोड थाना में शिकायत की, तो थाना प्रभारी ने पीड़िता की शिकायत भी दर्ज नहीं की, जिसके बाद पीड़िता ने 19 अक्टूबर 2019 को महिला थाने में एक आवेदन दिया था. आरोप है कि प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय आरोपी को बुलाकर समझौता करा दिया गया. इस मामले में झारखंड अस्मिता जागृति मंच के अध्यक्ष रणजीत सिंह परमार ने कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन न तो मेडिकल जांच कराई गई और ना कोर्ट में बयान दर्ज कराया गया. 26 अक्टूबर 2019 को बताया गया कि पीड़िता ने केस वापस ले लिया है, तब परमार ने मामले की शिकायत पीएमओ और आयोग से की थी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दी कार्रवाई का आदेश
मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई का आदेश दिया था. मामले में तब डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर रहे मुकेश कुमार को भी शोकॉज किया गया है और एसएसपी किशोर कौशल से भी पूछताछ करने का आदेश दिया गया है. आयोग के आदेश पर मौजूदा एसपी असीम विक्रांत मिंज ने कार्रवाई का आदेश दिया है.