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धनबाद: रेल कर्मियों को रात्रि भत्ता नहीं देना रेल प्रशासन की हिटलरशाही: ECRKU - ईसीआरकेयू प्रवक्ता एनके खवास

धनबाद में रेलकर्मियों को रात्रि भत्ता नहीं देने पर विरोध जताया जा रहा है. इसी के तहत ईसीआरकेयू के प्रवक्ता एनके खवास ने कहा कि सिग्नल विभाग के मंडलीय अधिकारी का रात्रि भत्ता का भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश सरासर हिटलरशाही है.

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रेल कर्मियों को यात्रा भत्ता नहीं देना का मामला.
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Published : Aug 7, 2020, 10:32 PM IST

Updated : Aug 8, 2020, 11:31 AM IST

धनबाद: धनबाद मंडल में रेलवे के सिग्नल विभाग के मंडलीय अधिकारी ने अपने लाइन कर्मचारियों को रात्रि भत्ता के भुगतान पर रोक लगाने के मौखिक आदेश अपने डिपू प्रभारियों को जारी किए हैं. इससे लाइन कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. उक्त अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे किसी भी कर्मचारी को रात्रि भत्ते का भुगतान नहीं करेंगे. अगर इस स्थिति में कोई कर्मचारी नाइट ड्यूटी करने से मना करेगा तो वह दंडित भी होंगे.

रात्रि भत्ते का भुगतान
उक्त अधिकारी के दिशा निर्देश के बाद सिगनल विभाग के कर्मचारियों का पिछले महीने का रात्रि भत्ते का भुगतान नहीं हुआ है. इस महीने डिपू प्रभारियों ने रात्रि भत्ते का बिल भी लेने से इंकार कर दिया है, जिसे लेकर शुक्रवार को ईसीआरकेयू की वर्चुअल बैठक हुई. इसमे केंद्रीय पदाधिकारी, जोनल सचिव,और प्रमुख शाखा सचिव इस वर्चुअल बैठक में शामिल हुए. रेल प्रशासन के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करने का फैसला ईसीआरकेयू के पदाधिकारियों ने लिया है.

रात्रि भत्ता का भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश
ईसीआरकेयू के प्रवक्ता एनके खवास ने कहा कि सिगनल विभाग के मंडलीय अधिकारी का रात्रि भत्ता का भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश सरासर हिटलरशाही रवैया है. ईसीआरकेयू यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. अगर रेलकर्मचारियों से रात्रि ड्यूटी लिया जाएगा, तो रेल नियमों और सातवें वेतन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार रात्रि भत्ते का भुगतान किया जाना चाहिए. यह अलग तथ्य है कि रेलवे बोर्ड ने खर्च कटौती पर दिशानिर्देश जारी किए हैं, लेकिन ऐसा नहीं कहा है कि काम भी कराओ और मेहनताना भी नहीं दो.

इसे भी पढ़ें-धनबादः विकास योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश, बीडीओ ने ली बैठक


उस पर यह आतंक कि ऐसा करने पर अगर कोई कर्मचारी रात्रि ड्यूटी से इंकार करे तो उसे दंडित किया जाए. ईसीआरकेयू ऐसे व्यवहार का सख्त विरोध करता है और संबंधित अधिकारियों से अपील करता है कि रात्रि भत्ते पर लगाए गए रोक को अविलम्ब वापस लें. नहीं तो रेलकर्मी पूरे मंडल में आंदोलन करते हुए सामुहिक रूप में रात्रि ड्यूटी करना बंद कर देंगे. ईसीआरकेयू ने हमेशा ही रेल परिचालन में सहयोग किया है, लेकिन यदि रेलकर्मचारियों के अधिकारों का हनन होगा तो चुप नहीं रह सकता.


दिशानिर्देश का पुरजोर विरोध
प्रवक्ता एनके खवास ने बताया कि कुछ सदस्यों ने बैठक के दौरान यह बात रखी कि कुछ विभागों में मात्र तेरह घंटे का ही रात्रि भत्ता को स्वीकार किया जा रहा है, जबकि वास्तविक रूप में इससे अधिक रात्रि डियूटी रेलकर्मी कर रहे हैं. यूनियन प्रतिनिधियों ने रेलप्रशासन के ऐसे दिशानिर्देश का पुरजोर विरोध करने का फैसला लिया है.


