धनबाद: सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित क्लर्क उमेश सिंह को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है. कार्यालय में काम करने के दौरान ही क्लर्क को गिरफ्तार किया गया है. वह दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए रिश्वत मांग रहा था. जिसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर उसे ट्रैप कर लिया. जिसके बाद चार हजार रुपये की रिश्वत लेते क्लर्क को रंगे हाथ पकड़ लिया गया.
2023 में मिला था एसीबी को आवेदन: जानकारी देते हुए डीएसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि जोड़ाफाटक रोड निवासी उदय कुमार गुप्ता ने एसीबी को आवेदन दिया था. उन्होंने दिसंबर 2023 में ही एक आवेदन दायर कर एसीबी से शिकायत की थी. आवेदन में उन्होंने बताया था कि दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दिया था. आवेदन जमा करने के बाद बिल क्लर्क उमेश सिंह द्वारा रिश्वत की मांग की गयी. दोनों के बीच रिश्वत की रकम 4000 हजार रुपये तय हुई. आवेदन मिलने के बाद एसीबी ने मामले की जांच की. जांच के दौरान प्रथम दृष्टया रिश्वत मांगने का यह मामला सत्य पाया गया. इसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाया और आरोपी क्लर्क को सिविल सर्जन कार्यालय से 4000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया.
सिविल सर्जन कार्यालय से गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम ने उमेश सिंह के घर की भी तलाशी ली. हालांकि टीम को उसके घर से कुछ नहीं मिला. इस साल एसीबी का यह पहला ट्रैप है. डीएसपी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.
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