धनबाद: उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने मंगलवार को समाहरणालय में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर बैठक की और यह निर्देश दिया कि जिले में सभी लोगों को फाइलेरिया की देवा देना सुनिश्चित करें. इसके लिए बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाया जाए. सभी स्टेक होल्डर्स के साथ एक बैठक कर और सेल बनाकर इसकी निगरानी की जाए. जेएसएलपीएस के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक अगले तीन-चार दिन में प्रखंड और पंचायत स्तर पर इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलाएंगे.
उपायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, पोषण सखी घर-घर जाकर इसकी जानकारी लोगों को देंगे. लोगों को यह भी बताएंगे कि यह बीमारी खतरनाक है और बढ़ती उम्र के बाद इसका दुष्प्रभाव देखने को मिलता है. इससे बचने का एकमात्र तरीका इसकी दवाई लेना है. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया के रोकथाम और उन्मूलन के लिए 22 से 27 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा. 22, 23 और 24 फरवरी को बूथ पर दवा खिलाई जाएगी. 25, 26 और 27 फरवरी को कार्यकर्ता घर-घर जाकर डीईसी और एल्बेंडाजोल की एक खुराक खिलाएंगे. जन-जन तक दवा पहुंचाने के लिए विलेज लेवल माइक्रो प्लान बनाया जाएगा.
22 फरवरी से पहले इस अभियान का व्यापक प्रसार बैंक मोड़ और सरायढेला में लगे एलईडी स्क्रीन और केबल टीवी पर किया जाएगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, पथ निर्माण विभाग, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग भी लोगों में जागरूकता लाने के लिए अपनी भूमिका निभाएंगे.
बैठक में जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अभिषेक पॉल ने कहा कि फायलेरिया एक वैक्टर जनित रोग है जो संक्रमित क्युलेक्स मच्छर द्वारा फैलाया जाता है. यह जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन इसकी वजह से शरीर में दिक्कत होती है. इससे बचाव के लिए एमडीए कार्यक्रम के दौरान लोगों को दवा लेनी चाहिए.
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इस तरह से दी जाएगी फाइलेरिया की दवा-
- 1 से 2 साल तक के बच्चे को एल्बेंडाजोल की आधी गोली
- 2 से 5 वर्ष तक को डीईसी की एक और एल्बेंडाजोल की एक गोली
- 6 वर्ष से 14 वर्ष तक डीईसी की 2 और एल्बेंडाजोल की एक गोली
- 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और एल्बेंडाजोल की एक गोली
इन्हें नहीं दी जाएगी दवा-
- एक साल से कम उम्र के बच्चे
- गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग