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विश्व एड्स दिवस पर धनबाद में जागरूकता रैली, लोगों को बीमारी के बारे में दी गई जानकारी

एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है (World AIDS Day 2022). इस मौके पर धनबाद के सदर अस्पताल और सीएचसी अस्पताल ने जागरुकता रैली निकाली (Awareness rally organized on World AIDS Day). इस रैली का मकसद लोगों को एड्स के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक करना है.

Awareness rally organized on World AIDS Day
Awareness rally organized on World AIDS Day
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Published : Dec 1, 2022, 2:08 PM IST

धनबाद: जिले के सीएचसी कार्यालय में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल और सीएचसी के द्वारा जागरुकता रैली निकाली गई ( Awareness rally organized on World AIDS Day). जागरुकता रैली को सदर अस्पताल अधीक्षक आलोक विश्वकर्मा और सीएचसी प्रभारी अनिता चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. लोगों ने हाथ में तख्तियां लेकर एड्स से बचाव के तरीकों का प्रचार-प्रसार किया.

यह भी पढ़ें: विश्व एड्स दिवस: झारखंड में इस वर्ष एक हजार से अधिक मिले नए HIV पॉजिटिव, 2030 तक राज्य एड्स मुक्त बनाने का लक्ष्य


सदर अस्पताल के अधीक्षक ने बताया: वहीं रैली में शामिल सदर अस्पताल के अधीक्षक आलोक कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day 2022) के अवसर पर लोगों के बीच जागरुकता रैली निकालकर इस घातक बीमारी से बचने के उपाय और एहतियात बताए जा रहे हैं. एड्स एक घातक और जानलेवा बीमारी है इसलिए लोगों में जागरुकता फैलाई जा रही है. एड्स बीमारी जो पहले साउथ अफ्रीका के बंदरों में पाया जाता था. जिसके बाद इंसानों में भी पाए जाने लगा है. इस वजह से आज विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया जा सके.

देखें वीडियो

रैली में काफी संख्या में महिलाएं शामिल: सीएचसी प्रभारी अनिता चौधरी ने मीडिया को बताया कि हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के मौके पर सीएचसी द्वारा जागरुकता रैली निकाली जाती है. जिसमें काफी संख्या में महिलाएं सम्मिलित होकर लोगों को जागरूक करने का संदेश देती हैं. एड्स घातक और जानलेवा बीमारी है. जिससे इसका इलाज ना के बराबर है. लेकिन जो मरीज एड्स से ग्रसित हैं उनको दवाईयों के द्वारा काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन इलाज सफल नहीं हो सकता है. इस वजह से हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस जागरुकता रैली निकाली जाती है.

1988 से एड्स दिवस की शुरुआत: विश्व एडस दिवस 1988 के बाद से 1 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है. जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरुकता बढ़ाना और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनाना है. सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी, गैर सरकारी संगठन और दुनिया भर में लोग अक्सर एडस की रोकथाम और नियंत्रण पर शिक्षा के साथ इस दिन का निरीक्षण करते हैं.

धनबाद: जिले के सीएचसी कार्यालय में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल और सीएचसी के द्वारा जागरुकता रैली निकाली गई ( Awareness rally organized on World AIDS Day). जागरुकता रैली को सदर अस्पताल अधीक्षक आलोक विश्वकर्मा और सीएचसी प्रभारी अनिता चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. लोगों ने हाथ में तख्तियां लेकर एड्स से बचाव के तरीकों का प्रचार-प्रसार किया.

यह भी पढ़ें: विश्व एड्स दिवस: झारखंड में इस वर्ष एक हजार से अधिक मिले नए HIV पॉजिटिव, 2030 तक राज्य एड्स मुक्त बनाने का लक्ष्य


सदर अस्पताल के अधीक्षक ने बताया: वहीं रैली में शामिल सदर अस्पताल के अधीक्षक आलोक कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day 2022) के अवसर पर लोगों के बीच जागरुकता रैली निकालकर इस घातक बीमारी से बचने के उपाय और एहतियात बताए जा रहे हैं. एड्स एक घातक और जानलेवा बीमारी है इसलिए लोगों में जागरुकता फैलाई जा रही है. एड्स बीमारी जो पहले साउथ अफ्रीका के बंदरों में पाया जाता था. जिसके बाद इंसानों में भी पाए जाने लगा है. इस वजह से आज विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया जा सके.

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रैली में काफी संख्या में महिलाएं शामिल: सीएचसी प्रभारी अनिता चौधरी ने मीडिया को बताया कि हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के मौके पर सीएचसी द्वारा जागरुकता रैली निकाली जाती है. जिसमें काफी संख्या में महिलाएं सम्मिलित होकर लोगों को जागरूक करने का संदेश देती हैं. एड्स घातक और जानलेवा बीमारी है. जिससे इसका इलाज ना के बराबर है. लेकिन जो मरीज एड्स से ग्रसित हैं उनको दवाईयों के द्वारा काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन इलाज सफल नहीं हो सकता है. इस वजह से हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस जागरुकता रैली निकाली जाती है.

1988 से एड्स दिवस की शुरुआत: विश्व एडस दिवस 1988 के बाद से 1 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है. जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरुकता बढ़ाना और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनाना है. सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी, गैर सरकारी संगठन और दुनिया भर में लोग अक्सर एडस की रोकथाम और नियंत्रण पर शिक्षा के साथ इस दिन का निरीक्षण करते हैं.

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