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3 दिनों से कोरोना मरीज घर पर मौजूद, जानकारी के बाद भी प्रशासन ने नहीं की पहल - bad condition of Health Department in dhanbad

धनबाद में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से फेल हो चुका है. इसका जीता जागता उदाहरण धनबाद के गोविंदपुर इलाके में देखने को मिला. जहां पर 3 दिनों से कोरोना पीड़ित घर पर मौजूद है. इसके बाद भी उसे कोविड-19 अस्पताल ले जाने वाला कोई नहीं, जानिए क्या है पूरी कहानी.

bad condition of Health Department
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Published : Jul 30, 2020, 9:10 PM IST

धनबाद: जिले में 3 दिन पहले गोविंदपुर गांव भीतर छोटा तालाब के पास मनोरम नगर इलाके में एक कोरोना मरीज पाया गया है. पीड़ित मरीज ने अपनी जांच प्राइवेट लैब में करवाई थी. जिसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, लेकिन 3 दिन बीत जाने के बावजूद उसे कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने वाला कोई नहीं है.

देखें पूरी खबर

डरे सहमे हैं लोग

स्थानीय लोग काफी डरे सहमे हैं क्योंकि जिस तरीके से कोरोना धनबाद में विस्फोटक रूप ले चुका है. इससे लोगों में डर समा गया है. स्थानीय पड़ोसियों के साथ-साथ पीड़ित और उसके परिवार के सदस्य भी पीड़ित को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सभी जगह मिन्नत कर हार चुके हैं, लेकिन कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकारी इसका मुआयना करने पहुंचे, लेकिन उनके घर पर किसी प्रकार की खाने-पीने की भी व्यवस्था नहीं की गई. जिसके कारण मरीज और उसके परिवार के सदस्यों का बुरा हाल है.

नहीं निकला कोई नतीजा

स्थानीय लोगों ने गोविंदपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी जानकारी दी गई. ईटीवी भारत ने भी धनबाद जिला प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी को जानकारी दी, लेकिन इसका कोई नतीजा अब तक नहीं निकल पाया है. प्रखंड विकास पदाधिकारी का कहना है कि कोविड-19 अस्पताल ले जाने के लिए जिले से स्पेशल एंबुलेंस में स्वास्थ्य कर्मी आते हैं जानकारी देने के बावजूद भी जिले से एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई है.

ये भी पढ़ें-कोरोना ने काटी सरकार की जेब, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 10420 कलेक्ट

पूरी तरह फेल है स्वास्थ्य विभाग

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में अभी मात्र लगभग 600 मरीज पाए गए हैं. तब जिला प्रशासन की यह स्थिति है और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरीके से फेल है, तो ऐसे में आने वाले दिनों में कोरोना धनबाद में विस्फोटक रूप ले सकता है. क्योंकि जिस तरीके से पॉजिटिव पाई जाने के बावजूद मरीजों के इलाज और उसे कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. ऐसे में जिले में आने वाले दिनों में क्या होगा यह कहना बहुत ही मुश्किल है. कोरोना मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराए जाने के कारण स्थानीय लोगों में भय का माहौल है.

धनबाद: जिले में 3 दिन पहले गोविंदपुर गांव भीतर छोटा तालाब के पास मनोरम नगर इलाके में एक कोरोना मरीज पाया गया है. पीड़ित मरीज ने अपनी जांच प्राइवेट लैब में करवाई थी. जिसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, लेकिन 3 दिन बीत जाने के बावजूद उसे कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने वाला कोई नहीं है.

देखें पूरी खबर

डरे सहमे हैं लोग

स्थानीय लोग काफी डरे सहमे हैं क्योंकि जिस तरीके से कोरोना धनबाद में विस्फोटक रूप ले चुका है. इससे लोगों में डर समा गया है. स्थानीय पड़ोसियों के साथ-साथ पीड़ित और उसके परिवार के सदस्य भी पीड़ित को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सभी जगह मिन्नत कर हार चुके हैं, लेकिन कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकारी इसका मुआयना करने पहुंचे, लेकिन उनके घर पर किसी प्रकार की खाने-पीने की भी व्यवस्था नहीं की गई. जिसके कारण मरीज और उसके परिवार के सदस्यों का बुरा हाल है.

नहीं निकला कोई नतीजा

स्थानीय लोगों ने गोविंदपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी जानकारी दी गई. ईटीवी भारत ने भी धनबाद जिला प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी को जानकारी दी, लेकिन इसका कोई नतीजा अब तक नहीं निकल पाया है. प्रखंड विकास पदाधिकारी का कहना है कि कोविड-19 अस्पताल ले जाने के लिए जिले से स्पेशल एंबुलेंस में स्वास्थ्य कर्मी आते हैं जानकारी देने के बावजूद भी जिले से एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई है.

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पूरी तरह फेल है स्वास्थ्य विभाग

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में अभी मात्र लगभग 600 मरीज पाए गए हैं. तब जिला प्रशासन की यह स्थिति है और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरीके से फेल है, तो ऐसे में आने वाले दिनों में कोरोना धनबाद में विस्फोटक रूप ले सकता है. क्योंकि जिस तरीके से पॉजिटिव पाई जाने के बावजूद मरीजों के इलाज और उसे कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराने में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. ऐसे में जिले में आने वाले दिनों में क्या होगा यह कहना बहुत ही मुश्किल है. कोरोना मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराए जाने के कारण स्थानीय लोगों में भय का माहौल है.

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