ETV Bharat / state

धनबाद: 9 सूत्री मांगों को लेकर एक्टू ने किया विरोध प्रदर्शन, मांगें पूरी नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

धनबाद में ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन एक्टू के बैनर तले एक दिवसीय धरना दिया गया. एक्टू के सदस्यों ने अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक मार्च निकाला और मांगें नहीं माने जाने पर जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी.

ACTU protests in dhanbad
विरोध प्रदर्शन
author img

By

Published : Feb 15, 2021, 10:53 PM IST

धनबाद: अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन एक्टू के बैनर तले जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक एक मार्च निकाला गया, जहां एक दिवसीय धरना भी दिया गया और मांगे नहीं माने जाने पर जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी गई.

इसे भी पढ़ें: धनबाद: पानी के लिए फूटा लोगों का गुस्सा, BCCL कोलियरी कार्यालय में किया तालाबंदी



एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णा सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने मजदूर और किसान विरोधी नीतियों को अपनाकर 44 श्रम कानूनों को खत्म किया है और चार श्रम कोड लाया है, जो जन विरोधी और मजदूर विरोधी है, केंद्र सरकार अपनी नीतियां मजदूरों पर थोपने का काम कर रही है, अगर यही स्थिति रही तो एक बार फिर से मजदूर गुलामी की स्थिति में आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि 12 घंटे के बजाय मजदूरों से 8 घंटे काम लिया जाए, सरकार के लाए गए तीनों कृषि कानून को रद्द किया जाए और संगठित मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दी जाए, साथ ही साथ उन्हें स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाए और बेरोजगारी को देखते हुए छटनी पर रोक लगाई जाए.

धनबाद: अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन एक्टू के बैनर तले जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक एक मार्च निकाला गया, जहां एक दिवसीय धरना भी दिया गया और मांगे नहीं माने जाने पर जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी गई.

इसे भी पढ़ें: धनबाद: पानी के लिए फूटा लोगों का गुस्सा, BCCL कोलियरी कार्यालय में किया तालाबंदी



एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णा सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने मजदूर और किसान विरोधी नीतियों को अपनाकर 44 श्रम कानूनों को खत्म किया है और चार श्रम कोड लाया है, जो जन विरोधी और मजदूर विरोधी है, केंद्र सरकार अपनी नीतियां मजदूरों पर थोपने का काम कर रही है, अगर यही स्थिति रही तो एक बार फिर से मजदूर गुलामी की स्थिति में आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि 12 घंटे के बजाय मजदूरों से 8 घंटे काम लिया जाए, सरकार के लाए गए तीनों कृषि कानून को रद्द किया जाए और संगठित मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दी जाए, साथ ही साथ उन्हें स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाए और बेरोजगारी को देखते हुए छटनी पर रोक लगाई जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.