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केंद्रीय बजट से झारखंड की उम्मीदेंः मिनरल बेस्ड इकोनॉमी बनाने से लेकर बकाया पैसा का बजटीय उपबंध करने की मांग - UNION BUDGET 2025

केंद्रीय बजट से झारखंड को क्या मिलने वाला है. इसकी उम्मीदें सब कोई लगाकर बैठे हैं.

Jharkhand people expectations from Union Budget 2025
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 28, 2025, 7:03 PM IST

रांचीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से इस बार क्या निकलेगा इस पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं. 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट संसद में वित्त मंत्री के द्वारा पेश किया जाएगा.

इस बार के केंद्रीय बजट से झारखंड के राजनीतिक-सामाजिक और व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों को काफी उम्मीदें हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश प्रसाद का मानना है कि झारखंड के प्रति केंद्र की मोदी सरकार का हमेशा से खास लगाव रहा है जिसकी झलक बजट में भी दिखाई पड़ेगा. चूंकि इस राज्य का निर्माण भारतीय जनता पार्टी ने किया है इसलिए केंद्र की भाजपा सरकार को झारखंड के प्रति विशेष ध्यान है. केंद्र सरकार पिछले बजट में भी झारखंड को कई योजनाओं की सौगात दी थी इस बार भी 1 फरवरी को जरूर मिलेगा.

आगामी बजट को लेकर नेताओं और उद्यमियों की उम्मीदें (Etv Bharat)

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे कहते हैं कि केंद्रीय बजट में झारखंड के लिए विशेष प्रावधान हो इसको लेकर हम सभी टकटकी लगाए बैठे हैं. हमारा राज्य का जो बकाया है उसके लिए क्या बजटीय उपबंध होता है उस पर हमारी नजर है. झारखंड एक गरीब राज्य है जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं मगर केंद्र सरकार उपेक्षा की दृष्टि से देखती रही है. ऐसे में राज्य में चल रहे युवा आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार को केंद्र का सहयोग मिले और हमारा बकाया राशि देने का काम हो इसकी उम्मीद हम कर रहे हैं.

झामुमो नेता ने कहा कि कई योजनाओं का केंद्रीय मद की राशि पिछली बार नहीं मिली जिसके कारण से योजनाएं संचालित होने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा. ऐसे में आगामी वित्तीय वर्ष में ऐसा प्रावधान हो जो राज्यों को मिलने वाले केंद्रांश की बेवजह देरी और उलझन का सामना न करना पड़े.

झारखंड को मिनरल बेस्ड इकोनॉमी में तब्दील हो- आदित्य मलहोत्रा

केंद्रीय बजट को लेकर व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों में काफी उत्सुकता है. चैंबर महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने झारखंड को मिनरल बेस्ड इकोनामी बनाने की मांग करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार का जो विकसित भारत का परिकल्पना है उसमें इस्टर्न इंडिया को ग्रोथ इंजन के रुप में देखा जा रहा है उसमें झारखंड एक ऐसा राज्य है जो ग्रोथ इंजन में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने में सक्षम है.

उन्होंने कहा कि झारखंड में 40% मिनरल पाए जाते हैं आवश्यकता इस बात की है कि यहां की खनिज संपदाओं को ध्यान में रखते हुए मिनरल बेस्ड इकोनामी झारखंड को बनाने का जिससे न केवल औद्योगिक विकास होगी बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा. केंद्र सरकार से झारखंड को विशेष पैकेज देने की मांग करते हुए कहा कि जिससे यहां स्पेशल इकोनॉमी जोन आए, एक्सपोर्ट प्रमोशन जोन आए, एक इंडस्ट्रियल कोरीडोर की स्थापना हो जिससे यहां मैनुफैक्चरिंग हब बन सके.

झारखंड में कई थर्मल पावर स्थापित करने की मांग करते हुए आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि हमारे राज्य में इतनी कोयला का उत्पादन होता है जो हम दूसरे प्रदेश में भेजते हैं यदि थर्मल पावर स्थापित करते हैं तो इतना बिजली का उत्पादन होगा जो दूसरे राज्यों को भी हम दे सकते हैं.

2024-25 में झारखंड को केंद्रीय बजट से मिली थी ये सौगात

चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री के द्वारा झारखंड के लिए कई सौगातें दी गई थी जिसमें पूर्वोदय योजना के तहत बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के साथ-साथ झारखंड को भी जोड़ा गया था. इस योजना से इन राज्यों में आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा तथा रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा. इसके तहत पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 26 हजार करोड़ रुपये के हाइवे निर्माण की भी घोषणा की गई थी. इसके अलावा प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत आदिवासियों की सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बजट में समाहित किया गया था. रेलवे के क्षेत्र में विकास के लिए बजट में झारखंड को 7234 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे.

इसे भी पढ़ें- टैक्सपेयर्स को बजट 2025 में मिल सकती है राहत, धारा 80सी, 80डी के तहत वित्त मंत्री करेंगी बड़ा ऐलान!

इसे भी पढ़ें- धनबाद रेल मंडल संसदीय समिति ने की बैठक, सांसदों ने बजट के पूर्व रखी अपने क्षेत्र की ये मांगे

इसे भी पढे़ं- झारखंड विधानसभा का बजट सत्र होगा खास, सत्ता पक्ष-विपक्ष ने बनाई खास रणनीति

रांचीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से इस बार क्या निकलेगा इस पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं. 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट संसद में वित्त मंत्री के द्वारा पेश किया जाएगा.

इस बार के केंद्रीय बजट से झारखंड के राजनीतिक-सामाजिक और व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों को काफी उम्मीदें हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश प्रसाद का मानना है कि झारखंड के प्रति केंद्र की मोदी सरकार का हमेशा से खास लगाव रहा है जिसकी झलक बजट में भी दिखाई पड़ेगा. चूंकि इस राज्य का निर्माण भारतीय जनता पार्टी ने किया है इसलिए केंद्र की भाजपा सरकार को झारखंड के प्रति विशेष ध्यान है. केंद्र सरकार पिछले बजट में भी झारखंड को कई योजनाओं की सौगात दी थी इस बार भी 1 फरवरी को जरूर मिलेगा.

आगामी बजट को लेकर नेताओं और उद्यमियों की उम्मीदें (Etv Bharat)

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे कहते हैं कि केंद्रीय बजट में झारखंड के लिए विशेष प्रावधान हो इसको लेकर हम सभी टकटकी लगाए बैठे हैं. हमारा राज्य का जो बकाया है उसके लिए क्या बजटीय उपबंध होता है उस पर हमारी नजर है. झारखंड एक गरीब राज्य है जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं मगर केंद्र सरकार उपेक्षा की दृष्टि से देखती रही है. ऐसे में राज्य में चल रहे युवा आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार को केंद्र का सहयोग मिले और हमारा बकाया राशि देने का काम हो इसकी उम्मीद हम कर रहे हैं.

झामुमो नेता ने कहा कि कई योजनाओं का केंद्रीय मद की राशि पिछली बार नहीं मिली जिसके कारण से योजनाएं संचालित होने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा. ऐसे में आगामी वित्तीय वर्ष में ऐसा प्रावधान हो जो राज्यों को मिलने वाले केंद्रांश की बेवजह देरी और उलझन का सामना न करना पड़े.

झारखंड को मिनरल बेस्ड इकोनॉमी में तब्दील हो- आदित्य मलहोत्रा

केंद्रीय बजट को लेकर व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों में काफी उत्सुकता है. चैंबर महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने झारखंड को मिनरल बेस्ड इकोनामी बनाने की मांग करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार का जो विकसित भारत का परिकल्पना है उसमें इस्टर्न इंडिया को ग्रोथ इंजन के रुप में देखा जा रहा है उसमें झारखंड एक ऐसा राज्य है जो ग्रोथ इंजन में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने में सक्षम है.

उन्होंने कहा कि झारखंड में 40% मिनरल पाए जाते हैं आवश्यकता इस बात की है कि यहां की खनिज संपदाओं को ध्यान में रखते हुए मिनरल बेस्ड इकोनामी झारखंड को बनाने का जिससे न केवल औद्योगिक विकास होगी बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा. केंद्र सरकार से झारखंड को विशेष पैकेज देने की मांग करते हुए कहा कि जिससे यहां स्पेशल इकोनॉमी जोन आए, एक्सपोर्ट प्रमोशन जोन आए, एक इंडस्ट्रियल कोरीडोर की स्थापना हो जिससे यहां मैनुफैक्चरिंग हब बन सके.

झारखंड में कई थर्मल पावर स्थापित करने की मांग करते हुए आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि हमारे राज्य में इतनी कोयला का उत्पादन होता है जो हम दूसरे प्रदेश में भेजते हैं यदि थर्मल पावर स्थापित करते हैं तो इतना बिजली का उत्पादन होगा जो दूसरे राज्यों को भी हम दे सकते हैं.

2024-25 में झारखंड को केंद्रीय बजट से मिली थी ये सौगात

चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री के द्वारा झारखंड के लिए कई सौगातें दी गई थी जिसमें पूर्वोदय योजना के तहत बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के साथ-साथ झारखंड को भी जोड़ा गया था. इस योजना से इन राज्यों में आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा तथा रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा. इसके तहत पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए 26 हजार करोड़ रुपये के हाइवे निर्माण की भी घोषणा की गई थी. इसके अलावा प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत आदिवासियों की सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बजट में समाहित किया गया था. रेलवे के क्षेत्र में विकास के लिए बजट में झारखंड को 7234 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे.

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