ETV Bharat / state

देवघर: बाबा मंदिर में सतुआनी और वैशाख की पूजा

देवघर में सोमवार को वैशाख मास में पुरोहित समाज और स्थानीय लोगों ने बाबा मंदिर में पूजा की. इस दौरान पूजा में सत्तू चढ़ाया. साथ ही बाबा भोलेनाथ को गर्मी से बचाने के लिए सतुआनि में गलन्तिका लगाया गया.

Vaishakh month celebrated in Deoghar
देवघर में मनाया गया वैशाख मास
author img

By

Published : Apr 14, 2020, 10:18 AM IST

Updated : Apr 14, 2020, 12:48 PM IST

देवघर: कोरोना वायरस को लेकर बाबा मंदिर में काफी दिनों बाद थोड़ी सी चहल-पहल देखने को मिली. सोमवार को वैशाख मास कृष्ण पक्ष षष्ठी जिसे सतुआनी के तौर पर देवघर बाबा मंदिर में मनाया जाता है.

देखें पूरी खबर

देवघर बाबा मंदिर में इस पर्व को लेकर मंदिर के पुरोहित और स्थानीय पहुंचे. इससे पहले सुबह सरकारी पूजा में बाबा भोलेनाथ को वैशाख मास में फल जैसे आम, बेल, सत्तू, दही से पूजा अर्चना की गई. पुरोहित समाज और स्थानीय लोग बाबा मंदिर में पूजा करने में सत्तू चढ़ाया गया. इसके अलावा बाबा भोलेनाथ को 1 महीने तक ठंडे पानी से बाबा भोलेनाथ को स्नान कराते हुए विश्राम कराया जाएगा. मान्यता है की बाबा भोलेनाथ को गर्मी से बचाने के लिए एक चांदी का घड़ा रख दिया जाता है और उससे बूंद-बूंद गंगाजल बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर गिरता रहता है. जिसके बाद बाबा भोलेनाथ विश्राम करते हैं. इसे गलन्तिका कहते हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड में कोरोना से 2 की मौत, 24 मरीज, देश भर में अब तक 339 लोगों की गई जान

बाबा मंदिर में ऋतु फल और घट दान भी किया जाता है. स्थानीय श्रद्धालु पहले शिवगंगा में स्नान कर सत्तू , आम को पलाश के पत्ते में रखकर दान करते है और बाबा को चढ़ाते है. इस दिन भक्त अपने पितरो को घट दान करते है और पानी पूर्वजों को दान करते है और तो और इन्हे ताड़ के पत्तो का पंखा भी चढ़ाया जाता है. कहा जाता है की इस दान का उतना ही मूल्य है जितना सोना दान का होता है. बहरहाल, हर साल की भांति इस साल भी बाबा भोले को गर्मी से बचने और आराम करने के लिए जहां गलन्तिका लगाया गया.

देवघर: कोरोना वायरस को लेकर बाबा मंदिर में काफी दिनों बाद थोड़ी सी चहल-पहल देखने को मिली. सोमवार को वैशाख मास कृष्ण पक्ष षष्ठी जिसे सतुआनी के तौर पर देवघर बाबा मंदिर में मनाया जाता है.

देखें पूरी खबर

देवघर बाबा मंदिर में इस पर्व को लेकर मंदिर के पुरोहित और स्थानीय पहुंचे. इससे पहले सुबह सरकारी पूजा में बाबा भोलेनाथ को वैशाख मास में फल जैसे आम, बेल, सत्तू, दही से पूजा अर्चना की गई. पुरोहित समाज और स्थानीय लोग बाबा मंदिर में पूजा करने में सत्तू चढ़ाया गया. इसके अलावा बाबा भोलेनाथ को 1 महीने तक ठंडे पानी से बाबा भोलेनाथ को स्नान कराते हुए विश्राम कराया जाएगा. मान्यता है की बाबा भोलेनाथ को गर्मी से बचाने के लिए एक चांदी का घड़ा रख दिया जाता है और उससे बूंद-बूंद गंगाजल बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर गिरता रहता है. जिसके बाद बाबा भोलेनाथ विश्राम करते हैं. इसे गलन्तिका कहते हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड में कोरोना से 2 की मौत, 24 मरीज, देश भर में अब तक 339 लोगों की गई जान

बाबा मंदिर में ऋतु फल और घट दान भी किया जाता है. स्थानीय श्रद्धालु पहले शिवगंगा में स्नान कर सत्तू , आम को पलाश के पत्ते में रखकर दान करते है और बाबा को चढ़ाते है. इस दिन भक्त अपने पितरो को घट दान करते है और पानी पूर्वजों को दान करते है और तो और इन्हे ताड़ के पत्तो का पंखा भी चढ़ाया जाता है. कहा जाता है की इस दान का उतना ही मूल्य है जितना सोना दान का होता है. बहरहाल, हर साल की भांति इस साल भी बाबा भोले को गर्मी से बचने और आराम करने के लिए जहां गलन्तिका लगाया गया.

Last Updated : Apr 14, 2020, 12:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.