धनबाद: वसंत पंचमी पर तमाम कलाकार मूर्ति बना रहे हैं. लेकिन धनबाद में बीसीसीएल अधिकारी की कला देख आप तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे. 45 सालों से मां सरस्वती की प्रतिमा बना रहे बीसीसीएल अधिकारी अभिजीत ने इस बार मूंगफली की छिलके से सरस्वती प्रतिमा बनाई है. प्रतिमा तैयार होने के अंतिम चरण में है, फिलहाल वह ड्यूटी करने के बाद देर रात तक जग कर प्रतिमा बना रहे हैं.
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कोयलांचल धनबाद के कार्मिक नगर बीसीसीएल क्वार्टर में रहने वाले अभिजीत चटर्जी छात्र जीवन से ही मां सरस्वती की प्रतिमा बनाते हैं. 2021 की सरस्वती पूजा के लिए उन्होंने अपने हाथों से 45 वीं मूर्ति बनाई है. हर साल वो बार अलग-अलग थीम का इस्तेमाल कर मूर्ति बनाते हैं. इस साल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए उन्होंने मूर्ति बनाई है. अभिजीत पहले मूर्ति बनाकर अपने घरों में ही पूजा करते थे, लेकिन 2009 में बीसीसीएल के वर्तमान सीएमडी टीके लाहिड़ी ने उन्हें इस कला के लिए सम्मान दिया था, जिसके बाद से उनकी बनाई गई मूर्ति की पूजा कोयला नगर स्थित ब्लैक डायमंड क्लब में होने लगी है.
अभिजीत फाइनेंस ऑफिसर के पद पर हैं तैनात
बीसीसीएल सिजुआ इलाके में फाइनेंस ऑफिसर के पद पर तैनात अभिजीत चटर्जी की बनाई हुई मूर्ति की पूजा ब्लैक डायमंड क्लब कोयला नगर सभागार में होती है, जहां बीसीसीएल सीएमडी की पत्नी के साथ-साथ अन्य बड़े अधिकारी की पत्नी और नारी शक्ति की सभी महिलाएं और उनके परिवार के बच्चे मौजूद रहते हैं. वहीं पर मूर्ति की पूजा होती है.
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मूर्ति बनाने में अभिजीत का परिवार भी करता है मदद
ईटीवी भारत से बात करते हुए अभिजीत चटर्जी ने बताया कि ड्यूटी से आने के बाद देर रात तक मूर्ति बनाने का काम वह करते हैं और पूजा से पहले वह मूर्ति बनाकर तैयार कर देते हैं. मूर्ति बनाने में अभिजीत चटर्जी के पूरे परिवार का सहयोग रहता है. उनकी पत्नी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि मेरी जब से शादी हुई है तब से मैं उन्हें मूर्ति बनाते हुए देखती हूं, जिससे मुझे काफी खुशी होती है.
हर साल अलग थीम
अभिजीत मूर्ति हर साल अलग-अलग थीम पर मूर्ति बनाते हैं. उन्होंने भूमिगत खदानों में खतरे से आगाह करने, पर्यावरण संरक्षण आदि को लेकर अब तक मूर्ति बनाी है. अभिजीत अब तक साबुन, बिचाली, फूल आदि कई प्रकार की चीजों से सरस्वती की प्रतिमा बना चुके हैं. इस बार मूंगफली के छिलके से बनाई जा रही प्रतिमा पर मास्क भी लगाया जाएगा, ताकि कोरोना गाइडलाइन के पालन का संदेश दिया जाए.