ये लोग हुए शामिल
ईसीआरकेयू की वर्चुअल बैठक में अपर महामंत्री सह पीएनएम प्रभारी डी के पांडेय, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह धनबाद मंडल को-ओर्डिनेटर मो ज्याऊद्दीन, ओमप्रकाश, वीडी सिंह, पीके मिश्रा, जोनल सेक्रेटरी ओपी शर्मा, टी के साहू, ए के दा, एन के खवास,पी के सिंह, एस के प्रसाद, के के सिंह, एनजे सुभाष, एके दास, तपन विश्वास, विश्वजीत मुखर्जी सहित सभी शाखा सचिव शामिल हुए.

धनबाद: धनबाद मंडल में रेलवे के सिग्नल विभाग के मंडलीय अधिकारी ने अपने लाइन कर्मचारियों को रात्रि भत्ता के भुगतान पर रोक लगाने के मौखिक आदेश अपने डिपू प्रभारियों को जारी किए हैं. इससे लाइन कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. उक्त अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे किसी भी कर्मचारी को रात्रि भत्ते का भुगतान नहीं करेंगे. अगर इस स्थिति में कोई कर्मचारी नाइट ड्यूटी करने से मना करेगा तो वह दंडित भी होंगे.

रात्रि भत्ते का भुगतान
उक्त अधिकारी के दिशा निर्देश के बाद सिगनल विभाग के कर्मचारियों का पिछले महीने का रात्रि भत्ते का भुगतान नहीं हुआ है. इस महीने डिपू प्रभारियों ने रात्रि भत्ते का बिल भी लेने से इंकार कर दिया है, जिसे लेकर शुक्रवार को ईसीआरकेयू की वर्चुअल बैठक हुई. इसमे केंद्रीय पदाधिकारी, जोनल सचिव,और प्रमुख शाखा सचिव इस वर्चुअल बैठक में शामिल हुए. रेल प्रशासन के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करने का फैसला ईसीआरकेयू के पदाधिकारियों ने लिया है.

रात्रि भत्ता का भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश
ईसीआरकेयू के प्रवक्ता एनके खवास ने कहा कि सिगनल विभाग के मंडलीय अधिकारी का रात्रि भत्ता का भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश सरासर हिटलरशाही रवैया है. ईसीआरकेयू यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. अगर रेलकर्मचारियों से रात्रि ड्यूटी लिया जाएगा, तो रेल नियमों और सातवें वेतन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार रात्रि भत्ते का भुगतान किया जाना चाहिए. यह अलग तथ्य है कि रेलवे बोर्ड ने खर्च कटौती पर दिशानिर्देश जारी किए हैं, लेकिन ऐसा नहीं कहा है कि काम भी कराओ और मेहनताना भी नहीं दो.

इसे भी पढ़ें-धनबादः विकास योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश, बीडीओ ने ली बैठक


उस पर यह आतंक कि ऐसा करने पर अगर कोई कर्मचारी रात्रि ड्यूटी से इंकार करे तो उसे दंडित किया जाए. ईसीआरकेयू ऐसे व्यवहार का सख्त विरोध करता है और संबंधित अधिकारियों से अपील करता है कि रात्रि भत्ते पर लगाए गए रोक को अविलम्ब वापस लें. नहीं तो रेलकर्मी पूरे मंडल में आंदोलन करते हुए सामुहिक रूप में रात्रि ड्यूटी करना बंद कर देंगे. ईसीआरकेयू ने हमेशा ही रेल परिचालन में सहयोग किया है, लेकिन यदि रेलकर्मचारियों के अधिकारों का हनन होगा तो चुप नहीं रह सकता.


दिशानिर्देश का पुरजोर विरोध
प्रवक्ता एनके खवास ने बताया कि कुछ सदस्यों ने बैठक के दौरान यह बात रखी कि कुछ विभागों में मात्र तेरह घंटे का ही रात्रि भत्ता को स्वीकार किया जा रहा है, जबकि वास्तविक रूप में इससे अधिक रात्रि डियूटी रेलकर्मी कर रहे हैं. यूनियन प्रतिनिधियों ने रेलप्रशासन के ऐसे दिशानिर्देश का पुरजोर विरोध करने का फैसला लिया है.


ये लोग हुए शामिल
ईसीआरकेयू की वर्चुअल बैठक में अपर महामंत्री सह पीएनएम प्रभारी डी के पांडेय, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह धनबाद मंडल को-ओर्डिनेटर मो ज्याऊद्दीन, ओमप्रकाश, वीडी सिंह, पीके मिश्रा, जोनल सेक्रेटरी ओपी शर्मा, टी के साहू, ए के दा, एन के खवास,पी के सिंह, एस के प्रसाद, के के सिंह, एनजे सुभाष, एके दास, तपन विश्वास, विश्वजीत मुखर्जी सहित सभी शाखा सचिव शामिल हुए.

Last Updated : Aug 8, 2020, 11:31 AM IST
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