धनबादः झारखंड-बंगाल के चिरकुंडा बराकर स्थित बॉर्डर को सील कर दिया गया है साथ ही आने-जाने पर पुलिस चौकसी बरत रही है. वहीं, बराकर नदी तट पर 40 युवाओं की टोली पुलिस की मदद से पहरेदारी में जुटे हैं. नदी को पार कर बंगाल से झारखंड में प्रवेश करने वाले लोगों को युवक खदेड़कर बंगाल में ही फिर से वापस भेज रहें हैं.
कोरोना की संक्रमण से सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ आमलोग भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते से नजर आ रहे हैं. बराकर पुलिस के द्वारा बिहार झारखंड के बॉर्डर चिरकुंडा-बराकर पुल के पास सील कर चौकसी बरती जा रही है. वहीं, 40 युवकों की एक टोली बराकर नदी में पहरेदारी करते नजर आ रहे हैं. चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र स्थित बराकर नदी से सटे सुंदरनगर के 40 युवक लाठी-डंडे से लैस होकर नदी तट पर पहरेदारी कर रहे हैं. दरअसल झारखंड बंगाल की सीमा को पुलिस द्वारा पहले ही सील किया जा चुका है. लोगों का आना जाना पूरी तरह से बंद है. ऐसे में बंगाल से लोग नदी पार कर झारखंड में दाखिल होने की कोशिश करते हैं.
ये भी पढ़ें- सूबे में दो और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले, दोनों बोकारो के हैं, कुल संख्या 19 तक पहुंची
बताया जाता है कि 1 सप्ताह पूर्व करीब एक सौ मजदूर नदी पार कर बंगाल से झारखंड में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. जिसे खदेड़कर फिर भेज दिया गया. शनिवार को भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ. जिसमें करीब 25 लोग बंगाल से नदी को पार कर झारखंड में प्रवेश करना चाहते थे, लेकिन युवकों की टोली की मुस्तैदी के कारण वे अपने कोशिशों में नाकाम रहे. पुलिस के सहयोग से युवक दिनरात पहरेदारी में जुटे हैं.
इन युवाओं की तरह ही अन्य लोगों को भी सीख लेनी चाहिए कि राज्य की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर है. ऐसे ही यदि राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में युवा टोली तैयार कर कार्य करें तो निश्चित रूप से कोरोना को राज्य नही बल्कि देश को छोड़कर भागना ही पड़ेगा.