धनबादः कोरोना काल में देश की आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कमर्शियल माइनिंग की घोषणा की है. मजदूर संगठन कोल इंडिया को निजीकरण करने की बात कहते हुए इसका विरोध कर रहें हैं, जबकि इस मसले पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने साफ कर दिया है कि कोल इंडिया का किसी भी हाल में निजीकरण नहीं होगा.
बावजूद इसके केंद्र की भाजपा सरकार के समानांतर चलने वाली मजदूर यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ही सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है.
बीसीसीएल के कोलियरियों में धरना प्रदर्शन के माध्यम से भारतीय मजदूर संघ सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है. बीसीसीएल के लोदना एरिया 10 क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया.
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प्रदर्शन खत्म होने के बाद संघ के नेता जीएम को मांगपत्र सौंपने पहँचे, लेकिन जीएम ने मिलने से इंकार कर दिया. जीएम द्वारा मांग पत्र डिस्पैच में डालने की बात कहे जाने पर नेता आक्रोशित हो गए.
विरोध जताते हुए जीएम के मुख्य गेट पर नेताओं ने धरना दे दिया और जीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बीसीसीएल के अन्य अधिकारी द्वारा मांगपत्र लिए जाने के बाद नेता शांत हुए. बता दें कि भारतीय मजदूर संघ जो कि आरएसएस का मजदूर संगठन है. केंद्र में भाजपा की सरकार है आरएसएस का भाजपा एक अंग है.